क्या 2029 में होगा 'वन नेशन वन इलेक्शन'? किसी राज्य की सरकार गिरने पर बनेगी यूनिटी गवर्नमेंट

अगर कोई सरकार अविश्वास के कारण गिर जाती है या त्रिशंकु सदन होता है, तो कमीशन विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ यूनिटी गवर्नमेंट (एकता सरकार) के गठन की सिफारिश करेगा. अगर एकता सरकार का फॉर्मूला भी काम नहीं करता है, तो कानून पैनल सदन के शेष कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराने की सिफारिश करेगा.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 28 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 5:07 PM IST

लोकसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. मार्च के महीने में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है. इसी बीच लॉ कमीशन (विधि आयोग) संविधान में 'वन नेशन, वन इलेक्शन' को लेकर एक नया चैप्टर जोड़ने और देश में 2029 के मिड तक लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के एक साथ चुनाव कराने की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सिफारिश कर सकता है. 

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सूत्रों ने कहा कि जस्टिस (सेवानिवृत्त) ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाला आयोग एक साथ चुनावों पर "नया चैप्टर" जोड़ने के लिए संविधान में संशोधन की सिफारिश करेगा. पैनल अगले 5 साल में "तीन चरणों" में विधानसभाओं की शर्तों को समकालिक करने की भी सिफारिश करेगा, ताकि पहला एक साथ चुनाव मई-जून 2029 में हो सके. जानकारी के मुताबिक संविधान के नए अध्याय में "एक साथ चुनाव", "एक साथ चुनावों की स्थिरता" और लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिए "सामान्य मतदाता सूची" से संबंधित मुद्दे शामिल होंगे, ताकि त्रिस्तरीय चुनाव एक साथ और एक ही बार में हो सकें. 

त्रिशंकु सदन होने पर कैसे होगा समाधान?

5 साल की अवधि में विधानसभाओं की शर्तों को सिंक्रनाइज़ किया जाएगा, जो कि तीन फेज में होगी. लिहाजा लॉ कमीशन इस बात की सिफारिश करेगा कि पहले फेज में राज्य विधानसभाओं पर फोकस किया जा सकता है, जिनकी अवधि को कुछ महीनों जैसे तीन या छह महीने कम करना होगा. अगर कोई सरकार अविश्वास के कारण गिर जाती है या त्रिशंकु सदन होता है, तो कमीशन विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ यूनिटी गवर्नमेंट (एकता सरकार) के गठन की सिफारिश करेगा. अगर एकता सरकार का फॉर्मूला भी काम नहीं करता है, तो कानून पैनल सदन के शेष कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराने की सिफारिश करेगा.

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चुनाव का ये फॉर्मूला होगा लागू?

सूत्रों ने बताया कि मान लीजिए कि नए चुनाव की जरूरत है और सरकार के पास अभी भी तीन साल हैं, तो स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव शेष कार्यकाल यानी तीन साल के लिए ही होने चाहिए. विधि आयोग के अलावा पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति भी एक रिपोर्ट पर काम कर रही है कि कैसे संविधान और मौजूदा कानूनी ढांचे में बदलाव करके लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं.

किस राज्य में कब-कब होंगे विधानसभा चुनाव 

इस साल अप्रैल-मई में होने वाले आगामी लोकसभा चुनावों के साथ आंध्र प्रदेश,ओडिशा, सिक्किम और अरुणाचल में विधानसभा चुनाव होने हैं, जबकि महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होंगे. वहीं, बिहार और दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं, असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और केरल में 2026 में और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और मणिपुर में 2027 में चुनाव होने हैं. 2028 में 9 राज्य- त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, कर्नाटक, मिजोरम, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होंगे.

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