पंजाब में PM मोदी को किससे खतरा? दौरे से पहले बताए गए थे इन संगठनों के नाम

PM Modi Security Breach: पीएम मोदी के फिरोजपुर दौरे से पहले अग्रिम सुरक्षा संपर्क जारी हुआ था. इससें कुछ आतंकी संगठनों, किसान संगठनों का नाम लेकर उनसे खतरा बताया गया था.

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पीएम मोदी के पंजाब दौरे से पहले अग्रिम सुरक्षा संपर्क जारी हुआ था पीएम मोदी के पंजाब दौरे से पहले अग्रिम सुरक्षा संपर्क जारी हुआ था

कमलजीत संधू

  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:51 PM IST
  • पीएम मोदी के पंजाब दौरे से पहले अग्रिम सुरक्षा संपर्क जारी हुआ था
  • कुछ आतंकी संगठनों, किसान संगठनों के लिखे थे नाम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे से पहले उनकी सुरक्षा को लेकर खतरे की आशंका जताई गई थी. आजतक को वह advanced security liaison यानी अग्रिम सुरक्षा संपर्क मिला है जिसे पीएम मोदी के फिरोजपुर दौरे से पहले जारी किया गया था.

इस advanced security liaison (ASL) में किसान यूनियन, पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ-साथ कुछ आतंकवादी और उग्र संगठनों का जिक्र किया गया था.

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पत्र में दो किसान यूनियनों का जिक्र है, जिसमें BKU (EKTA UGRAHAN) और KMSC शामिल है. आशंका जताई गई थी कि ये दोनों किसान यूनियन पीएम मोदी के दौरे के दौरान प्रदर्शन कर सकती हैं. प्रदर्शन हुआ, पीएम का रास्ता भी रुका, लेकिन ये काम इन दोनों संगठनों में से किसी ने नहीं किया था. जानकारी के मुताबिक, KMSC ने मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मीटिंग के बाद प्रदर्शन से हाथ खींच लिया था. वहीं EKTA UGRAHAN के लोग फिरोजपुर में मौजूद ही नहीं थे. पीएम का काफिला भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी) की वजह से रुका था.

अग्रिम सुरक्षा संपर्क में क्या लिखा है

इसकी शुरुआत में सितंबर 2021 का जिक्र है. कहा गया है कि जब तरण तारण से खालिस्तान टाइगर फोर्स के अर्शदीप सिंह डल्ला (कनाडा में रहता है) के सहयोगियों को IED, हथियारों और ग्रेनेड के साथ पकड़ा गया था. इनको SFJ से भी जुड़ा बताया गया था. लिखा था कि आशंका थी कि इनके निशाने पर VIP और BJP नेता हैं.  उस इलाके में स्पीलर सेल होने की आशंका भी जताई गई थी.

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आगे कृषि कानूनों का जिक्र करते हुए लिखा था कि कानूनों की वापसी के बाद भी कुछ किसान संगठन अलग-अलग मांगों को लेकर पीएम से नाराज हैं. लिखा था कि BKU/E-U और KMSC किसान संगठनों से जुड़ लोग फिरोजपुर में पीएम का घेराव करने की कोशिश कर सकते हैं. लिखा था कि हुसैनीवाला में इन किसान संगठनों की अच्छी पकड़ है. आगे यह भी लिखा था कि ETT/TET पास टीचर्स यूनियन भी नियमितीकरण को लेकर पीएम को काले झंडे आदि दिखाकर विरोध कर सकते हैं. रैली के दौरान सभी की अच्छे से तलाशी लेने को जरूरी बताया गया था.

सिख कट्टरपंथी संगठन का भी जिक्र है जो सिख कट्टरपंथियों को रिहा कराने की मांग करते हैं. इसमें सिख फॉर जस्टिस के गुरपतवंत सिंह पन्नू का भी जिक्र है जो सिख युवाओं को पैसों का लालच देकर बीजेपी सरकार और पीएम मोदी के खिलाफ भड़काता है.

सुरक्षा को बताया गया था खतरा, दिए थे आतंकी संगठनों के नाम

पत्र में यह भी बताया गया था कि पीएम मोदी को किन-किन से खतरा है. लिखा था कि इंडियन मुजाहिदीन (आईएम), सिमी, लश्कर-सी-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हरकत-उल-मुजाहिदीन, हरकत-उल-जिहाद-ए-इस्लामी, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, हिजबुल मुजाहिदीन के अलावा अन्य पाक, वामपंथ और सिख आतंकवाद पर आधारित संगठनों से खतरा बताया गया था.

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आगे कुछ नामों का भी जिक्र था. लिखा था कि पाकिस्तान के आतंकी वधावा सिंह बब्बर (बीकेआई), परमजीत सिंह पंजावर (केसीएफ/पी), रंजीत सिंह नीता (केजेडएफ), लखबीर सिंह रोडे (आईएसवाईएफ/आर) से खतरा है क्योंकि ये लोग पंजाब में आतंकवाद को फिर जीवित करना चाहते हैं. लिखा था कि ये काम चुनाव के वक्त में RDX आदि भेजकर किया जा सकता है.

पाकिस्तान का भी था जिक्र

लिखा गया था कि पीएम का जहां कार्यक्रम है वह जगह भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से 14-15 किलोमीटर ही दूर है. इस इलाके को ड्रग्स, हथियारों की तस्करी के लिए पहचाने जाने वाला बताया गया था जहां पाकिस्तान की एजेंसियों ने भी अपने ड्रोन भेज दिए थे. लिखा था कि पाकिस्तान ड्रोन की मदद से VVIPs को भी निशाना बना सकता है. बताया गया था कि साल 2021 में पाकिस्तान की तरफ से 59 बार ड्रोन भेजे गए थे.

पत्र में फिरोजपुर में हुए कुछ बम धमाकों का भी जिक्र किया गया था, लिखा था कि यह बताया है कि जिले में पाकिस्तानी तस्कर एक्टिव हैं.

 

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