मणिपुर में 4 मई को फैली थी ये अफवाह, फिर गांव में घुसी भीड़ ने महिलाओं से की दरिंदगी

मणिपुर में हिंसा के बीच दो महिलाओं को नग्न करके दौड़ाया गया. करीब दो महीने पुराने इस मामले में अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. बुधवार को वीडियो वायरल होने के बाद इस पर हंगामा शुरू हुआ. अब जाकर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

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मणिपुर के वीडियो ने सबको झकझोर दिया है मणिपुर के वीडियो ने सबको झकझोर दिया है

अनुपम मिश्रा

  • इम्फाल,
  • 20 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST

मणिपुर से इंसानियत पर सवाल खड़ा कर देने वाले वीडियो की चर्चा जोरों पर है. यहां कुछ लोग इतने वहशी हो गए कि उन्होंने दो लड़कियों को निर्वस्त्र किया, उन्हें बिना कपड़ों के घुमाया और फिर कथित तौर पर उनके साथ रेप भी किया.

वीडियो पर मचे हंगामे के बीच इस घटना की एक टाइमलाइन सामने आई है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि ये शर्मसार करने वाली घटना एक फेक न्यूज फैलने की वजह से हुई.

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बता दें कि मणिपुर में तीन मई को मैतेई (घाटी बहुल समुदाय) और कुकी जनजाति (पहाड़ी बहुल समुदाय) के बीच हिंसा शुरू हुई थी. दरअसल, मणिपुर में मैतेई समाज की मांग है कि उसको कुकी की तरह राज्य में शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए. इसके खिलाफ कुकी समाज ने आवाज उठाई और आदिवासी एकजुटता रैली निकाली, जिसका विरोध और बात हिंसा तक पहुंच गई.

फैली थी रेप की अफवाह

सूत्रों के मुताबिक, हिंसा की शुरुआत के बाद अफवाह फैली कि मैतेई समुदाय की महिला के साथ रेप हुआ है. इस खबर के बाद मैतेई समुदाय के लोगों की भीड़ कोंगपो जिले के एक गांव में घुसी. यहां इन्होंने घरों को लूटा और वहां आगजनी की. यहां से कुकियों का एक परिवार जिसमें चार लोग थे वो जान बचाने के लिए अपने पड़ोसियों के साथ जंगल में भाग गया. बाद में जंगल से पुलिस ने पांच लोगों को बचाया और उनके लेकर पुलिस स्टेशन जाने लगी.

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उसी वक्त मैतेई समुदाय के लोगों की भीड़ वहां पहुंची और उन्होंने पुलिस वालों का रास्ता रोक लिया. सभी पांच लोगों को पुलिस से वो भीड़ छीनकर ले गई. पांच लोगों में से भाई और पिता को भीड़ ने मार डाला. वहीं बची हुई तीन महिलाओं को नग्न करके उनके हाथ दरिंदगी की, जिसके वीडियो भी सामने आए हैं. बाद में ये महिलाएं किसी तरह वहां से भाग गईं.

4 मई का केस, 18 को दर्ज हुई शिकायत

भीड़ की दरिंदगी से ये तीनों महिलाएं इस कदर डर गई थीं कि शिकायत दर्ज करवाने की हिम्मत तक नहीं कर पाईं. बाद में 18 मई को गांव के कुछ लोगों ने शिकायत दर्ज करवाई. 21 मई को इस मामले में FIR दर्ज हुई.

करीब एक महीना बीतने के बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. लेकिन 20 जुलाई को वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई. अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

इस मामले पर बात करते हुए मणिपुर के सीएम बिरेन सिंह ने कहा है कि जैसे ही वीडियो हमारे संज्ञान में आया, हमने आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई की। हमने एक मिनट भी जाया नहीं किया है. वह बोले कि ऐसी कार्रवाई की जाएगी जो नजीर बन जाएगी. उन्होंने लोगों से अपील की है कि सड़कों को ब्लॉक ना किया जाए.

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हंगामे के बाद पीएम मोदी का भी इसपर बयान आया था. उन्होंने कहा कि मेरा हृदय पीड़ा से भरा है. इस मामले के गुनहगार बख्शे नहीं जाएंगे.

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