गांव की सड़कें भी सुरक्षित नहीं, शहरों से ज्यादा हो रहे हादसे- NCRB

एनसीआरबी का डेटा बताता है कि साल 2019 में कुल सड़क हादसों का 59.9 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में रिकॉर्ड किया गया, जबकि शहरों में 40.5 प्रतिशत हादसे दर्ज किए गए.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-पीटीआई) प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:55 PM IST
  • शहरों से ज्यादा गांवों में सड़क हादसे
  • NCRB के आंकड़ों से खुलासा
  • 2019 में रेलवे क्रॉसिंग पर 1788 हादसे

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अध्ययन से खुलासा होता है कि भारत में सड़क हादसे गांवों में ज्यादा हो रहे हैं. इससे पता चलता है कि शहरों में ज्यादा वाहनों के बावजूद वहां हादसे कम हो रहे हैं जबकि गांवों में भले ही वाहन कम हो लेकिन वहां हादसे ज्यादा हो रहे हैं. 

एनसीआरबी का डेटा बताता है कि साल 2019 में कुल सड़क हादसों का 59.9 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों में रिकॉर्ड किया गया, जबकि शहरों में 40.5 प्रतिशत हादसे दर्ज किए गए. 

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अगर संख्या की दृष्टि से देखें तो साल 2019 में 2,60,379 सड़क हादसे ग्रामीण इलाकों में हुए जबिक इसी अवधि में शहरी इलाकों में 1,77,017 सड़क हादसे के केस दर्ज किए गए. 

कुल सड़क हादसों का लगभग 30 प्रतिशत यानी कि 1,30,943 मामले आवासीय इलाकों में दर्ज किया गया.  
  
NCRB ने रेलवे हादसों का आंकड़ा भी इकट्ठा किया है. इसके मुताबिक 2019 में रेल दुर्घटना से जुड़े 27,987 मामले दर्ज किए गए. इन हादसों में 3569 लोग घायल हुए और जबकि 24619 लोगों की मौत हो गई है. 

रेल हादसे के ज्यादा मामले (76.3 प्रतिशत) ट्रेनों से गिरने के और पटरी ट्रेन की चपेट में लोगों के आने के हैं. रेलवे दुर्घटनाओं के कुल 27,987 मामलों में से 21,361 ऐसे ही मामले थे. 

साल 2019 में रेलवे क्रॉसिंग पर 1788 दुर्घटनाएं हुई, इनमें 1762 लोगों की मौत हो गई, जबकि 165 लोग घायल हो गए. उत्तर प्रदेश में ऐसे हादसे सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किए गए. कुल 1788 रेल हादसों में 851 घटनाएं सिर्फ यूपी में ही रिकॉर्ड की गईं. 

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