देश में संसद की इमारत बदल गई है लेकिन हंगामे-शोर शराबे की तस्वीर वही पुरानी है. 20 जुलाई को शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र का आज चौथा दिन था. मणिपुर, मेघालय और इंडिया अलायंस के नाम पर सरकार और विपक्ष में तलवारें चलीं.
सुबह बीजेपी की पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के नए अलायंस के इंडिया नाम पर तंज़ कसा. कहा कि नाम में इंडिया लगा लेना कोई देशभक्ति का पैमाना नहीं, इंडियन मुजाहिद्दीन,ईस्ट इंडिया कंपनी और पीएफआई के नाम में भी इंडिया है. संसद में हंगामे की आज एक और वजह थी और वो थी आप सांसद संजय सिंह का निलंबन. विपक्ष ने इसे लेकर कई बैठकें की थीं.
इन्टरेस्टिंग ये है कि 21 बिल इस बार संसद के इस सत्र में पेश होने हैं. और चार दिन बाद भी स्थगन और हंगामे के अलावा किसी बिल पर चर्चा हुई हो, ऐसी सूरत नहीं बनी. 12 अगस्त तक संसद का ये सत्र चलना है. हमने आज की हलचलों पर विस्तार से बात की, सुनिए ‘दिन भर’ में.
गोपाल कांडा, जो हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री है. इन पर चल रहे आज 12 साल पुराने मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया. एयरहोस्टेस गीतिका शर्मा सुसाइड केस में इन्हें बरी कर दिया गया है. गोपाल कांडा की एयरलाइन कंपनी MDLR में काम करने वाली गीतिका शर्मा ने 5 अगस्त 2012 को अपने घर में सुसाइड कर लिया था. इस सुसाइड का जिम्मेदार गीतिका ने पूर्व गृह राज्य मंत्री गोपाल कांडा और उनकी MDLR कंपनी में सीनियर मैनेजर रहीं अरुणा चड्ढा को ठहराया था. गीतिका ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि गोपाल कांडा ने उन्हें हैरास किया जिसके बाद उन्होंने सुसाइड की. करीब छह महीने बाद गीतिका की मां अनुराधा शर्मा ने भी आत्महत्या कर ली थी. 2012 में गोपाल कांडा इस केस में 18 महीनों तक जेल में रहे लेकिन मार्च 2014 में उनको जमानत दे दी गई. जिस समय ये केस सामने आया था उस वक़्त कांडा सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में गृह राज्यमंत्री हुआ करते थे. सुसाइड केस में नाम आने के बाद उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा था. फिलहाल गोपाल कांडा बीजेपी-जेजेपी की सरकार को अपना समर्थन दे रहे हैं, गोपाल कांडा की पार्टी हरियाणा लोकहित पार्टी भी एनडीए में शामिल है. 12 साल से चले आ रहे इस केस के उतार चढ़ाव क्या रहे? क्या टर्निंग पॉइंट्स थे? सुनिए ‘दिन भर’ में.
देश के किसी आम नागरिक ने जब भी नॉर्थ ईस्टर्न स्टेट्स की तरफ देखा, उन्हें दिखी वहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांति। लेकिन एक नया साल शुरू हुआ. और इस साल ने हमें नॉर्थ ईस्ट की ग्राउंड रियलिटी को थोड़ा और करीब से दिखाया. मणिपुर राज्य में हिंसा भड़के दो महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। इसी बीच अब हिंसा की खबर मणिपुर के पड़ोसी राज्य मेघालय से आ रही है। कल मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के तुरा स्थित कार्यालय पर लोगों की भीड़ ने पथराव कर दिया। इस घटना में पांच सुरक्षाकर्मी घायल हुए। तुरा, मेघालय राज्य की पश्चिमी गारो हिल्स में स्थित एक शहर है। गारो हिल्स में बेस्ड एक सोसायटी ग्रुप चाहता है कि तुरा को मेघालय की शीतकालीन राजधानी यानी विंटर स्टेट बना दिया जाए । इस मांग को लेकर पिछले 14 दिनों से लोग भूख हड़ताल कर रहें है। भूख हड़ताल के बाद सीएम कोनराड संगमा आंदोलकारियों से अपने ऑफिस में बैठक कर ही रहे थे, जब पथराव की ये घटना हुई। तुरा को विंटर स्टेट कौन बनवाना चाहता है और चाहता है तो क्यों, सुनिए ‘दिन भर’ में.
अब इजरायल की खोज खबर लेते हैं जहां कल संसद ने एक अहम फैसला लिया और लोग सड़कों पर आ गए. ये बिल था ज्यूडिशियल ओवरहॉल का, जिसे लेकर देश भर में 29 हफ्तों से प्रदर्शन चल रहे थे। प्रदर्शनों के बावजूद कल जब ये बिल पास हुआ तो इसने विरोध को और भड़का दिया. इजरायल के तेल अवीव की सड़कों को अलग अलग संगठनों से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने घेरा हुआ है. उनका कहना है कि इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अब रूसी राष्ट्रपति पुतिन की तरह हो गए हैं, इस बार अगर सरकार ने इसे वापस नहीं लिया तो ये प्रदर्शन और बड़े होंगे. इजरायल की मेडिकल एसोसिशन ने भी 24 घंटे हड़ताल का ऐलान किया है.
ये जानने के लिए ये ज्यूडिशियल ओवरहॉल बिल के पास होने पर भड़की इस हिंसा का पूरा मामला क्या है? इस बिल के अलावा और कौन से कारण है जिनके चलते ये विरोध इतना भड़क रहा है, सुनिए ‘दिन भर’ में.
चेतना काला