यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के बीच वहां फंसे भारतीयों का मुद्दा गरमाता जा रहा है. एक छात्र की मौत हो चुकी है और हजारों छात्र अभी भी वहां पर फंसे हुए हैं. सरकार दावा जरूर कर रही है कि अब मिशन गंगा में तेजी आ गई है और जल्द ही सभी को वहां से रेस्क्यू कर लिया जाएगा, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से तीन तीखे सवाल पूछे हैं.
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर पूछा है कि अभी तक कितने छात्रों का सफल रेस्क्यू किया गया है, अभी कितने छात्रों का रेस्क्यू होना बाकी है, हर जगह की रेस्क्यू रणनीति क्या रखी गई है. अब राहुल गांधी के मुताबिक पहले से बिगड़ी स्थिति को कंट्रोल में करने के लिए इन तीन सवालों के जवाब पता होना जरूरी है.
वैखे खबर तो ये भी है कि राहुल गांधी यूक्रेन में फंसे छात्रों का मुद्दा विदेश मामलों पर संसद की सलाहकार समिति में भी उठाने वाले हैं. वे खुद इस कमेटी के सदस्य हैं, ऐसे में इस मीटिंग में उनकी तरफ से इस मुद्दे को उठाया जाएगा. ये मीटिंग कल सुबह 11 बजे होने वाली है. ऐसे में राहुल गांधी मिशन गंगा को लेकर कई तरह के सवाल पूछने वाले हैं. कांग्रेस की तरफ से तो सोशल मीडिया पर एक मुहिम भी शुरू कर दी गई है- Speak Up for Students. कल यूथ कांग्रेस द्वारा तो विदेश मंत्री जयशंकर के घर के बाहर भी विरोध प्रदर्शन किया गया. मांग की गई कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को जल्द से जल्द वापस लाया जाए.
अब जिस मुद्दे पर राहुल गांधी केंद्र को घेरने का प्रयास कर रहे हैं, पीएम मोदी ने चुनावी रैली में पहले ही उसे सरकार की सफलता के तौर पर दिखाना शुरू कर दिया है. आज बुधवार को एक रैली में पीएम मोदी ने कहा है कि भारत की ताकत अब पूरी दुनिया में काफी बढ़ चुकी है. इसी वजह से यूक्रेन से हजारों छात्रों का सफल रेस्क्यू हो पाया है. उन्होंने जोर देकर कहा है कि वहां फंसे भारतीयों को वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी.
वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी पीएम के दावों पर पलटवार किया है. उन्होंने मंगलवार को केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि भूखे, प्यासे, ठंड में तड़पते भयभीत बच्चों का दर्द बच्चेवाले ही समझ सकते हैं. यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए भाजपा सरकार जिस तरह असंवेदनशील और निष्क्रिय है, वो निंदनीय है. यहां चुनाव में भाजपा भारटीयों को बचाने की झूठी तारीफ़ कर रही है, वहां सच्चाई भयावह है.
वैसे अखिलेश यादव ने तो यूक्रेन मुद्दे के अलावा अपनी जीत के भी बड़े दावे कर दिए हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि ये पहला चुनाव है जिसमें मैं देख रहा हूं कि जनता के बीच मुकाबला हो रहा है कि किस चरण में गठबंधन को ज्यादा सीटें मिले.
aajtak.in