अमेरिका के राष्ट्रपति जहां जाते हैं, पहले से सुरक्षा की तैयारियां दुरुस्त रहती हैं, अमेरिकी एजेंसियां इस काम में कोई कसर नहीं छोड़तीं. ऐसे में राष्ट्रपति जो बाइडेन के इज़रायल जाने के फ़ैसले ने सबको चौंका दिया. इज़रायल युद्ध के बीच में है और जो बाइडेन भी आज वहीं होंगे. आज वो पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मुलाकात करेंगे. इसके बाद वो जॉर्डन के लिए रवाना होंगे. वहां उनकी किंग अब्दुल्ला से मुलाकात होगी.
इज़रायल में पहले से मौजूद अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कल बताया था कि गाजा की मदद के लिए एक योजना विकसित करने पर इज़रायल और वॉशिंगटन के बीच सहमति बनी है. इज़रायल पहुंचकर जो बाइडेन उसकी वॉर स्ट्रैटजी को समझेंगे, जिससे सिविलयनस को कम से कम नुकसान पहुंचे और गाज़ा के नागरिकों तक इस तरह मदद पहुंचाई जाए, ताकी उसका फ़ायदा हमास न उठा सके. कुछ दिनों पहले इज़रायल ने गाज़ा पट्टी में पूरी तरह से नाकाबंदी की थी, जिस पर बाइडेन ने अपनी चिंता ज़ाहिर की थी. हालांकि, हमास से लड़ने के लिए अमेरिका ने शुरू से इज़रायल का खुलकर समर्थन भी किया है. बाइडेन के इज़रायल दौरे की भूमिका कैसे तैयार हुई और क्या इसे अमेरिका में होने वाले चुनाव के कॉन्टेक्स्ट में भी देखना ठीक रहेगा? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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इसरो चंद्रयान की ऐतिहासिक सफलता के बाद गगनयान मिशन की तैयारियों में जुट गया है. इन तैयारियों की समीक्षा के लिए कल प्रधानमंत्री मोदी ने ISRO के पदाधिकारियों के साथ बैठक की, इसमें इसरो के चीफ़ एस. सोमनाथ भी मौजूद थे. 21 अक्टूबर को जो मिशन गगनयान के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग होने वाली है, प्रधानमंत्री ने उसका जायज़ा लिया. आसान भाषा में कहें तो मिशन के दौरान रॉकेट में अगर कोई गड़बड़ी होती है तो उसमें मौजूद एस्ट्रोनॉट को सुरक्षित कैसे पृथ्वी पर लाया जाएगा, इस तकनीक की टेस्टिंग होने वाली है.
ये श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जाएगा. अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया गया है. अनमैन्ड मिशन यानी इसमें किसी भी मानव को स्पेस में नहीं भेजा जाएगा. अनमैन्ड मिशन के सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएंगे. कल हुई मीटिंग में प्रधानमंत्री ने ISRO के वैज्ञानिकों से ये भी कहा कि हमें 2035 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाने और 2040 तक चांद पर मानव भेजने की योजना पर काम करना चाहिए, भारत अपने इन महत्वकांक्षी स्पेस प्रोजेक्ट्स को कैसे एग्ज़िक्यूट करेगा और इसमें दिक्कतें क्या हैं? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
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अब बात क्रिकेट की, अभी दो दिन पहले ही वर्ल्ड कप 2023 में पहला उलटफेर देखने को मिला था. अफ़गानिस्तान की टीम ने डिफेंडिंग चैंपियन इंग्लैंड को हराया था. कल रात साउथ अफ़्रीका भी एक उलटफेर का शिकार हो गया. नीदरलैंड की टीम ने साउथ अफ़्रीका को 38 रनों से हरा दिया. बारिश की वजह से मैच को 50 ओवर्स से घटा कर 43 ओवर का कर दिए गया था. नीदरलैंड टॉस हार कर पहले बल्लेबाज़ी करने उतरा था, उसकी शुरुआत बेहद ख़राब रही. यूरोपियन टीम ने 112 रन पर अपने 6 विकेट गवां दिए थे लेकिन कप्तान स्कॉट एडवर्ड ने बेहतरीन पारी खेलते हुए स्कोर को 43 ओवर में 245 रनों तक पहुंचाया. अफ्रीकी टीम को भी शुरुआती झटके लगें, और नियमित अंतराल पर लगते रहें. एक एक करके पूरी टीम 207 रनों पर सिमट गई. साउथ अफ़्रीका की ओर से डेविड मिलर ने 52 गेंदों में 43 रनों की सबसे लंबी पारी खेली और बॉलिंग की बात करें तो मार्को जानसेन ने 8 ओवर में 27 रन देकर दो विकेट चटकाए. नीदरलैंड की ओर से विकेट कीपर कप्तान ने 78 रन बनाएं और सभी गेंदबाज़ों ने सधी हुई गेंदबाज़ी की लेकिन विकटों के हिसाब से लोगन वान बीक सबसे सफ़ल साबित हुए, उन्हें 8.5 ओवर में 3 सफ़लताएं हाथ लगी, स्कॉट एडवर्ड को उनकी कप्तानी पारी के लिए प्लेयर ऑफ़ द मैच चुना गया. एक वक़्त तक जब मैच साउथ अफ़्रीका के गिरफ्त में लग रहा था, फिर कैसे ये फिसलता चला गया और क्या आगे और उलटफेर देखने को मिल सकता है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें.
कुंदन कुमार