पेगासस जासूसी केस: सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला, सरकार ने कहा- मुद्दे को सनसनीखेज नहीं बना सकते

पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Spyware Case) पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. फिलहाल उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा, जिसे 2-3 दिनों में सुनाया जाएगा.

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सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले पर सुनवाई हुई सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले पर सुनवाई हुई

संजय शर्मा / अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 13 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST
  • पेगासस मामले पर SC ने फैसला सुरक्षित रखा
  • SIT या न्यायिक जांच की हुई है मांग

पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Spyware Case) पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. फिलहाल केंद्र सरकार और याचिका दायर करने वालों के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. इसपर अगले 2-3 दिनों में आदेश जारी होगा. कोर्ट से मामले की SIT या न्यायिक जांच कराने की मांग की गई थी. इसपर उच्चतम न्यायालय फैसला देगा.

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सुनवाई के दौरान सरकार ने पेगासस जासूसी मामले पर एफिडेविट (हलफनामा) दायर करने से इनकार कर दिया. सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को सनसनीखेज बनाने का जोखिम नहीं उठा सकती. 

हालांकि, सुनवाई के दौरान माहौल थोड़ा गरम भी हो गया था. चीफ जस्टिस एन वी रमना ने नाराजगी जताते हुए पूछा था कि कोर्ट जानना चाहता है कि आखिर इस मामले में सरकार क्या कर रही है. सुनवाई के आखिर में चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि सरकार अगर कुछ और बताना चाहती है तो कोर्ट को लिखित दे सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील तुषार मेहता से कहा कि दो-तीन दिनों के भीतर अगर सरकार के रुख में कोई बदलाव होता है तो वह सुप्रीम कोर्ट में मेंशन कर सकते हैं.

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सरकार ने कहा - विशेष समिति से कराई जाए जांच

कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की तरफ से कहा गया कि नागरिकों की निजता की रक्षा करना भी सरकार की प्राथमिकता है लेकिन सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को बाधित नहीं कर सकती. कमिटी से जांच की वकालत करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इन सबकी जांच एक विशेष समिति से कराने दी जाए. इन डोमेन विशेषज्ञों का सरकार से कोई संबंध नहीं होगा. उनकी रिपोर्ट सीधे सुप्रीम कोर्ट के पास आएगी. सरकार ने साफ कहा कि मामले पर एफिडेविट दायर नहीं हो सकता. जांच की रिपोर्ट जरूर सीधे कोर्ट में दी जा सकती है.

क्या है पेगासस जासूसी मामला?

पिछले दिनों दावा किया गया था कि 300 से अधिक सत्यापित भारतीय मोबाइल फोन नंबर पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके निगरानी के संभावित लक्ष्यों की सूची में थे. इसमें पत्रकार, विपक्षी-सत्तादल के कुछ नेताओं के नाम भी सामने आए थे. इस लिस्ट में राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत कुछ जजों और मंत्रियों का भी नाम था. वैश्विक स्तर पर 50 हजार ऐसे नंबर्स की लिस्ट जारी हुई थी, जिनकी कथित तौर पर पेगासस से निगरानी हुई.

पेगासस इजरायल की NSO ग्रुप कंपनी का निगरानी स्पाइवेयर है, जिसे वह सिर्फ अधिकृत सरकारी एजेंसियों को बेचने का दावा करती है. जिस फोन में पेगासस एक बार चला जाता है फिर उसके ईमेल, फाइल, कॉन्टेक्ट लिस्ट, लोकेशन, मेसेज सब पर नजर रखी जा सकती है. इसकी मदद से उस फोन से अपनी मर्जी से ऑडियो-वीडियो रिकॉर्ड भी किया जा सकता है.

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