'7 दिन में लूटे गए हथियार वापस सौंप दें वरना...', राष्ट्रपति शासन के बीच मणिपुर के राज्यपाल का अल्टीमेटम

मणिपुर के राज्यपाल ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य के सभी समुदायों को दुश्मनी को खत्म करने और समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आगे आना चाहिए, जिससे लोग अपनी सामान्य दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में वापस लौट सकें."

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मणिपुर में तैनात सुरक्षा अधिकारी (तस्वीर: PTI/फाइल) मणिपुर में तैनात सुरक्षा अधिकारी (तस्वीर: PTI/फाइल)

जितेंद्र बहादुर सिंह / बेबी शिरीन

  • नई दिल्ली,
  • 20 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:17 PM IST

मणिपुर (Manipur) के राज्यपाल अजय भल्ला ने मैतेई और कुकी सहित सूबे के सभी समुदायों के लोगों से लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों को सात दिनों के अंदर सौंपने को कहा है. इसके साथ उन्होंने आश्वासन दिया कि अल्टीमेटम का पालन करने वालों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

राज्यपाल ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य के सभी समुदायों को दुश्मनी को खत्म करने और समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आगे आना चाहिए, जिससे लोग अपनी सामान्य दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों में वापस लौट सकें."

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कहां जमा करना होगा हथियार?

राज्यपाल की तरफ से जारी किए गए बयान में कहा गया, "इस संबंध में मैं सभी समुदायों के लोगों, विशेष रूप से घाटी और पहाड़ियों के युवाओं से ईमानदारी से करता हूं कि वे स्वेच्छा से आगे आएं और लूटे गए और अवैध रूप से रखे गए हथियारों और गोला-बारूद को आज से अगले सात दिनों के अंदर निकटतम पुलिस स्टेशन, चौकी, सुरक्षा बलों के शिविर में जमा करें." 

यह भी पढ़ें: 'शांति और न्याय के लिए व्यापक रोडमैप तैयार करे सरकार', मणिपुर के 10 कुकी विधायकों की केंद्र से अपील

बयान में अपील करते हुए आगे कहा गया है कि इन हथियारों को वापस करने का आपका एक कार्य शांति सुनिश्चित करने की दिशा में एक शक्तिशाली कदम हो सकता है. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगर ऐसे हथियार निर्धारित समय के अंदर वापस कर दिए जाते हैं, तो कोई दंडात्मक कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी. इसके बाद, ऐसे हथियार रखने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी."

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2023 में शुरू हुई थी हिंसा

मणिपुर में पिछले हफ्ते राष्ट्रपति शासन लागू किया गया और राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया था, जिसके कुछ दिन बाद ही मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. सूबे में जातीय हिंसा शुरू होने के करीब दो साल बाद बीरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया.

मणिपुर में हिंसा मई 2023 में शुरू हुई थी और इंफाल घाटी में बहुसंख्यक मैतेई समुदाय और आसपास की पहाड़ियों में कुकी-ज़ो आदिवासी समूहों के बीच क्रूर झड़पें हुईं. दो समुदायों की लड़ाई में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और हजारों लोग विस्थापित हो गए.

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