बिहार में जहरीली शराब कांड से हुई मौतों के बाद अब राजनीति शुरू हो गई है. जहां विपक्ष सरकार सत्तारूढ़ दल पर जमकर निशाना साध रहा है, वहीं सरकार की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया दी जा रही है. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी. साथ ही नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी शराबबंदी कानून को फेल बताने के आरोपों को लेकर जमकर बरसे.
नीतीश कुमार ने कहा कि 2016 में शराबबंदी कानून का समर्थन विधानमंडल के दोनों सदनों में पक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों ने एकमत से किया था. लेकिन अब नेता प्रतिपक्ष इस मामले को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. नीतीश ने तेजस्वी का नाम लिए बिना उन पर तंज कसा. सीएम ने कहा कि उन्हें उपमुख्यमंत्री किसने बनाया था, उन्हें भूलना नहीं चाहिए. 2016 में आरजेडी ने भी शराबबंदी का समर्थन किया था, इसी वजह से अब उन लोगों को भी इस कानून को ठीक तरीके से लागू करने में बयानबाजी करने की बजाय सहयोग करना चाहिए.
नीतीश कुमार ने कहा कि कुछ लोग केवल अखबार में बयान दे देते हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिख दिया है, क्या लिख दिया है मुख्यमंत्री को? मुख्यमंत्री आपको क्या बनाए हुए था? इतना सब कुछ होने के बाद भी अगर ज्ञान की प्राप्ति नहीं हुई तो क्या करें? इस मामले में सभी को सहयोग करना चाहिए. जनता दल यूनाइटेड और बीजेपी शराबबंदी लागू कराने में लगी है, लेकिन हम लोग पहले जिसके साथ (आरजेडी) थे, वह केवल बयानबाजी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून मेरी व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सार्वजनिक है.
दूसरी तरफ नीतीश कुमार ने कहा कि 16 नवंबर को वह शराब बंदी कानून को लेकर व्यापक समीक्षा बैठक करेंगे. पिछले दिनों जहरीली शराब पीने से हुई मौत के मामले में जो भी पुलिसकर्मी या अधिकारी दोषी पाए जाएंगे या फिर जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाई, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. नीतीश ने कहा कि शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही बिहार में एक बार फिर शराबबंदी के समर्थन में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा.
रोहित कुमार सिंह