चिली की मिशेल बैचेलेट को इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार, सोनिया ने कहा- उन्होंने देश को नया आकार दिया

सोनिया गांधी ने मिशेल बैचेलेट को इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार 2024 प्रदान किया और कहा कि इंदिरा गांधी ने गरीबी, असमानता और दमन के खिलाफ लड़कर देश को नया स्वरूप दिया. बैचेलेट ने इंदिरा को दूरदर्शी नेता बताया और उनकी शांति व न्याय की विरासत को आज भी प्रेरक बताया.

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सोनिया गांधी ने याद किया पूर्व पीएम इंदिरा का योगदान (File Photo: ITG) सोनिया गांधी ने याद किया पूर्व पीएम इंदिरा का योगदान (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:17 AM IST

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा कि भारत की पहली और एकमात्र महिला प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने गरीबी, वंचना, संघर्ष और असमानता को कम करने के लिए समर्पित अपनी नीतियों से देश को नया आकार दिया. उन्होंने चिली की पहली और एकमात्र महिला राष्ट्रपति रही और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार की पूर्व प्रमुख मिशेल बैचेलेट को साल 2024 का इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार प्रदान करने के बाद ये टिप्पणियां कीं. 

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पूर्व कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि इंदिरा गांधी का कार्य इस यकीन को दर्शाता है कि हर किसी को उत्पीड़न, पूर्वाग्रह, गरीबी और हिंसा के बिना जीने का अधिकार है.

यह पुरस्कार शांति, स्थिरता और सामाजिक विकास की दिशा में काम करने वाली महिलाओं, पुरुषों और संस्थानों को सम्मानित करके इंदिरा गांधी के स्मारक योगदान का जश्न मनाता है. सोनिया गांधी ने कहा कि उनका प्रभाव आज भी भारत और दुनियाभर में याद किया और प्रशंसा की वजह बनता है. 

इंदिरा गांधी के विजन को किया याद 

सोनिया गांधी ने इस मौके पर बोलते हुए कहा कि इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण और विकास पुरस्कार की स्थापना 1985 में 'हमारे समय की सबसे असाधारण महिला नेताओं में से एक' की स्मृति में की गई थी. उन्होंने इंदिरा गांधी के एक उद्धरण को याद किया: "हमें शांति चाहिए क्योंकि गरीबी, बीमारी और अज्ञान के खिलाफ लड़ने के लिए एक और युद्ध है." इंदिरा गांधी ने कहा कि एक दयालु हृदय, अपने लोगों के लिए गहरा प्रेम, मानवाधिकारों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता और अहिंसा में अटूट विश्वास रखने वाली नेता के रूप में उनकी विरासत अनगिनत लोगों को प्रेरित करती रहेगी.

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बैचेलेट ने दी श्रद्धांजलि

अपने संबोधन में, बैचेलेट ने शांति, निरस्त्रीकरण और विकास के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार के लिए गहरा आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि भारत में एक बार फिर आना वास्तव में एक सौभाग्य है. उन्होंने इंदिरा गांधी को 'एक दूरदर्शी महिला और दुनिया भर के कई लोगों के लिए प्रेरणा का एक जबरदस्त स्रोत' बताते हुए उनकी जिंदगी और विरासत को श्रद्धांजलि अर्पित की.

यह भी पढ़ें: 'दलित अफसरों को नहीं मिल रही बराबरी...', IPS पूरन कुमार की पत्नी को सोनिया गांधी ने लिखी चिट्ठी

न्याय और प्रगति के लिए विरासत

बैचेलेट ने कहा कि इंदिरा गांधी की विरासत, जिसने शांति, न्याय और प्रगति को आगे बढ़ाते हुए मानव जाति की स्वतंत्रता को बढ़ाने की मांग की थी, वह आज पहले से कहीं ज्यादा जिंदा हैं. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट, उनके शुरू किए गए कार्य को आगे बढ़ाने और उनके प्रिय कारणों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो उनकी दृष्टि का सम्मान करना जारी रखता है. बैचेलेट ने कहा कि वह मानती थीं कि राष्ट्र तभी समृद्ध हो सकते हैं, जब वे एक-दूसरे के साथ सद्भाव से रहें.

मिशेल बैचेलेट की प्रशंसा

सोनिया गांधी ने बैचेलेट की प्रशंसा करते हुए उन्हें 'एक प्रेरणादायक नेता' कहा. उन्होंने कहा कि यह एक संयोग है कि ये दोनों महिलाएं संघर्ष के वक्त में पैदा हुईं और पली-बढ़ीं. उन्होंने कहा कि बैचेलेट ने स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ काम किया और बाद में 2000 में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया. वह चिली और लैटिन अमेरिका की पहली महिला रक्षा मंत्री बनीं, और दो अलग-अलग मौकों पर अपने देश की राष्ट्रपति चुनी गईं. 

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