कृषि बिल: सरकार के खिलाफ विपक्ष का हल्ला बोल, संसद परिसर में प्रोटेस्ट, राष्ट्रपति से भी मिलेंगे

कृषि बिल के मसले पर विपक्ष का हल्ला बोल जारी है. आज ही विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगी.

Advertisement
संसद परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन संसद परिसर में विपक्ष का प्रदर्शन

आनंद पटेल

  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST
  • आज राष्ट्रपति से मिलेंगे विपक्षी नेता
  • कृषि बिल के मसले पर जारी है रार

किसान बिल को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जंग छिड़ी हुई है. बिल को लेकर सदन में हंगामा हुआ जिसके बाद आठ सांसदों को निलंबित कर दिया गया. जिसके बाद से ही समूचे विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों का बहिष्कार किया हुआ है. अब आगे की रणनीति को लेकर बुधवार को विपक्ष की साझा बैठक होगी. साथ ही बुधवार शाम पांच बजे ही विपक्षी पार्टियां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगी. 

Advertisement

विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति से मिलने का वक्त मांगा गया था, जिसमें कृषि बिल पर चिंता, राज्यसभा में हुए हंगामे, सांसदों के निलंबन के मसले पर चर्चा की बात कही गई थी. विपक्ष ने अपील की थी कि राष्ट्रपति कृषि बिल को वापस राज्यसभा में लौटा दें. 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात से पहले संसद परिसर में सभी विपक्षी पार्टियां प्रदर्शन दे रही हैं. इस दौरान सभी के हाथ में किसान बचाओ के प्लेकार्ड भी हैं. प्रदर्शन में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन समेत विपक्ष के कई नेता मौजूद हैं. संसद परिसर में विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने गांधी मूर्ति से लेकर अंबेडकर मूर्ति तक मार्च भी निकाला.

किसान बिल के मसले पर कुल 16 पार्टियों ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखी है. हालांकि, बुधवार शाम की मुलाकात के दौरान सिर्फ पांच पार्टियों के नेता मिलेंगे, क्योंकि कोरोना संकट है इसलिए कम लोगों को एंट्री मिली है. हालांकि, ये सभी नेता सभी विपक्षी पार्टियों की चिंताएं व्यक्त करेंगे. इनमें कांग्रेस, टीएमसी, सपा, टीआरएस और डीएमके के प्रतिनिधि शामिल होंगे. 

Advertisement
संसद परिसर में प्रदर्शन

विपक्ष की साझा बैठक
इससे इतर राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाब नबी आजाद के दफ्तर में आज ये बैठक होगी. जिसमें किसान बिलों को लेकर आगे की चर्चा की जाएगी, साथ ही सरकार के खिलाफ किस तरह आवाज़ उठाई जाए इसपर भी मंथन होगा.

आपको बता दें कि मंगलवार को विपक्ष ने ऐलान किया था कि जबतक उनकी शर्तें नहीं मानी जाएंगी वो सदन का बहिष्कार करेंगे. विपक्ष की मांग है कि कृषि बिल को सिलेक्ट कमेटी को भेजा जाए, साथ ही निलंबित किए गए सांसदों का निलंबन वापसी हो.
 
इसी के बाद पहले राज्यसभा और फिर लोकसभा से विपक्ष ने बहिष्कार किया. बता दें कि मंगलवार को ही विपक्ष की गैरमौजूदगी में सरकार ने कई बिल पास भी करवा लिए.

मंगलवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी देश वापस लौटे हैं. कांग्रेस पहले ही 25 सितंबर से देशभर में आंदोलन की बात कह चुकी है और सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने की तैयारी है. कांग्रेस की ओर से देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी. राज्य, जिला, ब्लॉक स्तर पर ज्ञापन सौंपे जाएंगे. ऐसे में कृषि बिल को लेकर शुरू हुई सरकार और विपक्ष के बीच की ये जंग लंबी खिंच सकती है. 

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement