ब्लॉक हो सकता है आपका IRCTC अकाउंट, जल्द कर लें ये काम

इंडियन रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए ऑटोमेटेड टूल्स के इस्तेमाल के खिलाफ कैंपेन शुरू किया है, इस कोशिश के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है. स्पेशल तौर से निगरानी कोशिशों के जरिए रेलवे ने पिछले 6 महीनों में 24 मिलियन से ज्यादा यूजर्स को डीएक्टिवेट और ब्लॉक कर दिया है.

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पीयूष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 05 जून 2025,
  • अपडेटेड 7:34 AM IST

इंडियन रेलवे (Indian Railways) ने टिकट बुकिंग में बड़े स्तर पर हो रही धांधली को कंट्रोल करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. जो यूजर्स अपने IRCTC अकाउंट को जिंदा रखना चाहते हैं, उनको वेरिफिकेशन करवाना होगा. इंडियन रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुक करने के लिए ऑटोमेटेड टूल्स के इस्तेमाल के खिलाफ कैंपेन शुरू किया है, इस कोशिश के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है. स्पेशल तौर से निगरानी कोशिशों के जरिए रेलवे ने पिछले 6 महीनों में 24 मिलियन से ज्यादा यूजर्स को डीएक्टिवेट और ब्लॉक कर दिया है.

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इसके अलावा, करीब 2 मिलियन अन्य अकाउंट्स को संदिग्ध के रूप में चिह्नित किया गया है. चिन्हित किए गए अकाउंट्स के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के आधार पर जांच की जा रही है.

किसका अकाउंट बंद होगा? ब्लॉक होने से बचाने के लिए क्या करना होगा?

मौजूदा वक्त में IRCTC वेबसाइट पर 130 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं, जिनमें सिर्फ 12 मिलियन ही आधार-वेरिफाइड हैं. IRCTC ने उन सभी अकाउंट्स के लिए स्पेशल वेरिफिकेशन करने का फैसला लिया है, जो आधार से प्रमाणित नहीं हैं. संदिग्ध पाए जाने वाले अकाउंट्स को बंद कर दिया जाएगा. रेलवे का टारगेट यह सुनिश्चित करना है कि वास्तविक यात्रियों को सभी तरह के तत्काल टिकट मिल सकें.

अपने अकाउंट्स को आधार से लिंक करने वाले यूजर्स को तत्काल टिकट बिक्री के पहले 10 मिनट के दौरान प्राथमिकता बुकिंग मिलेगी. यहां तक ​​कि अधिकृत IRCTC एजेंट्स को भी 'तत्काल खिड़की' खुलने के पहले 10 मिनट के अंदर टिकट बुक करने की छूट नहीं है. इसलिए, आधार कार्ड के जरिए अपने IRCTC अकाउंट को वेरिफाई करना जरूरी हो गया है.

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धांधली पर होगा कंट्रोल

इंडियन रेलवे, तत्काल टिकटिंग प्रोसेस को और ज्यादा मजबूत बनाने की योजना बना रहा है, इसके लिए कुछ नियमों को और ज्यादा सख्त बनाया जा रहा है. जैसे कि केवल आधार वेरिफाइड अकाउंट्स को ही ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक करने की अनुमति होगी, बुकिंग के लिए आधार कार्ड आधारित ओटीपी ऑथेंडिकेशन भी जरूरी होगा. सूत्रों ने बताया कि गड़बड़ियों को कंट्रोल करने के लिए काउंटर आधारित तत्काल टिकट भी आधार वेरिफिकेशन के बाद बुक किया जा सकता है.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, "इंडियन रेलवे जल्द ही तत्काल टिकट बुक करने के लिए ई-आधार ऑथेंटिकेशन शुरू करेगा. इससे वास्तविक यूजर्स को ज़रूरत के वक्त कन्फर्म टिकट हासिल करने में मदद मिलेगी."

हर रोज कितने तत्काल टिकट बुक होते हैं?

24 मई से 2 जून तक नॉन-एसी कैटेगरी में, हर रोज औसतन 118,567 टिकट ऑनलाइन बुक किए गए. इनमें से 4,724 टिकट (करीब 4%) पहले मिनट में बुक किए गए, जबकि 20,786 टिकट (करीब 17.5%) दूसरे मिनट में बुक किए गए. करीब 66.4 फीसदी टिकट खिड़की खुलने के बाद पहले 10 मिनट के अंदर बुक किए गए. 

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इसके अलावा, करीब 84.02 फीसदी टिकट खिड़की खुलने के पहले घंटे के अंदर ही बिक गए, जबकि बचे टिकट्स अगले 10 घंटों में बिके. इससे साफ पता चलता है कि तत्काल टिकट यात्रियों को ऑनलाइन सिस्टम के जरिए उपलब्ध कराए जाते हैं और करीब 12 फीसदी तत्काल टिकट खिड़की खुलने के 8 से 10 घंटे बाद भी बुक हो जाते हैं.

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इंडियन रेलवे के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (IRCTC) के जरिए हर रोज करीब 2 लाख 25 हजार यात्री तत्काल टिकट बुक करते हैं. 24 मई से 2 जून तक ऑनलाइन तत्काल टिकट बुकिंग पैटर्न के एनालिसिस से पता चला है कि खिड़की खुलने के बाद पहले मिनट में औसतन 108,000 एसी क्लास टिकट्स में से सिर्फ 5,615 ही बुक हो पाए.

वहीं, दूसरे मिनट में 22,827 टिकट बुक हुए. एसी क्लास में खिड़की खुलने के पहले 10 मिनट में औसतन 67,159 टिकट ऑनलाइन बुक हुए, जो ऑनलाइन बुक किए गए सभी टिकट्स का 62.5 फीसदी है. बाकी 37.5 फीसदी टिकट चार्ट बनने से 10 मिनट पहले बुक किए गए, जिसमें 3.01 फीसदी तत्काल टिकट खिड़की खुलने के 10 घंटे बाद बुक किए गए.

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