पीएम मोदी-बोरिस जॉनसन की फोन पर हुई बातचीत, वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, अफगानिस्तान पर चर्चा

ब्रिटेन की इंटरनेशनल ट्रैवल गाइडलाइंस को लेकर उपजे हालिया विवाद के खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के बीच सोमवार को फोन पर बातचीत हुई. दोनों के बीच में वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, अफगानिस्तान समेत विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई.

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बोरिस जॉनसन और पीएम मोदी (फाइल फोटो) बोरिस जॉनसन और पीएम मोदी (फाइल फोटो)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 11 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST
  • बोरिस जॉनसन ने पीएम मोदी को किया फोन
  • वैक्सीन सर्टिफिकेट, अफगानिस्तान समेत कई पर चर्चा

ब्रिटेन की इंटरनेशनल ट्रैवल गाइडलाइंस को लेकर उपजे हालिया विवाद के खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के बीच सोमवार को फोन पर बातचीत हुई. दोनों के बीच में वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट, अफगानिस्तान समेत विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई. बातचीत के दौरान, दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि ब्रिटेन द्वारा भारतीय वैक्सीन सर्टिफिकेट को मान्यता देना एक स्वागत योग्य कदम है.

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पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन ने भारत-यूके एजेंडा 2030 पर भी चर्चा की. ग्लासगो में आगामी COP-26 के संदर्भ में जलवायु परिवर्तन पर विचारों का आदान-प्रदान किया और अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत हुई. सितंबर के अंतिम सप्ताह में अपनी यात्रा और क्वारंटाइन नियमों में बदलाव की घोषणा के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच एक कूटनीतिक विवाद था. ब्रिटेन ने भारत से जाने वाले नागरिकों के लिए दस दिनों का क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया था. इसके बाद पूरा विवाद शुरू हुआ था.

भारत ने करारा जवाब देते हुए ब्रिटेन से देश में आने वाले लोगों के लिए वैसा ही नियम लागू कर दिया था. इसके बाद, आखिरकार जॉनसन सरकार को झुकना पड़ा और फिर उसने यात्रा नियमों में बदलाव किए. ब्रिटेन जाने वाले भारतीयों को अब क्वारंटाइन नहीं रहना पड़ेगा. इस पूरे मुद्दे के बाद पीएम मोदी और बोरिस जॉनसन के बीच यह पहली बातचीत थी, जिस वजह से काफी अहम माना जा रहा था.

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पीएम मोदी ने बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए कहा, ''प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन से बात कर अच्छा लगा. हमने भारत-यूके एजेंडा 2030 पर प्रगति की समीक्षा की, ग्लासगो में आगामी सीओपी-26 के संदर्भ में जलवायु कार्रवाई पर विचारों का आदान-प्रदान किया और अफगानिस्तान सहित क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने आकलनों को साझा किया.''

 

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