पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस के भाषण की मुख्य बातें

स्वतंत्रता दिवस के भाषण में पीएम मोदी ने किन बातों पर ज़ोर दिया, NEET को लेकर तमिलनाडु के सीएम और राज्यपाल के बीच क्यों तनातनी चल रही है और खुदरा महंगाई ने कैसे बढ़ाई आम लोगों की चिंता? सुनिए 'आज का दिन' में.

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कुंदन कुमार

  • ,
  • 15 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 10:52 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से लगातार 10वीं बार तिरंगा फहराया और देश को संबोधित किया. ध्वजारोहन से पहले प्रधानमंत्री महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने से पहले राज घाट भी गए थे. इस मौक़े पर सभी केंद्रिय मंत्री मौजूद थे, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उनका स्वागत किया. जी 20 को इस समारोह में ख़ास ज़ोर दिया गया है. प्रधानमंत्री के ध्वजारोहन के बाद भारतीय सेना की दो हैलिकॉप्टर मार्क 3 ने वहां मौजूद दर्शकों पर फुलों की बारिश की. अब तक 12 प्रधानमंत्रियों ने लाल क़िला की प्राचीर से देश को संबोधित किया है. अपने दूसरे कार्यकाल में बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आख़िरी बार तिरंगा लहराया, एक ग़ैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री के लिए ये रिकॉर्ड सबसे लंबा है. 15 अगस्त के लिए किस तरह की तैयारियां की गई थी और पीएम मोदी के भाषण की ख़ास बातें क्या थी? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.

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19 साल का जगदीश्वरन अपने पिता सेलवा सेकर के साथ रहता था, 12वीं की परिक्षा में उसके 85 प्रतिशत नबंर आए थे, सपना था डॉक्टर बनना. इसलिए उसने नीट की कोचिंग लेनी शुरू कर दी, लेकिन दो कोशिशों के बाद भी वो सफ़ल नहीं हुआ. इससे हताश होकर जगदीश्वरन ने आत्महत्या कर ली, उसके पिता सेलवा सेकर इस सदमें को झेल नहीं पाए और अगले ही दिन उन्होंने भी अपनी जान ले ली. ये पूरा वाक्या तमिलनाडु का है और ये दोनों घटनाएं 12 और 13 अगस्त को घटी हैं. खुदकुशी से पहले सेल्वासेकर ने अपनी बेटे के मौत के लिए NEET को ज़िम्मेदार बताया. इस मामले ने राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल शुरू कर दी है. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन राज्य में नीट के बंद करने के लिए एंटी-नीट बिल लाना चाहते हैं, लेकिन राज्य के राज्यपाल आर.एन. रवि का कहना है कि इससे डॉक्टर्स की क्वालिटी पर असर पड़ेगा. फ़िलाहल तमिलनाडु में इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच लगातार बयानबाज़ी और रस्साकशी क्यों चल रहा है, बाकी राज्यों के बच्चें भी इस परिक्षा में बैठते हैं, फिर क्या वजह है कि तमिलनाडु में इसको लेकर बवाल है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
 

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एक तरफ़ तमिलनाडु  में नीट की वजह से बच्चे अपनी जान दे रहे हैं, तो दूसरी ओर महंगाई ने देश की आम जनता की कमर तोड़ रखी है. कल सरकार ने जुलाई महीने के खदरा महंगाई दर के नंबर्स पेश किए. सब्जियों की बढ़ी कीमतों के कारण में खुदरा महंगाई दर ने 15 महीने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. आंकड़ें बताते हैं कि खुदरा महंगाई दर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई है. जून के महीने में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स बेस्ड इन्फ्लेशन 4.87 फीसदी थी. अगर पिछले साल से तुलना करें तो साल 2023 के जुलाई महीने में  ये 6.71 फीसदी थी. इस साल जुलाई में कंज्यूमर फूड इंडेक्स इन्फ्लेशन इन्फ्लेशन बढ़कर 11.51 फीसदी पर पहुंच गई. सब्जियों की खुदरा मुद्रास्फीत जून में माइनस 0.93 फीसदी थी. जुलाई में ये बढ़कर 37.34 फीसदी हो गई. क्यों बढ़ी है ये महंगाई और  महंगाई दर को काबू करने के लिए रेपो रेट बढ़ाए जाते हैं, बावजूद इसके ऐसा नहीं किया गया, इसके पीछे क्या वजहें हैं? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.


 

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