कर्नाटकः गणेश विसर्जन के दौरान मांड्या में सांप्रदायिक हिंसा, भीड़ ने कई दुकानों को किया आग के हवाले

सड़कों पर खड़ी मोटरसाइकिलों को भी निशाना बनाकर आग लगा दी गई, जिससे हिंसा और बर्बादी का माहौल और गहरा गया। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने इलाके में हाई अलर्ट जारी किया है और धारा 144 लागू कर दी है.

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कर्नाटक के मांड्या में सांप्रदायिक तनाव कर्नाटक के मांड्या में सांप्रदायिक तनाव

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 4:07 AM IST

कर्नाटक के नगमंगला, मांड्या में गणेश विसर्जन के दौरान झड़प का मामला सामने आया है. दो संप्रदायों के बीच हुआ ये टकराव इतना बढ़ा कि हालात बेहद तानवपूर्ण हो गए. सामने आया है कि उपद्रवियों द्वारा कई दुकानों, जिनमें पेंट की दुकानें, बाइक शोरूम और कपड़ों की दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया, जिससे ये पूरी तरह जलकर राख हो गईं.

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इलाके में हाई अलर्ट जारी
सड़कों पर खड़ी मोटरसाइकिलों को भी निशाना बनाकर आग लगा दी गई, जिससे तनाव और बढ़ गया और दोनों समुदाय हिंसा पर उतर आए. हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस ने इलाके में हाई अलर्ट जारी किया है और बीएनएस की धारा 163 लागू कर दी गई है. लोगों के इकट्ठा होने पर रोक है और भीड़ जुटाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 

कैसे शुरू हुआ विवाद?
बदरिकोप्पलु गांव के युवक गणेश विसर्जन के लिए जुलूस निकाल रहे थे. जब जुलूस नागमंगला की मुख्य सड़क पर स्थित एक मस्जिद के पास से गुजर रहा था, तो मस्जिद के पास से जुलूस पर कथित तौर पर पत्थर फेंके गए.
इस घटना से हालात बिगड़ गए और दोनों समुदायों के बीच झड़पें होने लगीं। उपद्रवियों ने दुकानों में तोड़फोड़ की और दो वाहनों को आग के हवाले कर दिया. पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने का प्रयास किया, लेकिन गुस्साए हिंदू समुदाय के लोगों ने थाने में प्रदर्शन किया और घटना के जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की.

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एचडी कुमारस्वामी ने की घटना की निंदा
केंद्रीय मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने मंड्या जिले के नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान हुई एक हमले की कड़ी निंदा की है. उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि वह इस घटना की घोर निंदा करते हैं, जो नागमंगला में गणेश विसर्जन के दौरान घटी. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जिस तरह से एक समूह ने जानबूझकर भगवान गणपति की शोभायात्रा में शांतिपूर्वक चल रहे भक्तों को निशाना बनाते हुए पत्थर और चप्पल फेंके, पेट्रोल बम फोड़े और तलवारें लहराईं, वह शहर में शांति और व्यवस्था की असफलता का प्रमाण है.

उन्होंने आगे कहा कि जब उस समुदाय के असामाजिक तत्व पुलिस स्टेशन के सामने सुरक्षा की मांग कर रहे शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को उत्पीड़ित करते हैं, तो सवाल उठता है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं. उन्होंने स्थानीय पुलिस की विफलता पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की.

सूरत में भी हुआ था गणेश पंडाल पर पथराव
बता दें कि अभी दो दिन पहले गुजरात के सूरत में भी ऐसी ही घटना सामने आई थी. सूरत के एक गणेश पंडाल पर असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया था. इसके बाद इलाके में आक्रोशित लोगों की भीड़ जुट गई और सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए थे. लोगों ने कार्रवाई की मांग करते हुए थाने का घेराव किया था. इस मामले में पुलिस ने देर रात कार्रवाई करते हुए 6 लोगों को गिरफ्तार किया था और इसके अलावा 27 अन्य लोग भी गिरफ्तार किए गए थे, जिन्होंने हिंसा भड़काने के लिए उकसाने का कार्य किया था. 

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