सुपरटेक एमराल्ड केस: जांच के लिए नोएडा प्राधिकरण पहुंची SIT, कई अधिकारियों पर गिर सकती है गाज

उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर-93 ए में स्थित सुपरटेक एमराल्ड ट्विन्स टावर मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गठित 4 सदस्यीय एसआईटी सोमवार को नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पहुंची.

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सुपरटेक के एमराल्ड टॉवर अब गिराए जाएंगे (Image: Getty) सुपरटेक के एमराल्ड टॉवर अब गिराए जाएंगे (Image: Getty)

तनसीम हैदर

  • नोएडा,
  • 07 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:25 AM IST
  • 2004 से 2017 के बीच तैनात अफसरों की होगी जांच
  • नोएडा प्राधिकरण में खंगाले गए दस्तावेज
  • कई बड़े अफसरों पर भी तलवार लटकी

उत्तर प्रदेश के नोएडा के सेक्टर-93 ए में स्थित सुपरटेक एमराल्ड ट्विन्स टावर मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से गठित 4 सदस्यीय एसआईटी सोमवार को नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पहुंची. यह टीम 2004 से 2017 के बीच तैनात अफसरों और दस्तावेजों की जांच कर रही है.

यह पता लगाया जा रहा है कि सुपरटेक ट्विंस टावर के निर्माण में किन अधिकारियों ने बिल्डर को बार-बार नक्शा बदलने की सलाह दी थी और संशोधित नक्शे को नियमों के विरुद्ध जाकर मंजूरी दी. इस समिति के अध्यक्ष संजीव मित्तल की अगुवाई में प्राधिकरण कार्यालय में दस्तावेज खंगाले. इसके बाद कई बड़े सीईओ और एसीईओ स्तर के अफसरों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक हफ्ते में इस विशेष जांच समिति को अपनी रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है. यूपी के औद्योगिक विकास आयुक्त संजीव मित्तल की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है.

एसआईटी में ग्राम विकास एवं पंचायत राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को सदस्य नियुक्त किया गया है. मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक राजीव सब्बरवाल और यूपी के मुख्य नगर एवं ग्राम नियोजन अनूप कुमार श्रीवास्तव एसआईटी में सदस्य बनाए गए हैं.

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सुपरटेक के ट्विन टॉवर्स को गिराने का आदेश दिया है. सुपरटेक के ये दोनों ही टॉवर 40-40 मंजिला हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ये टॉवर नोएडा अथॉरिटी और सुपटेक की मिलीभगत से बने थे.

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