मुंबई महानगरपालिका (BMC) ने शहर में दशकों से जमा लगभग 185 लाख टन पुराने कूड़े को हटाने के लिए 2,368 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना शुरू की है. इस परियोजना का मकसद तीन वर्षों में 110 हेक्टेयर भूमि को दोबारा से जीवित करना है. यह काम पर्यावरण के लिहाज से सुरक्षित बायोरमीडिएशन तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए किया जाएगा.
परियोजना के तहत, डीनोअर के पुराने डंपिंग ग्राउंड को साफ कर वहां से कूड़ा हटाने के बाद उस क्षेत्र का दोबारा से विकास किया जाएगा. हालांकि इस योजना पर राजनीतिक विरोध और सामाजिक संगठनों की आपत्तियां भी सामने आई हैं.
कुछ एक्टिविस्ट और पर्यावरण विशेषज्ञों ने बताया कि सीपीसीबी (केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड) के नियमों के मुताबिक, बंद किए गए डंपिंग ग्राउंड पर अगले 15 वर्षों तक कोई निर्माण काम नहीं किया जा सकता. साथ ही, डंपिंग ग्राउंड के आसपास 500 मीटर के क्षेत्र को 'बफर जोन' घोषित करना अनिवार्य है.
यह भी पढ़ें: अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को मलाड में अवैध निर्माण के लिए BMC ने भेजा नोटिस, दी कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
वकील ने मुंबई म्युनिसिपल कमिश्नर को भेजा नोटिस
वकील सागर देवरे ने इस संदर्भ में कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने डीनोअर के डंपिंग ग्राउंड के 124 एकड़ भूमि को धारावी पुनर्वास परियोजना के लिए देने का निर्णय लिया है. वकील ने इस फैसले को चुनौती देते हुए राज्य सरकार और मुंबई म्युनिसिपल कमिश्नर को कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें डीनोअर डंपिंग ग्राउंड का हिस्सा धारावी परियोजना को देने वाली योजना को तुरंत रद्द करने और सीपीसीबी के नियमों का पालन करने की मांग की गई है.
शिवसेना की तरफ से भी विरोध, आदित्य ठाकरे ने उठाए सवाल
शिवसेना युवा सेना के विधायक आदित्य ठाकरे और कांग्रेस मुंबई प्रमुख वर्षा गायकवाड़ ने भी BMC के इस टेंडर पर सवाल उठाए हैं. आदित्य ठाकरे ने कहा कि BMC बसों के किराए बढ़ा रही है, वहीं इस तरह के प्रोजेक्ट्स में लाखों करोड़ रुपये खर्च कर रही है, जो उचित नहीं है.
यह भी पढ़ें: BMC में नौकरी दिलाने के नाम पर 8 लाख रुपये की ठगी, युवक ने गिरवी रखे थे मां के गहने
सपा विधायक ने किया फैसले का स्वागत
समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने इस योजना का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि गोवंडी के लोग दशकों से कूड़े के बीच रह रहे हैं और इससे उनकी सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ा है. उन्होंने कहा कि BMC की यह पहल वेस्ड इंटरेस्ट के बिना नहीं होती, लेकिन जो भी कारण हो, गोवंडी के निवासियों के लिए यह एक अच्छा कदम है.
मुस्तफा शेख