लद्दाख सीमा पर पिछले कई दिनों से हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. बॉर्डर पर इस वक्त भारत मजबूत स्थिति में है और पैंगोंग इलाके में नॉर्थ-साउथ किनारों की पहाड़ियों पर कब्जा जमाए हुए है. लेकिन चिंता का विषय ये है कि चीन अब भी फिंगर 4 के किनारों पर अपनी पैठ जमाए हुए है.
लद्दाख इलाके में ताजा हालात को लेकर सूत्रों ने जानकारी दी है कि अभी चीन फिंगर 4 इलाके के किनारे पर है, लेकिन जवाब में भारतीय सेना भी ऐसी जगह पर मुस्तैद है जहां से चीन काबू में आ सके. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि भारत का यही रुख चीन को उसकी सेना को पीछे धकेलने पर मजबूर कर सकता है.
नॉर्थ से साउथ इलाके में पहुंचा विवाद
बीते दिनों हुए ताजा विवाद में पैंगोंग लेक के दक्षिणी इलाके में दोनों देश आमने-सामने आए हैं. यहां भारत ने दो ऐसी पहाड़ियों पर कब्जा किया है जिससे चीन का मोल्दो और स्पेंगुर इलाके हद में आते हैं. हालांकि, दोनों ही जगहों पर भारत भी अपना कब्जा बताता रहा है.
अधिकारी के मुताबिक, सेंगपुर गैप को हासिल करना बहुत जरूरी है. हालांकि हमने कुछ फिंगर 4 के कुछ इलाके अपने कब्जे में ले लिए हैं. इनमें से रेकिन ला भी शामिल है, जिसका चीन सबसे अधिक विरोध कर रहा है. इस वक्त चीन का मिलिट्री बेस भी भारतीय सेना के दद में आ गया है, साथ ही फिंगर 4 का इलाके पर भी भारत की नजर है.
इससे पहले पैंगोंग झील के नॉर्थ इलाके में दोनों देश आमने-सामने थे, लेकिन 29-30 की रात को चीन ने साउथ इलाके में घुसने की कोशिश की. यहां पर उसे मात मिली, सेना के मुताबिक भारत पहले से ही इसके लिए तैयार था. यही कारण है कि चीन सफल ना हो सका.
चीन ने बीते दिनों अपनी सेना की संख्या को बढ़ाया तो भारत ने भी ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप को अपने कब्जे में ले लिया. इसी वजह से पलड़ा भारत का भारी हो गया है. तनाव के इस वक्त में सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे लेह पहुंचे और दो दिन तक यहां पर ही तैयारियों का जायजा लेंगे.
आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच 30 तारीख के बाद से ही बिग्रेड कमांडर लेवल की बातचीत हो रही है. लेकिन दोनों ही देश कोई ठोस निर्णय पर नहीं पहुंच पाए हैं. यही वजह है कि भारत सतर्कता बरते हुए है.
अभिषेक भल्ला