लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मोदी सरकार अपना आख़िरी बजट लाने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल छठी बार बजट पेश करेंगी. चुनावी साल में ये अंतरिम बजट होगा यानी कुछ महीने का बजट पास होगा और चुनाव के बाद जब नई सरकार बनेगी तो पूर्ण बजट पेश की जाएगी. लेकिन उससे पहले आज राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ पार्लियामेंट का बजट सत्र आरंभ हो गया. लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि दुनिया भर में गंभीर संकटों के बीच भारत सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था है. पिछला वर्ष भारत के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि वाला रहा है और सरकार ने ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' को लगातार जारी रखा है.
इसके अलावा अपने अभिभाषण में उन्होंने देश की रक्षा, विदेश और आर्थिक नीतियों का जिक्र किया. मोदी सरकार के लाए महिला आरक्षण कानून पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के जरिए सरकार विधायिका में आधी आबादी का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध है. अपने संबोधन में उन्होंने अयोध्या राम मंदिर का जिक्र भी किया.
इससे पहले पीएम मोदी ने भी आज संसद के बाहर मीडिया को संबोधित किया और पूरे आत्मविश्वास के साथ कहा कि उनकी सरकार फिर से आएगी और देश का पूरा बजट पेश करेगी. लगे हाथ उन्होंने विपक्षी सासंदों को नसीहत भी दे डाली. लेकिन अंतरिम बजट से पहले आज मोदी सरकार ने एक बड़ा फैसला किया है और मोबाइल फोन के प्रोडक्शन में इस्तेमाल होने वाले कंपोनेंट्स और पार्ट्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी यानी आयात शुल्क में कटौती की है. मोबाइल पार्ट्स पर अब इम्पोर्ट ड्यूटी 15 फीसदी की बजाय 10 फीसदी ही लगेगी. सरकार के इस फैसले का क्या इम्पैक्ट होगा और बजट को लेकर क्या संकेत मिल रहे हैं, सुनिए 'दिन भर' की पहली ख़बर में.
बिहार की सियासत में उलटफेर के बाद अब पड़ोसी राज्य झारखंड की राजनीति में भी गहमागहमी तेज हो गई है. ED के कई समन टालने और दिल्ली से लेकर रांची तक लुकाछिपी खेलने के बाद आज सीएम हेमंत सोरेन जांच एजेंसी के सामने पेश हुए और उनसे पूछताछ चल रही है. सोरेन से कथित जमीन घोटाले के जिस मामले में ईडी पूछताछ करना चाह रही है, वो रांची के बड़गाई इलाके में सेना के क़रीब साढ़े 4 एकड़ मालिकाना हक वाली जमीन की खरीद बिक्री से जुड़ी है.ईडी इस मामले में 20 जनवरी को मुख्यमंत्री से पूछताछ कर चुका है. तब रांची में ही उनसे करीब सात घंटे तक जांच एजेंसी ने पूछताछ की थी. ये पूछताछ भी मुख्यमंत्री को जारी कई समन के बाद हुई थी.
इस बीच रांची के एसडीओ ने आज शहर में धारा 144 लगाने का आदेश जारी किया, जो सुबह 9 बजे से रात 10 बजे तक जारी रहेगी. इसके तहत मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और ईडी दफ़्तर से 100 मीटर के दायरे में पांच या उससे ज्यादा लोगों का एक साथ जमा होना प्रतिबंधित किया गया है. इस दौरान धरना-प्रदर्शन, जुलूस, रैली या आमसभा नहीं हो सकेगी और सरकारी काम में लगे लोगों को छोड़कर कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का हथियार लेकर नहीं चल सकेगा. क्या हेमंत सोरेन की गिरफ़्तारी तय है, सूबे का अगला सीएम कौन होगा और ED अधिकारियों के ख़िलाफ़ सोरेन ने क्यों केस दर्ज कराया गया है, सुनिए 'दिन भर' की दूसरी ख़बर में.
वाराणसी का ज्ञानवापी केस अलग अलग मांगों और याचिकाओं पर अलग अलग कोर्ट में सुनवाई चल रही है. बीते बुधवार को ही जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानि एएसआई की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक की थी. जिसके मुताबिक, ज्ञानवापी में मंदिर का स्ट्रक्चर मिला है. आज इस मामले में एक और मांग को लेकर जिला कोर्ट का फैसला आया. दरअसल, हिंदू पक्ष की तरफ से दायर एक याचिका में व्यासजी तहखाने में नियमित पूजा के अधिकार की मांग की गई थी. इस पर पूरी सुनवाई के बाद वाराणसी जिला कोर्ट ने हिन्दू पक्ष के हक़ में अपना फैसला सुनाया. इसमें कहा गया कि हिंदू पक्ष व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा कर सकते हैं और इसके लिए जिला प्रशासन सात दिन के भीतर व्यवस्था करे. तो ज्ञानवापी परिसर में ये व्यासजी तहखाना आख़िर है क्या और इसको लेकर दोनों पक्षों का क्या दावा रहा है? ज्ञानवापी पर हक़ की क़ानूनी लड़ाई किधर बढ़ रही है, सुनिए 'दिन भर' की तीसरी ख़बर में.
करप्शन यानी भ्रष्टाचार के नाम पर कई देशों में सरकारें बदलती रहती हैं. कई नेता तो भ्रष्टाचार से लड़ते-लड़ते सत्ता में पहुंचे तो उन पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे. कई बार चुनाव का सबसे हॉट टॉपिक भी करप्शन होता है. लेकिन ये कैसे तय होता है कि कौन सा देश करप्शन में सबसे आगे है और किस देश में करप्शन नहीं के बराबर है. इसे मापने का कोई सीधा फॉर्मूला या पैमाना तो है नहीं, लेकिन किसी देश में करप्शन बढ़ा या घटा है, ये वहां की जनता के अनुभवों से ज़रूर पता चल जाता है. इसी से जुड़ी एक रिपोर्ट आयी है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल नामक एक संस्था हर साल ये रिपोर्ट जारी करती है, जिसमें अलग-अलग देश करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में किस पायदान पर खड़े हैं, उसका पता चलता है.
ताज़ा रिपोर्ट साल 2023 को लेकर आई है, इसमें भारत की रैंकिंग इसके पिछले साल यानी 2022 के मुकाबले गिर गई है. तब भारत की रैंकिंग 85 थी जो इस साल 93 पर पहुंची गई है. इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि पिछली यूपीए सरकार की तुलना में मौजूदा मोदी सरकार में करप्शन की स्थिति में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है. इस रिपोर्ट पर विस्तार से बातचीत, सुनिए 'दिन भर' की आख़िरी ख़बर में.
कुमार केशव / Kumar Keshav