जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद पाकिस्तान के सोशल मीडिया स्पेस गलत सूचनाओं, समन्वित प्रचार और परेशान करने वाले मजाक का अड्डा बन गया है. पीड़ितों और भारतीय सैनिकों का मजाक उड़ाने से लेकर हमले के लिए प्रधानमंत्री मोदी को दोषी ठहराने तक, पाकिस्तानी यूजर्स ने एक्स पर एक अभियान शुरू किया है, जिसमें इस घटना को भारत द्वारा झूठ फैलाने के रूप में दिखाया जा रहा है.
पाकिस्तानियों द्वारा शुरू किए गए हैशटैग इसकी कहानी बयां करते हैं. जैसे कि #IndianFalseFlag, #PahalgamDramaExposed, #ModiExposed, #IndiaFalseFlagExposed, #IndiaFalseFlagKing और #IndianMediaExposed आदि. ये सभी हैशटैग हज़ारों पोस्ट के साथ ट्रेंड कर रहे हैं, जिनका उद्देश्य यह दावा करना है कि हमला पाकिस्तान को बदनाम करने की एक साजिश है.
दरअसल, मंगलवार को रात 9:00 बजे के आसपास मुख्य हैशटैग #IndianFalseFlag ट्रेंड करना शुरू हुआ, जो जल्द ही 14,000 से ज़्यादा पोस्ट के साथ पाकिस्तान की एक्स टाइमलाइन पर शीर्ष ट्रेंड बन गया. हैरानी की बात यह है कि यह ट्रेंड काफ़ी हद तक मनगढ़ंत लगता है, क्योंकि सभी पोस्ट 16 घंटों के भीतर सिर्फ कुछ हज़ार यूज़र्स से आए थे.
इंडिया टुडे OSINT टीम ने सोशल मीडिया एनालिटिक्स का उपयोग करके हैशटैग ट्रेंड का विश्लेषण किया, और पाया कि इनमें से 75% से ज़्यादा पोस्ट ऐसे अकाउंट से आए हैं, जिनके बायो में पाकिस्तान का नाम लिखा है.
पीड़ितों, सैनिकों, प्रधानमंत्री और मीडिया का मजाक उड़ाना
प्रोपेगेंडा कैंपेन के सबसे परेशान करने वाले तत्वों में से एक AI जनरेटेड वीडियो का प्रसार था, जिसने एक संवेदनशील इमेज को ट्रांसफोर्म किया. इसमें एक मारे गए पीड़ित के बगल में शोक संतप्त महिला को दिखाया गया था. इसके साथ ही एक जश्न मनाने वाले डांस सिक्वेंस इस्तेमाल किया गया. एक अन्य AI-जनरेटेड वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी की एक बदली हुई इमेज दिखाई गई, जिसे कथित तौर पर पाकिस्तानी पुलिस की वर्दी पहने लोगों ने जंजीरों में जकड़ा हुआ है.
पाकिस्तानी प्रचार तंत्र न केवल इस भीषण हमले को एक नाटक बताकर मज़ाक उड़ा रहा है, बल्कि इस घटना के लिए भारतीय प्रधानमंत्री को भी दोषी ठहरा रहा है. पिछले 48 घंटों में, भारतीय प्रधानमंत्री को निशाना बनाते हुए उर्दू में 45,000 से अधिक पोस्ट पाकिस्तान के एक्स प्लेटफ़ॉर्म पर छा गए हैं, जिनमें से कई हैशटैग #ModiExposed के साथ हैं.
बदनाम करने का अभियान राजनीतिक हस्तियों तक ही सीमित नहीं रहा. हमले को कवर करने वाले और पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों की संलिप्तता को उजागर करने वाले भारतीय मीडिया आउटलेट भी निशाने पर आ गए. भारतीय पत्रकारों और समाचार चैनलों को बदनाम करने के लिए पाकिस्तानी हैंडल द्वारा हैशटैग #IndianMediaExposed का इस्तेमाल किया गया.
रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल भारतीय सेना के जवानों को भी निशाना बनाया गया, कुछ पोस्ट में झूठा आरोप लगाया गया कि वे जान बचाने की बजाय रील शूट करने में ज़्यादा ध्यान दे रहे थे.
समन्वित प्रोपेगेंडा
@Pakistanipeeps हैंडल से एक वायरल पोस्ट, जिसने 16 बार #IndianFalseFlag हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए पोस्ट किया, ने एक पोस्टर शेयर किया जिसमें लिखा था कि “पाकिस्तान ने भारतीय प्रचार का खंडन किया है.”
पोस्टर इस्लामाबाद स्थित डिजिटल मीडिया साइट “आज़ाद उर्दू” द्वारा बनाया गया था, जिसे 90 से ज़्यादा बार शेयर किया गया और उर्दू में लिखा गया था “पाकिस्तानी भारतीय दुष्प्रचार को खारिज करते हैं”.
कई अकाउंट ने इस ट्रेंड को बढ़ावा देने का आह्वान किया, जिसमें एक पोस्ट में लिखा था “मैं हर देशभक्त पाकिस्तानी से अनुरोध करता हूँ कि वह कमेंट में यह हैशटैग लिखें.”
दुष्प्रचार को बढ़ावा देने वाले ज़्यादातर यूज़र पाकिस्तान समर्थक बयानों या शरीफ़ सरकार के समर्थन में पोस्ट करने वाले अकाउंट से जुड़े हैं.
गलत सूचना
पहलगाम हमले पर बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने के लिए पाकिस्तान के लिए गलत सूचना एक और रणनीति बन गई है. कुछ अकाउंट्स ने दावा किया कि यह घटना भारत द्वारा रचा गया एक “नाटक” है, जो कथित तौर पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर द्वारा हाल ही में की गई टिप्पणियों से प्रेरित था.
@Polpropaganda0 नामक एक अकाउंट, जो अक्सर राज्य समर्थक बयानों को आगे बढ़ाता है, ने एक पोस्ट शेयर की, “कश्मीर पर जनरल के स्पष्ट बयान ने भारत की घबराहट बढ़ा दी है. अब जो नाटक चल रहा है, वह इसी घबराहट का नतीजा है. पाकिस्तान के खिलाफ आक्रामकता का जवाब घर में घुसकर दिया जाएगा.”
इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के एक पूर्व सदस्य ने आगे की गलत सूचना दी, जिन्होंने आरोप लगाया कि भारत जल्द ही मीडिया के सामने हमले के लिए “जेल में बंद पाकिस्तानियों” को दोषी ठहराएगा.
आकाश शर्मा