कोरोना से अनाथ हुए बच्चों से लेकर कमाऊ सदस्यों को खोने वाले परिवारों की ऐसे मदद करेगी मोदी सरकार

पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत उन बच्चों को सहायता राशि दी जाएगी, जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता या अभिभावक दोनों को को दिया है. इसके साथ ही ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र में मासिक सहायता  राशि और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए का फंड भी दी जाने की बात कही गई है.

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पीएम केयर से बच्चों को मिलेगी मदद (फाइल फोटो) पीएम केयर से बच्चों को मिलेगी मदद (फाइल फोटो)

हिमांशु मिश्रा / पॉलोमी साहा / अशोक सिंघल

  • नई दिल्ली,
  • 29 मई 2021,
  • अपडेटेड 12:47 AM IST
  • पीएम केयर से होगी अनाथ बच्चों की मदद
  • कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों को मिलेगा लाभ
  • हेल्थ इंश्योरेंस से एजुकेशन तक मिलेगा लाभ

कोरोना की दूसरी लहर ने देश में काफी तबाही मचाई है. कोविड-19 की वजह से कई परिवार पूरी तरह खत्म हो गया है तो कई बच्चे अनाथ हो गए हैं. कई तो ऐसे भी हैं जिनकी देखभाल करने वाला परिवार को कोई सदस्य नहीं बचा है. प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से इन बच्चों को मदद देने के लिए एक नई पहल की शुरुआत की गई है.

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पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत उन बच्चों को सहायता राशि दी जाएगी, जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता या अभिभावक दोनों को को दिया है. इसके साथ ही ऐसे बच्चों को 18 साल की उम्र में मासिक सहायता  राशि और 23 साल की उम्र में पीएम केयर्स से 10 लाख रुपए का फंड भी दी जाने की बात कही गई है.

इतना ही नहीं इन बच्चों के लिए फ्री शिक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी. इन बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए लोन दिया जाएगा और इसके लिए जो भी ब्याज होगा वह पीएम केयर फंड से दिया जाएगा. कोरोना की वजह से अनाथ हुए बच्चों को 18 साल की उम्र तक आयुष्मान भारत योजना के तहत पांच लाख तक का हेल्थ इंश्योरेंस भी दिया जाएगा. इसके लिए जो भी प्रीमियम है वो पीएम केयर की तरफ से भुगतान किया जाएगा.

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पीएम मोदी ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं. इसलिए हमलोग इन बच्चों की मदद के लिए सबकुछ करेंगे. समाज के नाते भी यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों का ख्याल रखें और उनके बेहतर भविष्य के लिए काम करें. 

वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने इस योजना की प्रशंसा करते हुए लिखा, मोदी सरकार ने कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों का ध्यान रखने के लिए एक बहुत ही संवेदनशील व कल्याणकारी निर्णय लिया है.

सरकार ने उन परिवारों की मदद के लिए कई और उपायों की घोषणा की है, जिन्होंने कोविड के कारण कमाई करने वाले सदस्य को खो दिया है. कोविड के कारण अपनी जान गंवाने वालों के आश्रितों को कर्मचारी राज्य बीमा निगम के तहत पारिवारिक पेंशन दी जाएगी. EDLI योजना के तहत मिलने वाले बीमा लाभों को बढ़ाने के साथ-साथ उदार बना दिया गया है. इन योजनाओं से इन परिवारों को हो रही वित्तीय कठिनाइयों को कम करने में मदद मिलेगी.

कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) के तहत पारिवारिक पेंशन
इन परिवारों को सम्मान के साथ जीवन जीने और अपने जीवन स्तर को अच्छा बनाए रखने में मदद करने हेतु रोजगार से संबंधित मृत्यु के मामलों के लिए ESIC पेंशन योजना का लाभ अब उन लोगों तक भी पहुंचाया जा रहा है जिनकी मृत्यु कोविड के कारण हो गई है. इन व्यक्तियों के आश्रित परिवारिक सदस्य मौजूदा मानदंडों के अनुसार संबंधित कर्मचारी या कामगार के औसत दैनिक वेतन या पारिश्रमिक के 90% के बराबर पेंशन का लाभ पाने के हकदार होंगे. यह लाभ पूर्वव्यापी प्रभाव से 24.03.2020 से और इस तरह के सभी मामलों के लिए 24.03.2022 तक उपलब्ध होगा,

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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन- कर्मचारी जमा संबद्ध बीमा योजना (EDLI)
EDLI योजना के तहत मिलने वाले बीमा लाभों को बढ़ाने के साथ-साथ उदार बना दिया गया है. अन्य सभी लाभार्थियों के अलावा यह योजना विशेषकर उन कर्मचारियों के परिवारों की मदद करेगी जिन्होंने कोविड के कारण अपनी जान गंवा दी है. अधिकतम बीमा लाभ की राशि 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दी गई है, जबकि 2.5 लाख रुपये के न्यूनतम बीमा लाभ के प्रावधान को बहाल कर दिया गया है और यह15 फरवरी 2020 से अगले तीन वर्षों के लिए प्रभावी होगा. 

ठेके पर काम करने वाले/आकस्मिक कामगारों के परिवारों को लाभान्वित करने के लिए केवल एक ही प्रतिष्ठान में निरंतर रोजगार करने की शर्त को उदार बना दिया गया है, अब इसका लाभ यहां तक कि उन कर्मचारियों के परिवारों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है जिन्होंने अपनी मृत्यु से पहले पिछले 12 महीनों में अपनी नौकरी संभवत: बदल दी थी. इन योजनाओं के विस्तृत दिशा-निर्देश श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी किए जा रहे हैं.

केजरीवाल सरकार ने भी मदद का किया है ऐलान

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में बीते दिनों कई बच्चों के माता-पिता की कोरोना के कारण मौत हो गई. ऐसे अनाथ बच्चों की परवरिश और पढ़ाई का खर्चा दिल्ली सरकार ही उठाएगी.

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अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई बुजुर्ग हैं, जिनके जवान बच्चे चले गए और अब घर चलाने वाला कोई नहीं है. जिनके घरों में कमाने वाला कोई नहीं है, उन बुजुर्गों की दिल्ली सरकार मदद करेगी. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कई बच्चे अपने मां-बाप को खो चुके हैं, लेकिन मैं कहता हूं कि बच्चों आप चिंता मत करना, मैं हूं ना.

 

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