'संविधान खत्म हो गया तो कुछ नहीं बचेगा...', राहुल गांधी ने मऊ रैली में फिर साधा आरएसएस-बीजेपी पर निशाना

राहुल गांधी ने कहा कि आंबेडकर जी, महात्मा गांधी जी समेत हिंदुस्तान के महापुरुषों की सोच है ये संविधान कुछ दिन पहले आरएसएस के मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान को 15 अगस्त 1947 में आजादी नहीं मिली बल्कि मोद जी के आने के बाद आजादी मिली.

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राहुल गांधी राहुल गांधी

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 27 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:29 PM IST

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी आज मध्य प्रदेश में हैं. उन्होंने मऊ में जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में विचारधारा की लड़ाई चल रही है, एक तरफ कांग्रेस है जो संविधान को मानते हैं तो दूसरी तरफ आरएसएस और बीजेपी है जो संविधान के खिलाफ है और इसको खत्म करना चाहते हैं.

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राहुल गांधी ने कहा कि आंबेडकर जी, महात्मा गांधी जी समेत हिंदुस्तान के महापुरुषों की सोच है ये संविधान कुछ दिन पहले आरएसएस के मोहन भागवत ने कहा कि हिंदुस्तान को 15 अगस्त 1947 में आजादी नहीं मिली बल्कि मोद जी के आने के बाद आजादी मिली.

उन्होंने कहा कि जिस दिन ये संविधान खत्म हो गया, उस दिन हिंदुस्तान के गरीबों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए कुछ नहीं बचेगा. ये लोग दो-तीन कारोबारियों को सब कॉन्ट्रैक्ट दे देते हैं. इस संविधान में कहां लिखा है कि हिंदुस्तान का सारा धन अडानी को दे देना चाहिए?

राहुल गांधी ने कहा कि आज हिंदुस्तान में सबसे ज्यादा बेरोजगारी है, जबकि उद्योगपति हजारों करोड़ों सिर्फ बच्चों की शादी में खर्च कर देते हैं. जितना धन अडानी के पास जाएगा, उतना कम रोजगार आपके बच्चों को मिलेगा.

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उन्होंने कहा कि जीएसटी गरीबों को खत्म करने का हथियार है. जब आप एक शर्ट खरीदते हो और उस पर जितनी जीएसटी देते हो उतनी ही जीएसटी अंबानी-अडानी देते हैं. लाखों करोड़ों रुपये आपकी जेबों से निकाला जाता है. 16 लाख करोड़ रुपये मोदी जी ने अपने उद्योगपति मित्रों का माफ किया है. जीएसटी आप देते हो, मेहनत आप करते हो और अंबानी-अडानी चीन का माल सस्ते में लाकर यहां बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं.

राहुल गांधी ने कहा कि पेट्रोल के दाम इंटरनेशनल मार्केट में कम होते हैं लेकिन हमारे देश में कम नहीं होता और इसका फायदा अंबानी-अडानी को जाता है. इस देश में दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और गरीबों के लिए कोई अधिकार नहीं है लेकिन आजादी के बाद वो बदलाव आया है. बीजेपी और आरएसएस चाहते हैं कि जैसे पहले गरीबों, आदिवासियों, पिछड़ों के अधिकार नहीं थे, वो स्थिति फिर बन जाए. 

 

 

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