'निमिषा प्रिया की फांसी टली, रिहाई के दावे गलत', सामने आया MEA का बयान

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है. निमिषा और उनके परिवार के संपर्क में है. भारत ने स्थानीय यमन के अधिकारियों से भी इस संबंध में बातचीत की है और कुछ मित्र देशों से भी संपर्क साधा है.

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निमिषा प्रिया की सजा को लेकर MEA का बयान सामने आया है (File Photo:ITG) निमिषा प्रिया की सजा को लेकर MEA का बयान सामने आया है (File Photo:ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:22 AM IST

भारत सरकार ने पुष्टि की कि केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी फिलहाल टाल दी गई है. साथ ही ये भी कहा कि उनकी सजा रद्द नहीं की गई है और रिहाई को लेकर फैलाई जा रही खबरें गलत और भ्रामक हैं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है. निमिषा और उनके परिवार के संपर्क में है. भारत ने स्थानीय यमन के अधिकारियों से भी इस संबंध में बातचीत की है और कुछ मित्र देशों से भी संपर्क साधा है.

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रणधीर जायसवाल ने बताया कि हमारे निरंतर प्रयासों के चलते यमन के प्रशासन ने निमिषा प्रिया की सजा को फिलहाल लागू नहीं किया है. हम मामले की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और हरसंभव सहायता दे रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि उनकी सजा रद्द कर दी गई है और उनकी रिहाई के लिए समझौता हो गया है, लेकिन ये दावे पूरी तरह गलत हैं.

बता दें कि इस सप्ताह की शुरुआत में भारत के ग्रैंड मुफ्ती कार्यालय की ओर से यह दावा किया गया था कि निमिषा की फांसी की सजा आधिकारिक तौर पर रद्द कर दी गई है. हालांकि इससे पहले ही उनकी सजा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था.

कौन हैं निमिषा प्रिया?

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38 वर्षीय निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं और 2008 में बेहतर रोजगार के लिए यमन गई थीं. एक प्रशिक्षित नर्स होने के साथ ही उन्होंने यमन के नागरिक तालाल अब्दो महदी के साथ पार्टनरशिप में सना शहर में एक क्लिनिक शुरू किया था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दौरान महदी ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया, खुद को उनका पति बताने लगा और उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया, जिससे वह भारत वापस नहीं आ सकीं.

2017 में पासपोर्ट वापस लेने के प्रयास में उन्होंने महदी को बेहोश करने की कोशिश की, लेकिन ओवरडोज़ के चलते उसकी मौत हो गई. इसके बाद उन्हें हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया और 2018 में दोषी ठहराया गया. 2020 में यमन की अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी.

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