निलंबित 12 सांसदों के मामले में केंद्र सरकार ने फ्लोर लीडर्स की बुलाई बैठक

संसद में शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा से विपक्ष के 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. निलंबन के बाद से ये लोग संसद परिसर में ही महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच विपक्ष के सूत्रों से खबर मिली है कि सरकार ने पत्र लिखकर विपक्ष (जिनके सदस्य निलंबित हैं) के फ्लोर लीडर्स को सुबह 10 बजे संसद में बैठक के लिए बुलाया है.

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पॉलोमी साहा

  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:46 PM IST
  • राज्यसभा से विपक्ष के 12 सांसद निलंबित हैं
  • सांसदों के व्यवहार से भावुक हो गए थे सभापति

संसद में शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा से विपक्ष के 12 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था. निलंबन के बाद से ये लोग संसद परिसर में ही महात्मा गांधी की प्रतिमा के नीचे बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस बीच विपक्ष के सूत्रों से खबर मिली है कि सरकार ने पत्र लिखकर विपक्ष (जिनके सदस्य निलंबित हैं) के फ्लोर लीडर्स को सुबह 10 बजे संसद में बैठक के लिए बुलाया है.

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बैठक में जाना है या नहीं?

ये पत्र संसद मामलों के मंत्री प्रहलाद जोशी ने लिखा है. इसमें कहा गया है कि बैठक में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल होंगे. कहा जा रहा है कि बैठक में हिस्सा लेना है या नहीं इसपर फैसले के लिए विपक्ष सुबह 9.45 बजे कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेगा.

गांधी की प्रतिमा के सामने निलंबित सांसदों का प्रदर्शन जारी

गौरतलब है कि निलंबित 12 सांसदों में कांग्रेस के छह, तृणमूल कांग्रेस और शिवसेना के दो-दो और सीपीआई और सीपीआई (एम) के एक-एक सांसद शामिल हैं. ये लोग फिलहाल संसद परिसर के अंदर महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने दिन भर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन लोगों ने अपना निलंबन रद्द किए जाने तक हर दिन ऐसा करना जारी रखने का फैसला किया है.

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सांसदों के व्यवहार से भावुक हो गए थे सभापति

बता दें कि ये वही सांसद हैं जिन्होंने संसद के पिछले सत्र में किसान आंदोलन एवं अन्य कई मुद्दों के बहाने उच्च सदन में खूब हंगाम मचाया था. उस दौरान इन सांसदों ने उप-सभापति हरिवंश पर कागज फेंका था और सदन के कर्मचारियों के सामने रखी टेबल पर भी चढ़ गए थे. तब इन सांसदों पर कार्रवाई की मांग की गई थी जिस पर राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को फैसला लेना था. ऐसे में जब संसद सत्र फिर से शुरू हुआ तो सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अपना फैसला सुना दिया. राज्यसभा में इन विपक्षी सांसदों का बेहद अमर्यादित व्यवहार का जिक्र करते हुए सभापति भावुक हो गए थे. इसलिए माना जा रहा था कि सभापति इस संबंध में कोई कड़ा और बड़ा फैसला लेंगे.

 

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