RBL बैंक लिमिटेड के पूर्व सहायक और उपाध्यक्ष 19.80 करोड़ के धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार

RBL बैंक लिमिटेड के पूर्व सहायक और उपाध्यक्ष नागेंद्र कुमार को 19.80 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया है. 19.80 करोड़ रुपये घोटाले का आरोप है. आरोपितों की तलाश के लिए टीम गठित की गई लेकिन वे अपने पुराने पतों से फरार पाए गए. तकनीकी निगरानी के आधार पर आरोपी नागेंद्र कुमार को आखिरकार 13 जनवरी 2023 को वसंत कुंज, दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. 

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तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 14 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

RBL बैंक लिमिटेड के पूर्व सहायक और उपाध्यक्ष नागेंद्र कुमार को 19.80 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया है. नागेंद्र कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अपने ही खाते में 19.80 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं. उन्हें आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने गिरफ्तार किया है.

आरबीएल बैंक लिमिटेड के सतर्कता विभाग के निखिल छतरवाल ने एक शिकायत दर्ज की जिसमें कहा गया कि आरोपी नागेंद्र कुमार आरबीएल बैंक लिमिटेड के कर्मचारी थे और आरबीएल बैंक लिमिटेड, हंसालय बिल्डिंग, बाराखंभा रोड, नई दिल्ली में सहायक उपाध्यक्ष, कार्यान्वयन और ग्राहक सहायता के तौर पर कार्यरत थे.

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कैश मैनेजमेंट पोर्टल के जरिये पूरा खेल
7 अगस्त 2020 को आरबीएल बैंक लिमिटेड के दो खाताधारकों, (ए) मैसर्स जुबिलेंट लाइफ साइंसेज लिमिटेड और (बी) जुबिलेंट एग्री एंड कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने कैश मैनेजमेंट पोर्टल (CMS) के जरिये अपने खातों से कुछ डेबिट लेनदेन किया जो कि विवादित था. आगे की पूछताछ पर बैंक को पता चला कि आरोपी नागेंद्र कुमार ने इन खातों से 19.80 करोड़ रुपये आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के अपने खातों में ट्रांसफर किए. आरबीएल बैंक लिमिटेड ने आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड और एचडीएफसी बैंक लिमिटेड से संपर्क किया और पीड़ितों के खातों में धोखाधड़ी की राशि वापस कर दी.

लेनदेन वाली दो फंड ट्रांसफर 
अपने अधिकार का दुरुपयोग करके 07 अगस्त 2020 को लगभग 05.18 बजे आरोपी नागेंद्र कुमार ने आठ लेनदेन वाली दो फंड ट्रांसफर फाइल बनाई और उन्हें होस्ट टू होस्ट बैंकिंग सिस्टम (सिक्योर फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल) में कंपनियों के फोल्डर में अपलोड कर दिया.

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मेल भेजकर बैंक गायब
उसके बाद आरबीएल बैंक का कैश मैनेजमेंट सिस्टम ऑटोमेटिक रूप से इन फाइलों को भुगतान के लिए भेज देता है. 6.9 करोड़ रुपये आरोपी नागेंद्र कुमार के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए थे, लेकिन आरबीएल बैंक लिमिटेड के अनुरोध पर आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वापस कर दिए गए. 10 करोड़ रुपये एचडीएफसी बैंक द्वारा स्वीकार नहीं किए गए, क्योंकि लाभार्थी का नाम मेल नहीं खा रहा था. क्योंकि आरोपी नागेंद्र कुमार ने अपने खाता संख्या का जिक्र किया था. दैनिक सीमा का उल्लंघन होने के कारण 2.90 करोड़ रुपये ट्रांसफर नहीं किए गए. ठगी की रकम ट्रांसफर करने के बाद आरोपी नागेंद्र कुमार उसी दिन शाम 05.44 बजे इस्तीफे का ईमेल भेजकर बैंक से चला गया.

आरोपितों की तलाश के लिए टीम गठित की गई लेकिन वे अपने पुराने पतों से फरार पाए गए. तकनीकी निगरानी के आधार पर आरोपी नागेंद्र कुमार को आखिरकार 13 जनवरी 2023 को वसंत कुंज, दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तारी के बाद आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया. फिलहाल मामले में आगे की जांच की जा रही है.

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