Operation Sindoor Debate Live: संसद के मॉनसून सत्र का आज आठवां दिन है. राज्यसभा में 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर दूसरे दिन की चर्चा जारी है. सदन में आज केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने जवाब दिया और कांग्रेस पर कड़ा प्रहार किया. उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' की कामयाबी का जिक्र किया और विपक्षी सांसदों के सवालों के जवाब दिए.
बीते दिन लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने दोनों सदनों में तीखे तेवर दिखाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विपक्ष के आरोपों का जोरदार जवाब दिया था.
दूसरी तरफ, विपक्ष भी पीछे नहीं रहा. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और अखिलेश यादव जैसे वरिष्ठ नेताओं ने सरकार की पाकिस्तान नीति और इंडिया-पाक संघर्ष को लेकर सरकार की रणनीति पर सवाल उठाए.
इस बड़ी बहस पर तमाम बड़े अपडेट्स के लिए बने रहिए आजतक के इस लाइव पेज पर...
राज्यसभा में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने स्वीकार किया कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकवादी घटनाएं और घुसपैठ आज भी हो रही हैं. उन्होंने कहा, "मैं मानता हूं कि आज भी पाकिस्तान कुछ आतंकवादी हमले करने में सक्षम है और घुसपैठ भी हो रही है, लेकिन इन घटनाओं की संख्या कम हो रही है. नरेंद्र मोदी सरकार आतंकवाद और घुसपैठ को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है."
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी शासन के दौरान उत्तर पूर्व में नक्सलवाद और उग्रवाद 75 फीसदी कम हुआ. उन्होंने आतंकवाद को लेकर कांग्रेस को घेरा और कहा कि कांग्रेस पार्टी की उदार नीतियों और तुष्टिकरण के दृष्टिकोण ने देश में आतंकवाद को पनपने और फलने-फूलने का मौका दिया. सौभाग्य से, अब हमारे पास ऐसा नेतृत्व है जो केवल दस्तावेजों पर निर्भर रहने के बजाय, निर्णायक कार्रवाई करके ब्रह्मोस मिसाइल तैनात कर रहा है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के राज में दाऊद इब्राहिम भागा. उन्होंने कहा कि इकबाल भटकल भी कांग्रेस के राज में ही भागा.
गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि बीजेपी सरकार आने के बाद कश्मीर में वोटिंग भी बढ़ रही है. कश्मीर में विकास कार्य किए गए. भारत के संविधान का झंडा कश्मीर में फहराया. अब जिला पंचायत में 93 फीसदी से ज्यादा वोटिंग होती है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में लोकतंत्र लौट रहा है. उन्होंने कहा कि आतंकी मारे जाते थे तो घाटी में इसका विरोध होता था. आज मोदी जी के नेतृत्व के स्थानीय लोगों स्वीकार किया है. आज आतंकी मारे जाते हैं तो उसका कोई विरोध नहीं होता. जिनके बच्चे आतंकवाद की भेंट चढ़ गए, आज वे भारत का झंडा फहराते हैं. उन्होंने POTA कानून को लेकर फिर सवाल किए और बताया कि इसे कांग्रेस ने शुरू किया था. बीजेपी सरकार ने POTA कानून को समाप्त किया.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनआईए और ईडी ने हुर्रियत के इकोसिस्टम को समाप्त किया. उन्होंने कहा कि जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों को बंद करने का किया गया. उनके इकोसिस्टम को बंद किया गया. उन्होंने बताया कि बीजेपी सरकार में जम्मू कश्मीर में सुरक्षा को लेकर कई काम किए गए. उन्होंने बताया कि जहां पहले बच्चे-बच्चियां पत्थरबाजी करते थे वहां आज शांति है. उन्होंने कहा कि 2024 के बाद एक भी पथराव की घटना नहीं हुई. ऑर्गेनाइज्ड हत्याएं होती थी लेकिन अब एक भी हत्या नहीं होती. उन्होंने कहा कि सैकड़ों नागरिक मारे जाते थे. अब एक भी नहीं मारे जाते. उन्होंने कहा कि तीन साल में कश्मीर में एक भी हड़तान नहीं हुआ. टेरर फाइनेंसिंग के नेटवर्क को समाप्त किया गया. उन्होंने कहा कि कश्मीर में आतंक समाप्ति की तरफ है.
गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम के बयान पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह कह रहे थे कि आतंकियों के क्या सबूत हैं कि वे पाकिस्तान से आए थे. उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि जबतक पी चिदंबरम गृह मंत्री थी तबतक अफजल गुरु को फांसी नहीं हुई. अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि कांग्रेस पार्टी की मानसिकता को देश की जनता देख रही है. इनकी प्रायरिटी देश की सुरक्षा नहीं है, राजनीति है. इनकी प्रायरिटी आतंकवाद को समाप्त करना नहीं है, अपनी वोटबैंक है. इनकी प्रायरिटी हमारी सीमा की सुरक्षा करना नहीं है, तुष्टिकरण की राजनीति है.
राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "...कल आप (कांग्रेस) पूछ रहे थे कि वे (पहलगाम के आतंकवादी) आज ही क्यों मारे गए? उन्हें कल क्यों नहीं मारा जाना चाहिए था? क्योंकि राहुल गांधी को अपना भाषण देना था? ऐसा नहीं चलता. पूरा देश देख रहा है कि कांग्रेस की प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद का खात्मा नहीं, बल्कि राजनीति, वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति है..." राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "...आज इस सदन में खड़े होकर, मैं वादा करता हूं कि जम्मू-कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होगा. यह नरेंद्र मोदी सरकार का संकल्प है."
विपक्ष के वॉकआउट पर शाह ने कहा कि मुझे मालूम है कि ये लोग (विपक्ष) क्यों भाग रहे हैं, ये इसलिए भाग रहे हैं क्योंकि इतने सालों तक अपनी वोटबैंक के चक्कर में आतंकवाद को रोकने के लिए इन्होंने कुछ नहीं किया... इसलिए ये लोग ये डिबेट सुन ही नहीं सकते हैं. ये अपने LoP को बोलने नहीं देते और यहां पीएम के संबोधन पर अड़े हैं.
ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव... इन दोनों के लिए जिन सुरक्षा बलों ने भारत का सम्मान बढ़ाया है, उन सभी को हम हृदयपूर्वक बहुत-बहुत साधुवाद देना चाहता हूं. मैं पीएम नरेन्द्र मोदी जी का भी बहुत बहुत अभिनंदन करना चाहता हूं, जिन्होंने देश की 140 करोड़ जनता की जो इच्छा थी उसके अनुरूप सटीक जवाब देने की दृढ़ इच्छाशक्ति दिखाई... इसके लिए मैं उनका अभिनंदन करना चाहता हूं.
पहलगाम में हमारे देश के नागरिकों को धर्म पूछकर और चुन-चुन कर उनके परिवार के सामने मारा गया, मैं उन सभी दिवंगत नागरिकों के परिवार के साथ अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद जब पाकिस्तान ने गोलीबारी करी, तो इसमें कुछ नागरिक हताहत हुए, उन नागरिकों के परिवारजनों के प्रति भी हम गहरी संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं.
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बताया कि पहलगाम में आतंकियों ने जिन राफल्स का इस्तेमाल किया था उसे बरामद किया गया. उसकी साइंटिफिक जांच की गई और इसमें कोई शक नहीं है कि उन्हीं आतंकियों ने हमले को अंजाम दिया था. उन्होंने बताया कि आतंकियों के पास से 44 कारतूस भी बरामद किए गए, जिसकी जांच की गई और उसी का इस्तेमाल हमले में किया गया था. उन्होंने बताया कि चेहरे की पहचान भी कैमरे से हुई है. आतंकियों के चेहरे का मिलान हो चुका है.
गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के बीच विपक्ष के सांसदों ने हंगामा किया. विपक्ष की मांग थी कि पीएम मोदी के तमाम मुद्दों पर खुद आकर जवाब देना चाहिए. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अगर पीएम खुद सदन में आकर जवाब नहीं देते तो यह सदन का अपमान है. इसके साथ ही विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर लिया.
गृह मंत्री अमित शाह के भाषण पर हंगामा हुआ तो अमित शाह अपनी सीट पर बैठ गए. इस बीच विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पीएम अगर सदन में नहीं आ रहे हैं तो यह सदन का अपमान है.
गृह मंत्री अमित शाह ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में संबोधन दे रहे हैं. उनके भाषण शुरू करने के साथ ही विपक्षी सांसदों मांग की कि पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए. विपक्षी सांसदों ने अमित शाह के भाषण के बीच खूब नारेबाजी की. इस पर अमित शाह ने कहा कि वह खुद जवाब दे रहे हैं. उन्होंने कहा, "पीएम साहब को सुनने का ज्यादा शौक है क्या, मैं जवाब दे रहा हूं."
केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, "एक झूठा नैरेटिव फैलाया जा रहा है कि भारत के साथ कोई देश खड़ा नहीं हुआ, लेकिन सच्चाई यह है कि दुनिया भर के 61 राष्ट्राध्यक्षों ने पाहलगाम आतंकी हमले की निंदा की. 35 विदेश मंत्रियों ने एकजुटता के मजबूत संदेश भेजे. चाहे वह यूएन हो, क्वाड हो या ब्रिक्स - हर बड़ा वैश्विक मंच भारत के साथ खड़ा रहा और हमले की निंदा की."
राज्यसभा में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, "पहलगाम हमले के बाद, पीएम मोदी ने मधुबनी, बिहार से कहा था कि तुमको (आतंकियों को) कल्पना से बड़ी सजा मिलेगी, और हम सबको मालूम है कि 13 दिनों के अंदर ऑपरेशन सिंदूरर के माध्यम से आतंकवादियों को जवाब दिया गया. हम 300 किमी अंदर गए और आतंक के 9 ठिकानों को तबाह किया. 22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला ले लिया."
जेपी नड्डा ने कहा, '2005 में जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस में हरकत-उल-जिहाद ने बम ब्लास्ट किया था. 14 लोग मारे गए और 62 घायल हुए, लेकिन उस वक्त कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई. जो आज हमसे पूछ रहे हैं कि पहलगाम का क्या हुआ- वो पहले खुद के गिरेबान में झांककर देखें. इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा ने मिलकर मुंबई ट्रेन में बम ब्लास्ट किया. 209 लोग मारे गए, 700 से अधिक घायल हुए. इसके बाद एक Joint Anti-terrorism mechanism बनाया गया. 2 महीने बाद इसकी पहली बैठक हुई, सात महीने बाद दूसरी बैठक हुई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.'
जेपी नड्डा ने कहा, 'हमें उस समय की कांग्रेस सरकार की तुष्टिकरण की हद को समझना होगा कि 2008 में जयपुर में इंडियन मुजाहिदीन की ओर से बम धमाकों के बाद भी भारत और पाकिस्तान के बीच विशेष विश्वास बहाली उपायों पर सहमति बनी. वे हमें गोलियों से भूनते रहे और हम उन्हें बिरयानी खिलाने चले. यहां तक कि उन्हें LoC पार करने के लिए ट्रिपल-एंट्री परमिट तक की इजाजत दे दी गई.'
राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, 'उस समय की सरकार ने 2005 के दिल्ली सीरियल बम धमाकों, 2006 के वाराणसी आतंकी हमले और 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों पर कोई कार्रवाई नहीं की... मुद्दा यह है कि उस दौर में भारत और पाकिस्तान के बीच आतंक, व्यापार और पर्यटन- तीनों चलते रहे.'
जया बच्चन ने कहा कि ऐसा लगता है कि पिछले सौ दिन में जो कुछ भी हुआ, वह इन दोनों (पक्ष-विपक्ष) के बीच में हुआ. विपक्ष में हम भी हैं. पहलगाम में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि देती हूं. बोलते हुए अजीब सा लगता है कि सब कुछ फिक्शन सा हुआ. लोग आए, इतने लोगों को मार दिया, और कुछ हुआ नहीं. मैं ध्यान तो नहीं दूंगी, लेकिन मेरा कान बहुत शॉर्प है. मैं क्या करूंगा उसका. आपने सिंदूर नाम दिया क्यों, सिंदूर तो उजड़ गया. सत्ता पक्ष से किसी ने कुछ कहा. इस पर जया बच्चन ने कहा कि चुप रहिए, या तो आप बोलिए, या मैं बोलूंगी. 370 हटाने के बाद छाती ठोक के राज्यसभा में कहा गया कि आतंकवाद खत्म हो जाएगा, हम वादा करते हैं. यही आपका प्रॉमिस था. हम कश्मीर जाते हैं, हमारे लिए तो जन्नत है. मिला क्या. उन परिवारों के लोग आपको कभी माफ नहीं करेंगे. आपने उनसे माफी मांगी, कि हम सुरक्षा नहीं दे सके, हमें माफ कर दीजिए. पावर में ह्यूमिलिटी जरूरी है. हमारे रक्षा मंत्री जोर-जोर से बोलकर गए कि आत्मनिर्भर है, हम तोप बना रहे हैं, हम ये बना रहे हैं. क्या फायदा. आप 25 जानें नहीं बचा पाए. ह्यूमिलिटी होनी चाहिए. गोला बारूद से कुछ नहीं होगा. मैं ऐसी कोई बा
अखिलेश प्रसाद सिंह ने राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि जयशंकर ने सेलेक्टेड लाइन लेकर बहस को मोड़ने की कोशिश की. निक्सन का कद ट्रंप से बहुत बड़ा था. निक्सन को 5 दिसंबर 1971 को पत्र लिखकर साफ कह दिया कि भारत शांतिप्रिय देश है लेकिन शांति शक्ति से आती है. इंदिरा गांधी ने निक्सन को बता दिया भारत की ताकत. भारत ने उस समय अमेरिका को आईना दिखाने का काम किया और साफ कहा कि वह बांग्लादेश में नरसंहार का समर्थन कर रहा है. इंदिरा जी ने 1971 में करके दिखाया था, आप उस रास्ते पर चलते तो दुनिया हमारा पुरुषार्थ देखती. विदेश मंत्री ने कहा यूट्यूब खोलकर देख लीजिए. असली सरगना पाकिस्तानी सेना प्रमुख मुनीर है. उसको ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बुलाया. उसको आप रोक नहीं पाए.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में मोदी सरकार की ओर से पिछले 11 साल में आतंकवाद रोकने के लिए उठाए गए कदम गिनाए. उन्होंने सदन में यह भी बताया कि मोदी सरकार में टेरर को लेकर वैश्विक स्तर पर क्या-क्या बदला?
आरजेडी सांसद मनोज ने कहा कि पहलगाम हुआ, जो ट्वीट आया, डिबेट होने लगे. एक बार हाल में कश्मीर को सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं समझना चाहिए. कश्मीर में लोग बसते हैं, कश्मीर के लोगों ने भी कु्र्बानियां दी हैं. पहलगाम के बाद कश्मीर में जो हुआ, वह अनप्रेसिडेंटेड था. लोग बचा रहे थे, कंधा दे रहे थे, आंसू बहा रहे थे, दुकानों के शटर डाउन कर रहे थे. कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए. एनएसए ने कहा कि हमारा एक कांच का टुकड़ा नहीं टूटा. पुंछ-राजौर के लोग कांच से भी गए गुजरे हैं? विदेश मंत्री का बड़ा फैन था, जब वो ब्यूरोक्रेट थे. मैं राजनीति में नहीं था, उनको फॉलो करता था. एफ्रो एशियन कंट्रीज पहली बार जुटे थे, उसकी एनिवर्सरी इस बार पहली बार नहीं मनी. भारत ने मानवता के सवाल से कभी मुंह नहीं मोड़ा. कौन से भारत का निर्माण हो रहा है. अमेरिकन राष्ट्रपति में हमें चाचा चौधरी के सारे निगेटिव गुण दिखते हैं. उनको चौधराहट सवार हो गई है. खड़गे साहब की बात अखबार में छपने के पहले ही 30 वीं बार बोल दिया. इसका प्रतिकार होना चाहिए. सूत्रों के हवाले नहीं होना चाहिए.
मनोज झा ने कहा कि कल लोकसभा की प्रॉसीडिंग देख रहा था. प्रधानमंत्री ने कल एक बात कही, मैं भारत का पक्ष रखने आया हूं. अरे ये संसद तो भारत ही है. पक्ष और विपक्ष दोनों भारत ही हैं. भारत का पक्ष तो अंतरराष्ट्रीय पटल पर रखना था, आपने रखा. यहां आपको सरकार का पक्ष रखना चाहिए था. सरकार देश का पर्याय नहीं है. देश रहने दीजिए. सरकार अपनी बात करे. नेहरू लाइफ वेस्ट हैं इस सरकार के. नेहरू बार-बार आ जाते हैं. मैंने पिछले सदन में भी कहा था, बेहतर है एक मुकदमा कर दो जवाहलाल नेहरू हाजिर हों. नेहरू अगर इतने वर्षों बाद भी आपको परेशान कर रहे हैं, कुछ तो बात थी उस बंदे में. आपने गुडविल मिशन दुनिया में भेजा, अच्छा निर्णय था. लगातार भेजिए. ऐसे मिशन अपने देश में भी भेजिए. हमारा गुडविल इस देश में हमने खत्म कर दिया है. ऑपरेशन सिंदूर, जिसे सेना के शौर्य को पूरा सदन सलाम कर चुका है. राजनीतिक निर्णयों को लेकर सेना ने इंगित किया है. प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वह सदन में आएं और अमेरिकी राष्ट्रपति के दावे का खंडन करें, उन्हें सदी का सबसे बड़ा झूठा घोषित करें.
ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा में भाग लेते हुए राष्ट्रीय जनता दल के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा नारा नहीं, संवेदनशील मुद्दा है. हमने इसे नारा बना दिया. उन्होंने कहा कि जब कोई आपदा आती है, कोई हादसा होता है, तब इस तरह की चीजें भी एक कर देती हैं हमें. ये फर्क भी हमें समझना चाहिए कि सेना और राजनीतिक नेतृत्व अलग-अलग चीजें हैं. हमारी आर्मी की खूबसूरती है कि अलग-अलग धर्म के लोग एक तिरंगे के नीचे हैं. जब कर्नल सोफिया आती थीं, विंग कमांडर व्योमिका आती थीं, हम सबका सीना गर्व से चौड़ा हो गया. मजहब पूछकर किसी की देशभक्ति पर शक नहीं करना चाहते. जिंदा लोग आंकड़े नहीं होते हैं. सच तो यह है कि जिम्मेदारी तय नहीं हुई है. इंसानी जिंदगी के वैक्यूम को कोई कैमरा नहीं भर सकता. मुआवजे और आंकड़े के बीच भी वैक्यूम होता है. राजनीति के लिए भी वक्त हैं. लोकोन्मुख मुद्दे हैं, उस पर बात होगी. लेकिन सेना के मान और शौर्य पर क्या राजनीति करोगे.
सपा सांसद राजीव राय ने बलिया-मऊ फोर लेन के लिए तत्काल आदेश के लिए नितिन गडकरी और सरकार को धन्यवाद दिया. उन्होंने वाराणसी-गोरखपुर सड़क का मुद्दा उठाया और कहा कि मंत्री जी की ओर से मुझे बताया गया था कि 30 मई तक कार्य पूर्ण हो जाएगा. अभी तक कार्य नहीं हुआ. सियरहीं दोहरीघाट में अंडरपास पर पानी लग जा रहा है. जिससे लोगों को दिक्कत हो रही है.
राजू बिष्ट ने दार्जिलिंग को जोड़ने वाले एनएच-55 पर अत्यधिक भार का मुद्दा उठाया और कहा कि लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं. सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग को जोड़ने के लिए वैकल्पिक हाईवे बने. इस दौरान आसन से बेल बजा दी गई. इस पर राजू बिष्ट ने कहा कि मैडम पूरा बोलने दीजिए, नहीं तो हाईवे आधा ही बन पाएगा. आसन पर संध्या राय थीं.
अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि कल ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान छोटी मुंह, बड़ी बात कह दी. 50 प्रतिशत दम दिखाने की बात कह दी. वैसे देखा जाए तो जंग सेना ने लड़ी, लेकिन आयरन लेडी किसी और को घोषित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि 3 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के पश्चिमी मोर्चे पर हमले के दो दिन बाद निक्सन को चिट्ठी लिखी, जिसमें उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति से पाकिस्तान की भारत के खिलाफ आक्रामक गतिविधियों पर रोक लगाने की अपील की गई थी. इस चिट्ठी के बाद आप खुद तय कर लें कि वह आयरन थीं या एलास्टिक थीं. क्या उस समय सेना पर इंदिरा गांधी को विश्वास नहीं था, जो अमेरिका के सामने गिड़गिड़ा रही थीं. अनुराग ठाकुर ने पूरी चिट्ठी पढ़ी और कहा कि मैं कुछ छिपा नहीं रहा हूं, बस तथ्यों को सामने ला रहा हूं. कौन गिड़गिड़ा रहा था, कौन मदद मांग रहा था. कौन दम दिखाया. अमेरिका के सामने क्यों गिड़गिड़ा रहे थे. हमारी सेना ने पाकिस्तान को उचित जवाब देकर दिखाया है.
लोकसभा में लोक महत्व के विषय सदस्य उठा रहे हैं. आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने यूपी में प्राइमरी स्कूलों के मर्जर का मुद्दा उठाया और कहा कि दलित-पिछड़ों के बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है. हमारे नेता अखिलेश यादव ने यह घोषणा की है कि हम आंदोलन के रास्ते पर जाएंगे, लेकिन स्कूल बंद नहीं होने देंगे.
विदेश मंत्री ने कहा कि आप जब ओलंपिक्स गए, किससे मिले, क्या बात की. मैं चीन गया था तो आतंकवाद पर बात की. मैंने किसी सीक्रेट समझौते पर हस्ताक्षर नहीं किए. ये केवल चाइना गुरु करते हैं. कुछ लोग जो हैं, उनका चीन ज्ञान ओलंपिक्स जाने से हुआ. वहां गए, किससे मिले, क्या एमओयू किया, उसकी तो बात ही नहीं हुई. ओलंपिक्स की क्लासरूम में कुछ बातें छूट जाती हैं, प्राइवेट क्लासेज भी लेनी पड़ती हैं. ये चीनी एंबेस्डर को घर बुलाकर ट्यूशन लेते हैं. चीन गुरु कहते हैं कि चीन-पाकिस्तान साथ आ गए. हां, सही बात है. ये तब हुआ जब हमने पीओके छोड़ दिया. उन्होंने चीन पाकिस्तान संबंधों का इतिहास भी राज्यसभा में गिनाया. उन्होंने कहा कि ये रातों रात नहीं हुआ. ये कहना कि ये बस मुझे पता था, और किसी को जानकारी नहीं थी. इसका मतलब है कि आप हिस्ट्री की क्लास में सो रहे थे.
विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय सेना को किसी के साथ की जरूरत नहीं है. वह खुद ही सक्षम है. उन्होंने नूर खान एयरबेस से लेकर तमाम आतंकी और सैन्य ठिकानों पर हमलों में हुई तबाही का उल्लेख किया और कहा कि किसी का साथ की बात कहना सेना का अपमान होगा. विदेश मंत्री ने न्यू नॉर्मल और कांग्रेस नॉर्मल भी राज्यसभा में बताया. उन्होंने न्यू नॉर्मल के पांच पॉइंट बताए. उन्होंने चीन पाकिस्तान गठजोड़ को लेकरे कहा कि उन्होंने चाइना और इंडिया की एक संधि बना ली थी, चाइंडिया. हो सकता है कि चीन पर मेरे यहां से कुछ कमी हो. जिस देश के साथ हमारा युद्ध हो चुका है, उसे आप स्ट्रैटेजिक पार्टनर का दर्जा कैसे दे सकते हैं. चीनी कंपनियोंं को निमंत्रण दिया 3जी, 4जी के लिए. 2006 में जब हू जिंताओ भारत आए थे, तब रीजनल ट्रेड बढ़ाने के लिए समझौता हुआ और टास्क फोर्स की घोषणा हुई. टेलिकॉम जैसे सेंसिटिव काम के लिए आपने चीनी कंपनियों को निमंत्रण दिया और आप राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते हैं. सबसे बड़ा नुकसान हमारे लिए
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हम नहीं हैं. पाकिस्तान है, लेकिन यूएनएससी प्रमुख का बयान हमारे पक्ष में आया. रूस समेत कुछ देशों के बयान सदन में बताकर यह कह रहे थे कि इससे साफ होता है कि हमारी डिप्लोमेसी कितनी सफल रही है. इस पर विपक्ष की ओर से कुछ कहा गया, इसके जवाब में विदेश मंत्री ने कहा कि जो लोग मुंबई पर चुप रहे, वो आज हमें ज्ञान दे रहे हैं कि क्या करें. विपक्ष के कई सदस्य सदन में खड़े हो गए और पॉइंट ऑफ ऑर्डर रेज किया. आसन से हरिवंश ने कहा कि सभी लोग खड़े हो गए हैं, किसको किसको अनुमति दूं. उन्होंने सुष्मिता देव को पॉइंट ऑफ ऑर्डर रेज करने के लिए कहा. सुष्पमिता देव का पॉइंट ऑफ ऑर्डर आसन ने रिजेक्ट कर दिया और कहा कि ये इरेलिवेंट है. हरिवंश ने विदेश मंत्री से सॉरी फॉर डिस्टर्ब यू, प्लीज कॉन्टिन्यू कहा. इस पर विदेश मंत्री ने कहा कि सर हम डिस्टर्ब नहीं होते, डिस्टर्ब वो लोग होते हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया के किसी भी नेता ने कहीं से भारत को ऑपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कोई बात नहीं हुई. हमारी अमेरिका, सऊदी अरब समेत कई देशों के साथ बातचीत हुई. सभी कॉल्स रिकॉर्ड पर हैं. मेरे सोशल मीडिया हैंडल पर भी है. हर किसी से हमने यही कहा कि यदि पाकिस्तान संघर्ष रोकना चाहता है, तो वह हमारे डीजीएमओ चैनल के जरिये हमसे निवेदन करे. जयराम रमेश ने बोलना शुरू कर दिया. आसन से हरिवंश ने उनको टोका और कहा कि यह सही परंपरा नहीं है. इस पर जयशंकर ने कहा कि उनको कहना चाहता हूं, वो कान खोलकर सुन लें... 12 अप्रैल से 22 जून तक एक भी फोन कॉल प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच नहीं हुई.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि हमारे टार्गेट तय थे. हमने कार्रवाई की और यह भी साफ कर दिया कि भारत किसी की भी मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा. अगर बात होगी, तो वह डीजीएमओ चैनल के जरिये ही होगी. पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ से बात की और हमले रोकने की गुहार लगाई. उन्होंने इंदिरा गांधी की सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया और कहा कि उन्होंने आर्मी को एडवेंचर बना दिया. इस पर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा कर दिया. शक्ति सिंह गोहिल और संजय सिंह का नाम लेकर आसन से उपसभापति हरिवंश ने कहा कि आप अपनी बात कहेंगे और दूसरे की नहीं सुनेंगे, ये संसदीय मर्यादा नहीं है. आपको भी बोलने का मौका मिलेगा.
विदेश मंत्री ने कहा कि हम आतंकवाद एक-दो साल या 10 साल से नहीं, 1947 से झेल रहे हैं. भारत में आतंकी हमलों को दुनिया ने देखा. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट का भी जिक्र किया और कहा कि इससे पाकिस्तान बेनकाब हो गया. तहव्वुर राणा को हम लेकर. 26/11 के दोषी को हम लेकर आए. विदेश मंत्री ने कहा कि हमारी डिप्लोमेसी सफल रही. अमेरिका ने टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि इनकी सरकार के समय ये कहा गया कि दोनों ही देश आतंकवाद से पीड़ित हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने वर्षों तक सीमा पार से आतंकवाद झेला. हम जो कह रहे हैं, वह करेंगे. हर बार इतनी बड़ी घटनाएं होती हैं, मुंबई हुआ, ट्रेन बम ब्लास्ट होता है और कुछ महीने बाद आप कहते हैं कि नहीं नहीं ठीक है. जो हो गया वो हो गया, चलिए बात करेंग. बताइए दुनिया कैसे सीरियस ले. पिछले एक दशक में क्या बोला. जयशंकर ने कहा कि हमने आतंकवाद को ग्लोबल एजेंडा बनाया. यह मोदी सरकार के प्रयासों से हुआ. आज आतंकियों के पास फंडिंग बंद हो गई है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में पहलगाम हमले के बाद सरकार की ओर से उठाए गए कदम गिनाए और कहा कि हमने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए. सिंधु जल समझौते को स्थगित किया. खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा. भारत ने आतंकवाद झेला. ये शांति नहीं, तुष्टिकरण की कीमत थी. इस संधि को मोदी सरकार ने रोका. दुनिया ने देखा कि भारत ने किस तरह से जवाब दिया. हमारे निशाने पर आतंकी और आतंकियों के ठिकाने थे. हमने दुनिया के सामने पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब किया.
राज्यसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत की है. विदेश मंत्री ने सिंधु जल समझौता स्थगित करने के फैसले को पहलगाम हमले के बाद उठाया गया सबसे महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि पाकिस्तान के साथ न जब दोस्ती थी, ना ही गुडविल. तो ऐसे सिंधु जल समझौते की जरूरत क्या थी. कहा गया कि ये शांति की कीमत थी. यह तुष्टिकरण की कीमत थी. इनको पंजाब, राजस्थान, हरियाणा के किसानों की चिंता नहीं थी. इनको पाकिस्तान के पंजाब के किसानों की चिंता थी.