4 दिन में 31 की मौत... कर्नाटक का चिड़ियाघर ही बना काले हिरणों का 'कब्रगाह'

कर्नाटक के किट्टूर रानी चेन्नम्मा चिड़ियाघर में चार दिनों में 31 काले हिरण बैक्टीरियल संक्रमण से मर गए. चिड़ियाघर में अब सिर्फ सात काले हिरण बचे हैं. मंत्री ईश्वर खंड्रे बेलगावी पहुंचे, अधिकारियों से मिले और घटना पर “गहरी पीड़ा” जताते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए.

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31 ब्लैकबक की मौत के बाद अन्य चिड़ियाघर में भी एहतियात बढ़ाने के निर्देश जारी (Photo: ITG/ Sagay Raj) 31 ब्लैकबक की मौत के बाद अन्य चिड़ियाघर में भी एहतियात बढ़ाने के निर्देश जारी (Photo: ITG/ Sagay Raj)

सगाय राज

  • बेलगावी,
  • 17 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:10 PM IST

Karnataka Zoo Blackbuck deaths case: कर्नाटक के बेलगावी जिले में स्थित कित्तूर रानी चेन्नम्मा चिड़ियाघर में एक बड़ी और दुखद घटना हुई है. यहां महज़ चार दिनों में 31 ब्लैकबक यानी काले हिरणों की मौत हो गई. वजह बनी एक बैक्टीरियल इंफेक्शन - यानि बैक्टीरिया से फैलने वाली बीमारी. इतने कम समय में इतनी मौतें होना अपने आप में बहुत बड़ा मामला है.

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इन मौतों के बाद किट्टूर रानी चेनम्मा चिड़ियाघर में अब सिर्फ 7 ब्लैकबक बचे हैं. यानी पूरा झुंड लगभग खत्म हो गया. इस घटना से सरकार भी सतर्क हो गई है और तुरंत उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं.

चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को 8 ब्लैकबक मरे, शनिवार को 20 और आखिरी दो दिनों में 3 और ब्लैकबक की जान चली गई. मौतें इतनी जल्दी-जल्दी हुईं कि चिड़ियाघर प्रशासन भी हैरान रह गया. 

मंत्री मौके पर पहुंचे, कहा - बहुत दुखद घटना

कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे खुद बेलगावी पहुंचे और चिड़ियाघर के अफसरों से लंबी बैठक की. उन्होंने कहा कि यह घटना बहुत दर्दनाक है और इसकी जड़ तक पहुंचना बेहद जरूरी है - ताकि समझ आए कि बीमारी आई कहां से और फैली कैसे.

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यह भी पढ़ें: लखनऊ चिड़ियाघर में हिरण चोरी की कोशिश, दीवार फांदकर घुसे पांच युवक, गार्ड ने मचाया शोर तो...

मंत्री के मुताबिक शुरुआती जांच में साफ दिख रहा है कि मौतों की बड़ी वजह यही बैक्टीरियल इंफेक्शन है. बाकी बचे ब्लैकबक को चिड़ियाघर के डॉक्टर तुरंत इलाज दे रहे हैं.

बीमारी को फैलने से रोकने के लिए कड़ी सावधानी

सरकार ने फैसला लिया है कि ये बीमारी कहीं और न फैले, इसलिए बाकी सभी चिड़ियाघरों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही बन्नेरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क, बेंगलुरु से विशेषज्ञों की टीम बेलगावी भेजी गई है, ताकि सही जांच हो सके और बीमारी के कारणों को समझा जा सके.

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