उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अचानक अपने पद से इस्तीफा देकर देश को चौंका दिया. अब पुष्टि हुई है कि दिल्ली सरकार के एक प्रोग्राम में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई थी. इसके बाद उन्हें सहारा देकर बाहर ले जाया गया था. इस दौरान उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ और दिल्ली के एलजी विजय सक्सेना भी उनके साथ थे.
मिली जानकारी के मुताबिक, 17 जुलाई को जगदीप धनखड़ (पूर्व उपराष्ट्रपति) वाटिका में दिल्ली सरकार का एक प्रोग्राम अटेंड करने गए, जब वह अचानक गिर गए. इसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं, जिसमें देखा जा सकता है कि उनकी पत्नी उन्हें पानी दे रही हैं. एक इलेक्ट्रिक रिक्शा पर दिल्ली के एलजी विजय सक्सेना भी उनके साथ नजर आ रहे हैं, और उनकी पत्नी के हाथ में पानी की दो बोतलें हैं और पूर्व उपराष्ट्रपति धनखड़ उनके बगल में पीछे की सीट पर बैठे हैं. एक अन्य तस्वीर में उनकी पत्नी को उन्हें पानी ऑफर करते देखा जा सकता है.
मॉनसून सत्र के पहले दिन सोमवार देर शाम उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया था. इस बारे में उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को चिट्ठी लिखी थी, जहां राष्ट्रपति ने बुधवार को उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया. इसके बाद गृह मंत्रालय की तरफ से एक नोटिफिकेशन में इसकी आधिकारिक पुष्टि की गई.
राष्ट्रपति मुर्मू को लिखी चिट्ठी में जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?
जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में कहा कि वे अब स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहते हैं और मेडिकल एडवाइस का पालन करते हुए तत्काल प्रभाव से अपना पद छोड़ रहे हैं. धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित अपनी चिट्ठी में लिखा, “स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता देने और मेडिकल एडवाइज का पालन करने के लिए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के मुताबिक इस्तीफा देता हूं."
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी को दिया धन्यवाद
जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति का धन्यवाद करते हुए कहा कि कार्यकाल के दौरान राष्ट्रपति से उन्हें लगातार समर्थन और सौहार्दपूर्ण संबंध मिला. साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिपरिषद का भी आभार जताया. धनखड़ ने लिखा, "प्रधानमंत्री का सहयोग और समर्थन अमूल्य रहा है, और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है."
प्रधानमंत्री मोदी ने धनखड़ के बेहतर स्वास्थ्य की कामना की
धनखड़ ने संसद के सभी सदस्यों के प्रति भी आभार जताया और कहा कि उन्हें जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मिला, वह उनके जीवन की अमूल्य स्मृति बनकर रहेगा. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सम्मान की बात रही कि वे देश के लोकतांत्रिक संस्थानों का हिस्सा बने और भारत के अभूतपूर्व आर्थिक विकास और परिवर्तन के दौर को करीब से देखा और अनुभव किया. खुद धनखड़ ने भी अपने बिगड़े स्वास्थ्य की पुष्टि कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बेहतर स्वास्थ्य की कामना की है.
कुमार कुणाल