स्वतंत्रता पर कंगना रनौत के बयान पर मचा बवाल तो बोलीं- बता दो 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था?

देश की आजादी को 'भीख' बताकर निशाने पर आईं एक्ट्रेस कंगना रनौत ने अब पूछा है कि '1947 में कौन सा युद्ध हुआ था? अगर कोई इसका जवाब दे दे तो मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार भी लौटा दूंगी और माफी भी मांग लूंगी.' रनौत ने बुधवार शाम को एक न्यूज चैनल के एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत को 2014 में "वास्तविक स्वतंत्रता" प्राप्त हुई थी, जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई थी. इससे पहले 1947 में मिली स्वतंत्रता तो भीख थी.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 6:45 PM IST
  • कंगना ने 1947 की स्वतंत्रता को बताया था भीख
  • इंस्टाग्राम पर पोस्ट की सवालों की एक सीरीज

बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत हाल ही में देश की आजादी को 'भीख' बताकर निशाने पर आ गई हैं. ऐसे में अब उनके बयान पर सवाल उठा रहे लोगों से कंगना ने पूछा है कि '1947 में कौन सा युद्ध हुआ था? अगर कोई इसका जवाब दे दे तो मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार भी लौटा दूंगी और माफी भी मांग लूंगी.' 

कंगना ने इंस्टाग्राम पर सवालों की एक सीरीज पोस्ट की, जिसमें पार्टीशन के साथ-साथ महात्मा गांधी का जिक्र था. इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि गांधी ने भगत सिंह को मरने दिया और सुभाष चंद्र बोस का समर्थन नहीं किया.

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Kangana Ranaut Instagram Posts

'तो पद्मश्री वापस दे दूंगी और माफी भी मांगूंगी'

उन्होंने बाल गंगाधर तिलक, अरबिंदो घोष और बिपिन चंद्र पाल सहित स्वतंत्रता सेनानियों का जिक्र करते हुए एक किताब से एक अंश शेयर किया, और कहा कि वह 1857 की "स्वतंत्रता के लिए सामूहिक लड़ाई" के बारे में तो जानती हैं, लेकिन 1947 में एक युद्ध के बारे में कुछ भी नहीं जानती. अगर कोई मुझे बता दे तो मैं अपना पद्मश्री वापस दे दूंगी और माफी भी मांगूंगी ... कृपया इसमें मेरी मदद करें."

'1947 में मिली थी भीख की स्वतंत्रता'

बता दें कि रनौत ने बुधवार शाम को एक न्यूज चैनल के एक कार्यक्रम में कहा था कि भारत को 2014 में "वास्तविक स्वतंत्रता" प्राप्त हुई थी, जब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई थी. इससे पहले 1947 में मिली स्वतंत्रता तो भीख थी.

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गौरतलब है कि राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा उन्हें पद्म श्री प्रदान किए जाने के दो दिन बाद उनके इस बयान से बवाल मच गया है. कई लोगों ने कहा कि उन्हें अपना पुरस्कार वापस करना चाहिए.

 

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