'संकटग्रस्त दुनिया समाधान के लिए भारत की तरफ देख रही...', बोले मोहन भागवत

मध्य प्रदेश के जबलपुर में ‘जीवन उत्कर्ष महोत्सव’ कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पूरी दुनिया आज संकट में है और समस्याओं का समाधान खोजने के लिए भारत की ओर उम्मीद से देख रही है.

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मध्य प्रदेश के जबलपुर पहुंचे थे मोहन भागवत (File Photo) मध्य प्रदेश के जबलपुर पहुंचे थे मोहन भागवत (File Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:14 AM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि आज पूरी दुनिया संकट में है. दुनिया अपनी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए बहुत उम्मीद से भारत की तरफ देख रही है. उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया को भारत से ऐसी अपेक्षाएं इसलिए हैं क्योंकि देश धर्म और संस्कृति के मार्ग पर चलता है.

मोहन भागवत ने यह बात सोमवार को कही. उन्होंने जबलपुर में 'जीवन उत्कर्ष महोत्सव' नाम के एक धार्मिक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए यह बयान दिया. 

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उन्होंने कहा कि दुनिया को भारत से अपेक्षाएं हैं क्योंकि भारत धर्म और संस्कृति के रास्ते पर चलता है. उन्होंने संस्कृति का अर्थ नैतिक, सद्गुणी आचरण बताया.

विश्व के संकट और भारत की भूमिका...

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि दुनिया की समस्याओं का समाधान भारत के पास है. उन्होंने बताया कि दुनिया भारत की ओर इसलिए देख रही है क्योंकि भारत अपनी संस्कृति और धर्म के मार्ग पर अडिग रहता है. मोहन भागवत ने इस बात पर जोर दिया कि संस्कृति का सामान्य अर्थ नैतिक और सद्गुणी आचरण है. उनका मानना है कि जब लोगों में सद्भावना और एक-दूसरे के प्रति गहरा जुड़ाव होता है, तभी वे शालीनता से व्यवहार करते हैं.

यह भी पढ़ें: प्राचीन भारतीयों ने संस्कृति का प्रचार किया, धर्मांतरण नहीं किया, बोले मोहन भागवत

'संस्कृति का अर्थ सद्गुणी आचरण...'

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मोहन भागवत ने इस दौरान संस्कृति के महत्व को भी समझाया. उन्होंने साफ किया कि संस्कृति का मतलब साधारण शब्दों में नैतिक और गुणी व्यवहार होता है. उन्होंने यह भी कहा कि अच्छा व्यवहार तभी संभव है, जब लोगों के बीच सद्भावना की भावना हो और वे एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हों.

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