कौन हैं शेख तमीम बिन हमद अल-थानी... जिनके लिए प्रोटोकॉल तोड़कर एयरपोर्ट पहुंचे पीएम मोदी

ब्रिटेन से उच्च शिक्षा हासिल कर कतर लौटने पर तमीम बिन हमद को साल 2003 में क्राउन प्रिंस बनाया गया था. इसके बाद 2009 में उन्हें सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ का पद मिला था. कतर में खेलों को बढ़ावा देने में उनका अहम रोल माना जाता है.

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कतर के अमीर का पीएम मोदी ने किया स्वागत कतर के अमीर का पीएम मोदी ने किया स्वागत

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:06 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार शाम को प्रोटोकॉल तोड़कर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की अगवानी करने के लिए इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पहुंचे. ऐसे मौके कम आते हैं कि जब पीएम मोदी किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष का स्वागत करने के लिए खुद एयरपोर्ट जाते हैं. लेकिन भारत और कतर के रिश्तों को मजबूती देने के लिए पीएम ने बड़ा दिल दिखाया है.

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दो दिन की भारत यात्रा पर कतर के अमीर

कतर के अमीर अल-थानी दो दिन की राजकीय यात्रा पर भारत आए हैं. इस दौरान वह पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और इस दौरान दोनों देशों के बीच अहम समझौते भी हो सकते हैं. विदेश मंत्रालय के मुताबिक कतर के अमीर का मंगलवार को राष्ट्रपति भवन परिसर में औपचारिक स्वागत किया जाएगा और इसके बाद दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ उनकी बैठक होगी. कतर के अमीर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे.

प्रधानमंत्री मोदी के न्योते पर अल-थानी अपने दूसरे भारत दौरे पर आए हैं. इससे पहले उन्होंने मार्च 2015 में दिल्ली की यात्रा की थी. भारत और कतर के बीच हाल के वर्षों में व्यापार, निवेश, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, संस्कृति समेत कई क्षेत्रों में मजूबत संबंध स्थापित हुए हैं. इस दौरे पर भी कुछ अहम समझौतों पर मुहर लग सकती है. कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी दुनिया के 9वें सबसे अमीर शासक हैं, उनके पास करीब 335 अरब डॉलर की संपत्ति है.

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कौन हैं तमीम बिन अल-थानी

तीन जून 1980 को कतर के दोहा में जन्मे तमीम बिन अल-थानी अपने पिता शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी के बाद 25 जून 2013 को कतर के अमीर बने थे. ब्रिटेन में पढ़ाई कर चुके तमीम बिन हमद ने कतर की सेना में भी अपनी सेवाएं दी हैं. 44 साल के तमीम न सिर्फ कतर के सबसे युवा अमीर हैं बल्कि दुनियाभर में उनकी गिनती सबसे युवा राष्ट्राध्यक्षों में होती है. उन्होंने तीन शादियां की हैं और अलग-अलग पत्नियों से उनकी 13 संतान हैं.

ब्रिटेन से उच्च शिक्षा हासिल कर कतर लौटने पर तमीम को साल 2003 में क्राउन प्रिंस बनाया गया था. इसके बाद 2009 में उन्हें सेना में डिप्टी कमांडर इन चीफ का पद मिला था. खेलों में दिलचस्पी रखने वाले तमीम को वैश्विक स्तर पर पहचान 2006 में कतर में हुए एशियन गेम्स के सफल आयोजन के बाद मिली थी. इसके बाद उनकी अगुवाई में ही 2022 का फीफा वर्ल्ड कप भी कतर में आयोजित किया था.

पिता ने पद छोड़कर बनाया अमीर

जून 2013 में शेख हमद बिन खलीफा ने अपने बेटे तमीम के लिए अमीर का पद छोड़ दिया था. कतर में यह पावर ट्रांसफर अपेक्षित था लेकिन अरब देशों के नेताओं की ओर से आजीवन अपने पदों पर बने रहने का जो पैटर्न उस समय तक था, यह फैसला उससे अलग जरूर था. तमीम के शासन की शुरुआत में कुछ पड़ोसी देशों के साथ कतर के रिश्तों में दरार भी आई और ऐसे देशों ने 2014 में कतर से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया था. 2017 में सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र और बहरीन ने कतर के साथ संबंध तोड़ लिए और आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए.

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इसके बाद अमीर तमीम ने कतर के कारोबार को तुर्की, ईरान, कुवैत और ओमान जैसे देशों की ओर मोड़ दिया. तनाव के बीच तमीम 2018 और 2019 में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) की वार्षिक बैठक में भी शामिल नहीं हुए थे. जब वह जनवरी 2021 में वार्षिक बैठक में लौटे तो वहां नेताओं के साथ बैठकर संबंधों की बहाली और प्रतिबंध हटाने की एक डील पर साइन किए थे.

कतर और भारत के द्विपक्षीय रिश्तों की बदौलत ही कतर ने पिछले साल जेल में बंद भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को रिहा किया था. कतर के इस फैसले को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना गया क्योंकि इन भारतीयों को कतर की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. भारत और कतर के बीच एलएनजी को लेकर भी अहम समझौता हुआ था क्योंकि खाड़ी देश दुनिया में एलएनजी का सबसे बड़ा निर्यातक रहा है.

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