केरल गोल्ड स्मगलिंग केस: पूर्व सचिव की गिरफ्तारी पर घिरे CM, विपक्ष ने मांगा इस्तीफा

केरल सीएम पिनरई विजयन के पूर्व सचिव की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष हमलावर है और मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग रहा है. गोल्ड स्मगलिंग केस में ईडी और कस्टम विभाग की जांच जारी है.

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विपक्ष के निशाने पर पिनरई विजयन विपक्ष के निशाने पर पिनरई विजयन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 9:27 AM IST
  • केरल गोल्ड स्मगलिंग केस में एक्शन
  • CM विजयन के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी गिरफ्तार

केरल गोल्ड स्मगलिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा एक्शन लिया है. बुधवार को सस्पेंड किए जा चुके आईएएस अफसर  शिवशंकर को गिरफ्तार कर लिया गया. केरल हाईकोर्ट में शिवशंकर की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज हो गई थी, जिसके बाद ईडी ने ये एक्शन लिया. 

केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन के प्रिंसिपल सेक्रेटरी रहे शिवशंकर से ईडी ने कोच्चि के दफ्तर में करीब छह घंटे तक पूछताछ की, जिसके बाद गिरफ्तारी की गई. 

ईडी की ओर से अदालत में तर्क दिया गया कि शिवशंकर मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश के साथ लगातार संपर्क में थे. यह भी आरोप लगाया गया है कि एम शिवशंकर ने स्वप्ना सुरेश को अपने चार्टर्ड एकाउंटेंट के माध्यम से फाइनेंस को मैनेज करने में मदद की.

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अफसर की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस और भाजपा ने केरल सरकार पर हमला तेज कर दिया है और मुख्यमंत्री पिनरई विजयन का इस्तीफा मांगा है. दूसरी ओर सत्ताधारी दल का कहना है कि उनका मकसद इस मामले में हर दोषी को सजा दिलवाना है. विपक्ष की ओर से अब इस मामले में प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. 

बता दें कि शिवशंकर ने अग्रिम जमानत के लिए अदालत में याचिका दी थी, लेकिन ये खारिज हो गई थी. जिसके बाद ईडी आर्युवेद अस्पताल पहुंची, जहां शिवशंकर अपना इलाज करवा रहे थे. वहां से ही उन्हें कस्टडी में लिया गया और पूछताछ के लिए ले जाया गया. 

गोल्ड स्मगलिंग केस में ईडी इस वक्त पैसे की लेनदेन पर जांच कर रहा है, इसी जांच के बीच शिवशंकर ने अग्रिम जमानत के लिए दो याचिका डाली थी. एक ईडी के एक्शन के खिलाफ और दूसरी कस्टम विभाग के खिलाफ लेकिन दोनों ही खारिज हो गईं. 

बता दें कि केरल गोल्ड स्मगलिंग केस का खुलासा पांच जुलाई को हुआ था, जब यूएई से आ रहे एक अधिकारी के बैग में करीब 15 करोड़ रुपये का सोना मिला था. उसके बाद इस केस की जांच एनआईए, कस्टम विभाग और ईडी कर रहे हैं. अबतक इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जबकि कई बड़े नाम रडार पर हैं. 

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