कोरोना वायरस की दूसरी लहर खत्म होने के बाद नए मामलों में कमी देखी गई, लेकिन फिर से केस बढ़ने लगे. इस बार केरल कोरोना को लेकर देश में टेंशन बढ़ा रहा है. एक लाख से अधिक एक्टिव मामलों वाला राज्य केरल इस समय सबसे सबसे ज्यादा प्रभावित है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि पिछले 24 घंटों में देश में 46 हजार नए कोरोना केस मिले, जिसमें से केरल से ही कुल संख्या के 58 फीसदी मामले थे.
कोरोना को लेकर दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बताया कि केरल के अलावा, अन्य राज्यों में कोरोना के ट्रेंड में गिरावट जारी है. उन्होंने कहा, ''केरल में एक लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं. महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में 10 हजार से एक लाख तक कोरोना के एक्टिव मरीज हैं. केरल की भागीदारी कुल एक्टिव मामलों में 51 फीसदी, महाराष्ट्र की 16 फीसदी और अन्य तीन राज्यों की 4-5 फीसदी है.''
उन्होंने आगे बताया कि यहां यह जानना जरूरी है कि देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना की 80 लाख से ज्यादा वैक्सीन की डोज लगाई गईं. आज सुबह से अब तक 47 लाख से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं. उन्होंने बताया कि अब भी हम कोरोना की दूसरी लहर के बीच में हैं. त्योहारों में कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन किया जाना चाहिए. हर त्योहार के बाद हम कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखते आए हैं. हमारे लिए सितंबर और अक्टूबर काफी अहम है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने केरल में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चार प्वाइंट्स साझा किए हैं. इसके तहत केरल में कोरोना टेस्टिंग और ट्रेसिंग को बढ़ाए जाने की जरूरत है. केरल अभी दो लोग प्रति संक्रमित व्यक्ति की दर से ट्रेसिंग कर रहा है. वहीं, होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की भी मॉनिटरिंग करने की जरूरत है. इस समय केरल में 80 फीसदी मरीज होम आइसोलेशन में रह रहे हैं.
मिलन शर्मा