Indian Railways: ट्रेन में बच्चों के टिकट का क्या है वो नियम जिससे रेलवे ने की 2800 करोड़ की कमाई

एक आरटीआई के जवाब में जानकारी सामने आई है कि रेलवे द्वारा 5 से 12 साल के बच्चों के टिकट बुकिंग के नियम में जो बदलाव किया गया था उससे रेलवे ने सात साल में 2800 करोड़ रुपये की कमाई की है.

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Indian Railways News (Representational Image) Indian Railways News (Representational Image)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST

भारतीय रेलवे ने बच्चों के लिए यात्रा किराया नियमों में बदलाव करके पिछले सात साल में 2800 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है. एक आरटीआई के जवाब में ये जानकारी सामने आई है. सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (सीआरआईएस) ने एक RTI के जवाब में बताया है कि संशोधित मानदंडों के कारण अकेले 2022-23 के वित्तीय वर्ष में 560 करोड़ रुपये की कमाई होने के साथ यह सबसे अधिक लाभदायक वर्ष रहा है. 

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रेल मंत्रालय ने 31 मार्च, 2016 को घोषणा की थी कि रेलवे 5 साल और 12 साल के बीच उम्र वाले बच्चों के लिए पूरा किराया वसूल करेगा अगर उन्हें रिजर्वेशन कोच में अलग बर्थ या सीट चाहिए. बता दें कि इस नियम को 21 अप्रैल 2016 से लागू किया गया था. पहले रेलवे 5 से 12 साल के बच्चों के लिए अलग से बर्थ बुक करने पर आधा किराया वसूलता था. 

सात साल में 10 करोड़ बच्चों के लिए अलग बर्थ बुकिंग
हालांकि, अगर 5 से 12 साल की उम्र का बच्चा अलग बर्थ न लेकर साथ यात्रा कर रहे एडल्‍ट की बर्थ पर ही सफर करता है, तो भी उसके लिए आधा किराया देना होगा. CRIS ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक, सात सालों में 3.6 करोड़ से अधिक बच्चों ने आरक्षित सीट या कोच का विकल्प चुने बिना आधा किराया देकर यात्रा की. वहीं, 10 करोड़ बच्चों के लिए अलग बर्थ बुकिंग की गई और उनसे पूरा किराया वसूला गया. 

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कोविड के दौरान हुई कम कमाई
बता दें, RTI एक्टिविस्ट चंद्रशेखर गौड़ ने एक आरटीआई फाइल की थी जिसके जवाब में ये जानकारी सामने आई है. चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि RTI के जवाब से ये पता चलता है कि रेलवे से यात्रा करने वाले कुल बच्चों में से लगभग 70 प्रतिशत बच्चे पूरा किराया देकर बर्थ या सीट लेना पसंद करते हैं. गौड़ ने कहा कि आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि कोविड महामारी के दौरान साल 2020-21 में केवल 157 करोड़ रुपये की कमाई हुई, जिससे यह सबसे कम लाभदायक वर्ष बन गया. 

रेलवे में बच्चों की टिकट बुकिंग का क्या है नियम
अगर रेलवे में 1 साल से 4 साल की उम्र का बच्चा यात्रा करता है तो रिजर्व बोगी में उसे रिजर्वेशन कराने की जरूरत नहीं है. 5 साल से छोटे बच्चे बिना टिकट के ट्रेन में यात्रा कर सकते हैं. हालांकि, 5 साल से 12 साल की उम्र के बच्‍चे के लिए अलग से रिजर्व सीट नहीं लेनी है तो आधा किराया देकर वे अपने माता या पिता या साथ जा रहे किसी यात्री की सीट पर सफर कर सकता है.

वहीं, अगर माता-पिता 5 से 12 साल के बच्चे के लिए अलग से बर्थ बुकिंग कराते हैं तो उन्हें टिकट का पूरा किराया भरना होगा. बता दें, अगर आपने रिजर्वेशन कराते समय 1 साल से 4 साल के बच्‍चे के नाम की डिटेल भरी है तो उसका पूरा किराया देना होगा. वहीं, डिटेल न भरने पर 1 साल से 4 साल तक के बच्‍चे फ्री यात्रा कर सकते हैं.

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