भारतीय नौसेना के साथ बुधवार को एक और ताकत जुड़ गई है. स्कॉर्पियन क्लास की सबमरीन INS करंज बुधवार को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो गई. मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में एक कार्यक्रम के दौरान आईएनएस करंज को शामिल किया गया.
‘साइलेंट किलर’ नाम से मशहूर INS करंज को मेक इन इंडिया कैंपेन की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. क्योंकि कलवरी क्लास की ये तीसरी सबमरीन जब अपने मिशन पर रहती है, तो कोई आवाज़ नहीं करती है. यानी ये सबमरीन दुश्मन के इलाके में होगी, उसे नेस्तानाबूद कर रही होगी, तब कोई आवाज़ नहीं आएगी.
क्या है आईएनएस करंज की ताकत?
जानकारी के मुताबिक, आईएनएस करंज की लंबाई करीब 70 मीटर की है, जबकि ऊंचाई 12 मीटर है. इस सबमरीन का वजन करीब 1600 टन का है. ये सबमरीन मिसाइल, टॉरपीडो से लैस है, साथ ही समुद्र के भीतर ही माइन्स बिछाकर दुश्मन को तबाह करने का माद्दा रखती है.
इस मेक इन इंडिया सबमरीन की ताकत ये भी है कि बिना आवाज किए हुए, बिना रडार की पकड़ में आए ये दुश्मन को नुकसान पहुंचा सकती है. यही कारण है कि लंबे वक्त तक पानी में रहकर ये सबमरीन भारती नौसेना को समुद्र में मजबूत करेगी.
आईएनएस करंज एक डीजल इलेक्ट्रिक सबमरीन है. साइज के मामले में ये सबमरीन भले ही किसी न्यूक्लियर सबमरीन से छोटी है, लेकिन सबसे घातक भी है. क्योंकि छोटा साइज होने के कारण इसे समुद्र के नीचे ढूंढ पाना मुश्किल है, जो दुश्मन के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है.
क्या है नाम के पीछे की कहानी?
इस देसी सबमरीन का नाम आईएनएस करंज है और इसके पीछे की भी अलग-अलग कहानियां हैं. करंज एक मछली का भी नाम है, जो महाराष्ट्र के क्षेत्र में काफी मशहूर है. इसके अलावा INS KARANJ के हर एक शब्द का भी अलग-अलग मतलब निकाला गया है. जिसमें शब्दों का अर्थ K - किलर इन्सटिंक्ट, A- आत्मनिर्भर, R- रेडी, A- एग्रेसिव, N- निंबल, J- जोश है.
बता दें कि आईएनएस करंज से पहले आईएनएस कलवेरी, आईएनएस खंडेरी भी भारतीय नौसेना में शामिल हो चुकी हैं. ये सभी कलवेरी क्लास की 6 सबरीमन का हिस्सा हैं, INS करंज के आने के साथ ही तीन सबमरीन नौ सेना को मिल चुकी हैं जबकि अभी भी तीन बाकी हैं.
आईएनएस करंज को मजगांव डॉक लिमिटेड द्वारा बनाया गया है, जो कि पूरी तरह से मेक इन इंडिया मिशन के तहत बनी है और नौसेना के इंजीनियरों ने अपना कौशल दिखाया है. इस सबमरीन की थीम ‘नित्य निर्घोष और निर्भीक’ है.
सौरभ वक्तानिया