बिहार विधानसभा चुनाव से इतर देश के कई हिस्सों में हो रहे उपचुनाव को लेकर भी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इसी तरह गुजरात में भी उपचुनाव को लेकर जंग भी बेहद दिलचस्प होता जा रहा है. लिमडी विधानसभा सीट पर कांग्रेस से अपना इस्तीफा देने वाले विधायक सोमाभाई पटेल ने नामांकन दाखिल कर दिया है.
लिमडी विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव धीरे-धीरे दिलचस्प होता जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने किरीट सिंह राणा को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है तो वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक सोमाभाई पटेल ने टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर फॉर्म भर दिया है.
माना जा रहा था कि कांग्रेस से बगावत करने वाले सोमाभाई पटेल को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया. माना जा रहा है कि अब वो बीजेपी से बगावत के मूड में हैं.
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सोमाभाई पटेल कांग्रेस से राज्यसभा चुनाव में बगावत करने वाले विधायक थे. उनके जैसे पांच अन्य विधायकों को बीजेपी ने टिकट दिया था. जिसके बाद वह उम्मीद जता रहे थे कि पार्टी उन्हें भी टिकट देगी, लेकिन बीजेपी ने उनके ऊपर भरोसा नहीं किया और टिकट नहीं दिया.
बीजेपी के फैसले से नाराज सोमाभाई पटेल का राजनीतिक भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा था, लेकिन उन्होंने अब निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरकर चुनाव को एक नया मोड़ दे दिया है.
उपचुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद जानकारी सामने आ रही थी कि लिमडी सीट से सोमाभाई पटेल को टिकट देगी, लेकिन बीजेपी ने उनका पत्ता काटकर किरीट सिंह राणा को मैदान में उतारने का फैसला किया है. टिकट मिलने के बाद किरीट सिंह राणा ने वोट मांगने के लिए डोर-टू-डोर अभियान भी शुरू कर दिया है.
लिमडी विधानसभा सीट बीजेपी और कांग्रेस दोनों के लिए अहम माना जा रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी उम्मीदवार सोमाभाई पटेल ने बीजेपी उम्मीदवार किरीट सिंह राणा को हरा दिया था. राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले सोमा पटेल ने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन आधिकारिक तौर पर वह अभी तक किसी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं.
माना जा रहा है कि यह बीजेपी की ही अपने उम्मीदवार को जिताने की एक रणनीति हो सकती है. सोमाभाई पटेल कोली समाज से आते हैं और इस सीट पर कोली समाज का प्रभुत्व भी है. कोली समाज इस सीट पर कांग्रेस का लॉयल माना जाता है, वैसे में ये कांग्रेस का वोट बैंक को तोड़ने की भी रणनीति हो सकती है.
गोपी घांघर