आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर दिल्ली की सारी झुग्गियां तोड़ने के आदेश देने का आरोप लगाया है. AAP नेता आतिशी का आरोप है कि पीएम मोदी के सलाहकार तरुण कपूर ने एमसीडी, रेलवे, डीडीए के साथ बैठक कर अफसरों को आदेश दिया है कि दिल्ली से झुग्गियों का पूरी तरह सफाया करना है. उन्होंने कहा कि भाजपा हर चुनाव में जहां झुग्गी-वहीं मकान देने का वादा करती है और चुनाव बाद झुग्गियों को तोड़ देती है. लेकिन, जब तक आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल हैं, तब तक हम किसी झुग्गी को तोड़ने नहीं देंगे. झुग्गीवालों के अधिकारों के लिए "आप" सड़क, कोर्ट और संसद तक लड़ाई लड़ेगी, ताकि ऐसी ठंड में भाजपा झुग्गी में रहने वालों को बेघर न कर पाए.
आतिशी ने कहा कि बीजेपी दिल्ली में हर चुनाव से पहले विज्ञापन निकालती है और झुग्गी वालों से फॉर्म भरवा कर कहती है कि उनको इन झुग्गियों की जगह मकान देंगे. एमसीडी चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालकाजी के झुग्गी वालों को 500 मकान दिए थे और अखबारों में फुल पेज का एक विज्ञापन निकालकर वादा किया कि हर किसी को उनकी झुग्गियों के बदले 5 किलोमीटर के दायरे में पक्का मकान देंगे, लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म हुआ झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस पिछले साल जनवरी से आने लगे. यहां लगभग 15 हजार लोग रहते हैं. बीजेपी चुनाव से पहले जहां झुग्गी, वहां मकान देने का वादा करती है और चुनाव के बाद कहती है कि हमें झुग्गीवाले पसंद नहीं हैं. हम झुग्गी तोड़ डालेंगे और उनको फुटपाथ पर ले आएंगे.
आगे आतिशी ने कहा कि बीजेपी कहती है कि झुग्गी वालों को 50 किलोमीटर दूर नरेला में फेंक देंगे, जहां स्कूल, नौकरियों और आवागमन के लिए कोई साधन नहीं है. ऐसा पिछले कई साल से दिल्ली में चल रहा है. बीजेपी शासित केंद्र सरकार अब दिल्ली से झुग्गियों को साफ करने की सुनियोजित ढंग से एक साजिश रच रही है. इसको लेकर 9 नवंबर को प्रधानमंत्री कार्यालय में एक मीटिंग हुई. इस मीटिंग को प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर ने लिया. इसमें दिल्ली की सभी लैंड जमीन मालिक एजेंसी जैसे एमसीडी, डीडीए, रेलवे, एलएंडडीओ के सभी अधिकारियों को बुलाया गया और आदेश दिया गया कि दिल्ली में पूरी तरह से झुग्गियों को साफ करना है.
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार की एलएंडडीओ एजेंसियों ने नवंबर 2023 में डीपीएस मथुरा रोड के ठीक पीछे सुंदर नगरी की झुग्गियों को ग्रेप के नियमों को अनदेखा ध्वस्त किया. वहीं, AAP मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि देश के हर बड़े शहर दिल्ली, मुंबई या कोलकाता में अलग-अलग जगहों पर जेजे कलस्टर हैं. जेजे कलस्टर समाज की सच्चाई है. मिडिल, अपर मिडिल क्लास वाले लोगों के घरों में साफ-सफाई करने वाली मेड, बच्चों की देखभाल करने वाली आया, ड्राइवर, कपड़े प्रेस करने वाला धोबी, चौकीदार, सब्जीवाला, फलवाला इन झुग्गी कलस्टर में रहते हैं. इन लोगों को यहां रहना अच्छा नहीं लगता, लेकिन मजबूरी है. वहीं, सरकार की झुग्गियों को हटाने के लिए एक खास तरह की पॉलिसी होती है. इस पॉलिसी के तहत लैंड ऑनिंग एजेंसी झुग्गी में रहने वाले लोगों के लिए वहां पर छोटे फ्लैट बनाकर देती है.
ऐसा देश के कई इलाकों समेत विदेशों में भी होता है. केंद्र सरकार की जमीन में लोगों को पुर्नवास करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार व डीडीए की होती है. वहीं, दिल्ली सरकार की जमीन में लोगों को पुर्नवास करने की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार या डूसिब (दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड) की है. लेकिन पिछले डेढ़-दो सालों में जिन झुग्गियों को तोड़ा जा रहा है, उनमें से अधिकतर केंद्र सरकार की जमीन पर बनी हुई हैं.
उन्होंने कहा कि दिल्ली में झुग्गियां उजाड़ने को लेकर अप्रैल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि कुछ तो रहम करो. इन झुग्गी वालों का पहले पुनर्वास करो. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विधासभा क्षेत्र सरोजनी नगर में भी केंद्र सरकार गरीब लोगों को उजाड़ने के लिए तत्पर है. सवाल यह उठता है कि केंद्र सरकार ऐसे गैरकानूनी काम को कर कैसे सकती है. ये देश का कानून है कि जब तक लोगों का पुनर्वास नहीं होगा, उनको उजाड़ा नहीं जा सकता है.
जी-20 के लिए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री के आदेश के बाजवूद धौलाकुंआ की झुग्गियों को उजाड़ दिया गया, वहां रहने वाले लोगों को बेघर कर दिया गया. महरौली के गौसिया कॉलोनी में केंद्र सरकार की एजेंसी डीडीए ने हजारों लोगों को उजाड़ दिया. जबकि, यहां के लोगों को कोर्ट से स्टे मिला हुआ था और ये नोटिफाई कलस्टर है. ये कॉलोनी काफी पुरानी और पुनर्वास के लिए पात्र है. ऐसे में यहां के लोगों को जब तक मकान नहीं दिया जाता, तब इस कॉलोनी को उजाड़ा नहीं जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तुगलकाबाद में केंद्र सरकार की ऑर्कियोलॉजी विभाग ने करीब ढाई लाख लोगों को उजाड़ दिया. जबकि, इससे पहले कोर्ट में इन लोगों ने कहा था कि इन लोगों का पुनर्वास किया जाएगा. अब ये ढाई लाख लोग उजड़ने के बाद कहां गए होंगे. जो इंसान नौकरी करता है. उसके छोटे-छोटे बच्चे हैं, जवान बेटियां हैं, वह अपने परिवार के साथ रैन बसेरे में रहने तो नहीं जाएगा. हर जगह कोर्ट में डीडीए यह कहता है कि उजड़े लोगों को डूसिब रैन बसेरे में ले जाएगा. ये कैसे संभव है. केंद्र सरकार षडयंत्र के तहत इन लोगों को उजाड़ रही है.
उधर, भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आम आदमी पार्टी के आरोपों पर सफाई जारी की है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी राजनीतिक रूप से निराश पार्टी है जो अस्तित्व बचाने की हारी हुई लड़ाई लड़ रही है. आज आम आदमी पार्टी अपने राजनीतिक अस्तित्व के लिए ऐसे मुद्दे उठा रही है जिनके लिए वह खुद जिम्मेदार है.
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू करने की अनुमति नहीं दी है और न ही झुग्गी-झोपड़ियों या शहरी गरीबों को लगभग 50,000 पहले से निर्मित राजीव आवास योजना मकान आवंटित किए हैं, जिससे वह बेहतर जीवन के अवसर से वंचित रह गये हैं.
दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष ने कहा है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर डीडीए ने दिल्ली में 3 जगहों पर जहां झुग्गी वहां मकान परियोजना लागू की है, लेकिन दिल्ली सरकार ने अपनी एक भी जमीन पर झुग्गीवालों के क्लस्टर में इस योजना को लागू नहीं किया है.
पंकज जैन