बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर आम राय बनाने की कोशिशों के बीच आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मंगलवार से 26 अप्रैल तक दिल्ली में हैं. संघ प्रमुख एबीवीपी के नए राष्ट्रीय कार्यालय का उद्घाटन करेंगे और वीएचपी नेता स्वामी विज्ञानानंद की एक बुक रिलीज कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.
संभावना है कि बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम को लेकर भी पार्टी नेताओं के साथ कुछ बैठकें हो सकती हैं. संघ अपनी ओर से नए अध्यक्ष के लिए मानदंड बता चुका है.
संघ चाहता है कि नया अध्यक्ष संगठन को मजबूत करने वाला हो. अध्यक्ष के चयन के जरिए राजनीतिक संदेश देने की जरुरत नहीं है. नए अध्यक्ष के चुनाव के साथ ही सरकार में भी बदलाव होने हैं. नए अध्यक्ष के चुनाव के बाद बीजेपी संगठन में बड़े बदलाव संभव हैं.
बीजेपी संगठन को मजबूत करने और उसे संभाल सकने वाले नेता को अध्यक्ष बनाना चाह रही है. अध्यक्ष के चयन में राजनीतिक संदेश देने के बजाए संगठन को मजबूत करने वाले नेता को प्राथमिकता देने पर विचार किया जा रहा है.
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पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक संस्था पार्लियामेंट्री बोर्ड में कद्दावर नेताओं को जगह दी जा सकती है. नए अध्यक्ष के चयन को लेकर अभी आम राय नहीं बन पा रही है.
नया अध्यक्ष बनने के बाद 50 प्रतिशत राष्ट्रीय महासचिवों की छुट्टी होना तय माना जा रहा है. नए अध्यक्ष की टीम में युवा नेताओं को बतौर महासचिव जगह दी जाएगी.
जानकारी के अनुसार, अभी तक 14 राज्यों के अध्यक्षों का चुनाव हो चुका है. पार्टी संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 19 राज्यों में निर्वाचन जरूरी है.
नए अध्यक्ष के नाम पर आम राय ना बन पाने और गुजरात, यूपी, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और ओडिशा जैसे महत्वपूर्ण राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष तय न हो पाने के कारण चुनाव अटका हुआ है.
19 राज्यों में चुनावी प्रक्रिया पूरी होने के बाद राष्ट्रीय निर्वाचन अधिकारी के लक्ष्मण प्रेस कांफ्रेंस में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के लिए कार्यक्रम की विधिवत घोषित करेंगे.
माना जा रहा है कि इस महीने के अंत या फिर अगले महीने की शुरुआत में नए अध्यक्ष का चुनाव की घोषणा हो सकती है.
हिमांशु मिश्रा