संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) का आगाज़ सोमवार यानी आज से हो रहा है. कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच इस सत्र की शुरुआत हंगामेदार होने के आसार हैं. कई विपक्षी दलों द्वारा सत्र शुरू होने से पहले ही स्थगन प्रस्ताव दिए गए हैं और कई मसलों पर चर्चा करने की मांग की गई है. कोरोना मैनेजमेंट, पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दाम समेत अन्य मसलों पर संसद में चर्चा के लिए नोटिस दिया गया है.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) द्वारा संसद में कोरोना संकट पर चर्चा की मांग की गई है. सांसद मनोज झा ने नोटिस देकर कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों पर चर्चा करने को कहा है.
इनके अलावा तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा कई मसलों पर चर्चा कराने की मांग की गई है. इनमें पेट्रोल, डीज़ल के बढ़ते दाम, कृषि कानून, वैक्सीनेशन, अर्थव्यवस्था जैसे मसले शामिल हैं.
आम आदमी पार्टी के सांसद भगवंत मान द्वारा लोकसभा में कृषि कानून और किसान आंदोलन का मुद्दा उठाया जाएगा. भगवंत मान ने इस मसले पर नोटिस दिया है.
आपको बता दें कि संसद का सत्र शुरू होने से पहले सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी. जिसमें सरकार ने सभी विषयों पर चर्चा करने की बात कही थी. संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलेगा. ऐसे में इस दौरान दोनों सदनों में दंगल होने के आसार हैं.
विपक्ष के निशाने पर सरकार...
विपक्ष की ओर से लगातार कोरोना संकट के दौरान सरकार के रवैये और नीति पर सवाल खड़े किए गए हैं. कांग्रेस हो या फिर टीएमसी हर किसी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस बीच तीसरी लहर के संकट के बीच वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार भी चिंता का विषय है. कई राज्य सरकारों ने वैक्सीन की कमी की बात कही है.
वहीं, बंगाल चुनाव के बाद से ही पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों ने आम आदमी की जेब का भार बढ़ा दिया है. ऐसे में महंगाई का ये मसला लगातार चर्चा में है, लेकिन सरकार की ओर से दाम कम नहीं किए जा रहे हैं.
आशुतोष मिश्रा