नक्शे में लद्दाख चीन का हिस्सा! भारत ने दिखाए थे कड़े तेवर पर WHO ने नहीं किया बदलाव

विदेशी मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने जवाब में कहा था कि WHO ने अपनी वेबसाइट पर नक्शे को लेकर एक डिस्क्लेमर डाल दिया. जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन को इस बारे में संगठन ने सूचित कर दिया था.

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भारत के नक्शे के गलत चित्रण का मुद्दा राज्यसभा में भी उठ चुका. (फोटो: covid19.who.int) भारत के नक्शे के गलत चित्रण का मुद्दा राज्यसभा में भी उठ चुका. (फोटो: covid19.who.int)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 10:24 PM IST
  • राज्यसभा में सिंधिया ने पूछा था सवाल
  • अब टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने भी जताई आपत्ति

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की वेबसाइट पर एक नक्शे में जम्मू-कश्मीर को पाकिस्तान और लद्दाख को चीन का हिस्सा दिखाया गया है. हाल ही में तृणमूल के राज्यसभा सांंसद शांतनु सेन ने इस मुद्दे को उठाते हुए कड़ी आपत्ति दर्ज कराई. हालांकि, इस मामले को बीजेपी नेता और मौजूदा नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एक साल पहले ही संसद में उठा चुके हैं. इस पर विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने भारत की ओर से WHO के सामने कड़ा ऐतराज दर्ज कराया था. लेकिन बावजूद इसके अभी तक नक्शे को बदला नहीं गया.  

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दरअसल, पिछले साल राज्यसभा में सिंधिया ने विदेश मंत्रालय से जवाब मांगा था कि क्या डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट पर नक्शे में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को भारत से अलग दिखाया गया है? और अगर हां, तो क्या भारत सरकार ने इस संबंध में डब्ल्यूएचओ के सामने कोई विरोध दर्ज कराया है?

इस पर 4 फरवरी 2021 को विदेशी मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने जवाब देते हुए कहा था, WHO की वेबसाइट पर भारत के नक्शे को गलत दिखाए जाने के मुद्दे को हाई लेवल पर उठाया गया है. इसके जवाब में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने जेनेवा में भारत के स्थायी मिशन को सूचित किया है कि उन्होंने पोर्टल पर डिस्क्लेमर दे दिया है.

इस डिस्क्लेमर में कहा गया कि ''दिए गए नामों और प्रदर्शित की गई सामग्री द्वारा किसी देश, उसके भूक्षेत्र या उसके किसी प्राधिकरणों की वैधानिक स्थिति अथवा इसकी सीमाओं या सीमा क्षेत्रों में बदलाव लाने के संबंध में व्यक्त की गई कोई भी टिप्पणी विश्व स्वास्थ्य संगठन की राय नहीं है. नक्शे पर दर्शाए गए डॉट और डैश लाइनें किसी देश की सीमाओं का अनुमान मात्र हैं जिसके संबंध में हो सकता है कि पूर्ण सहमति न हो.''  इसके बावजूद भी सीमाओं को सही रूप में दर्शाने से संबंधित भारत सरकार की स्थिति को स्पष्ट शब्दों में दोहराया गया है.   

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बता दें कि हाल ही में 30 जनवरी को यह मुद्दा तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉक्टर शांतनु सेन ने उठाया है. डॉ. सेन ने इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर इसका पुरजोर विरोध करने की मांग की है.  

टीएमसी नेता ने इस पर प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित कराते हुए लिखा है कि, मैं आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि जब कोविड की वैश्विक स्थिति जानने के लिए मैं WHO की वेबसाइट पर गया तो मुझे एक नक्शा दिखा. डॉक्टर सेन ने आगे लिखा, जब मैंने उसे जूम कर देखा तो मैं चौंक गया, जम्मू-कश्मीर को दो अलग रंगों में दिखाया गया है. जब मैंने भारत के नीले रंग वाले हिस्से के बाद दूसरे हिस्से पर क्लिक किया तो उसमें पाकिस्तान की कोरोना स्थिति नजर आने लगी, जबकि अन्य हिस्से में चीन का आंकड़ा नजर आने लगा.  

डॉ. सेन ने आगे लिखा कि मेरा मानना है कि यह एक गंभीर अंतर्राष्ट्रीय मामला है और हमारी सरकार को इसकी जांच कर समय से पहले इस पर एक्शन लेना चाहिए.  हमारी सरकार को अन्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों की तरह इसे भी जोर-शोर से उठाना चाहिए. 

 

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