लोबसांग सांगे बोले- चीन के खिलाफ लड़ने के लिए तिब्बती तैयार, दलाई लामा को मिले भारत रत्न

भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर रस्साकशी जारी है. इस बीच निर्वासित तिब्बत सरकार के पीएम लोबसांग सांगे का कहना है कि तिब्बती लोग हमेशा भारत का साथ देंगे.

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लोबसांग सांगे (फाइल) लोबसांग सांगे (फाइल)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 04 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:24 PM IST
  • भारत-चीन विवाद पर लोबसांग सांगे का बयान
  • तिब्बती हमेशा देंगे भारत का साथ: लोबसांग

चीन सीमा पर तनाव की स्थिति जारी है. 29-30 अगस्त की रात चीन की ओर से जो घुसपैठ की कोशिश की गई, उसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया. इस बीच खबर है कि स्पेशल फ्रंटियर फोर्स में कई तिब्बती शरणार्थियों ने भी हिस्सा लिया, जिन्होंने चीनियों का सामना किया. सेंट्रल तिब्बत एडमिनिस्ट्रेशन के प्रेसिडेंट और निर्वासित तिब्बत सरकार के पीएम लोबसांग सांगे का कहना है कि तिब्बती लोग हमेशा ही भारत के साथ हैं.

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आजतक से खास बातचीत में लोबसांग सांगे ने कहा कि उन्होंने ऐसा सुना है कि तिब्बती लोग भी SFF का हिस्सा हैं, हम हमेशा ही भारत के साथ हैं. अगर चीनियों के खिलाफ लड़ने की जरूरत आएगी तो हम हमेशा मौजूद रहेंगे.

सांगे बोले कि लद्दाख भारत-चीन नहीं भारत-तिब्बत बॉर्डर है, ऐसे में भारत को अपनी नीतियां बदलनी चाहिए. वांग यी ने तिब्बत का दौरा किया था, फिर तिब्बत चीन की सेना का अहम हिस्सा बन गया. 

CTA के प्रमुख ने कहा कि आज दुनिया तिब्बत के साथ खड़ी हो रही है. भारत ने चीनी जासूसों की पहचान कर काफी अच्छा काम किया है. सांगे ने खुलासा किया कि चीनी सेना के कई लोग दुनिया की यूनिवर्सिटियों में जासूस बनकर रहते हैं. 

लोबसांग सांगे ने तिब्बत के लिए भारत के साथ की तारीफ की, साथ ही उन्होंने मांग करते हुए कहा कि दलाई लामा को भारत रत्न मिलना चाहिए. 

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आपको बता दें कि बीते शनिवार को लद्दाख के पैंगोंग में जहां से चीनी सेना को घुसपैठ से रोका गया, वहां विकास रेजिमेंट के जवान तैनात थे. ऐसी रिपोर्ट्स हैं कि इनमें तिब्बती मूल के जवान भी शामिल होते हैं, क्योंकि उन्हें वहां के पहाड़ी इलाकों में महारथ हासिल है. यही वजह है कि चीन भी लगातार इस मसले पर चिढ़ा हुआ है.

 

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