पूर्वी लद्दाख के गोगरा में पीछे हटीं भारत-चीन की सेनाएं, अस्थायी ढांचे भी हटाए गए

भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर 12वें राउंड की बातचीत के बाद दोनों देशों के सैनिक पूर्वी लद्दाख के गोगरा में पीछे हटे हैं. इन्‍होंने वहां निर्मित सभी अस्‍थायी स्‍ट्रक्‍चर को भी हटा दिया है.

Advertisement
भारत और चीन की सेना (फाइल फोटो) भारत और चीन की सेना (फाइल फोटो)

मंजीत नेगी / अभिषेक भल्ला

  • नई दिल्ली ,
  • 06 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 5:33 PM IST
  • भारत-चीन सेना 12वें दौर की वार्ता के बाद फैसला
  • गोगरा में पीछे हटीं भारत-चीन की सेनाएं

भारतीय और चीनी सैनिकों (Indian and China Army) में पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में पेट्रोल प्वाइंट 17-ए (Patrol Point 17 A) के पास गोगरा (Gogra) क्षेत्र से पीछे हटने पर सहमति बन गई है. गोगरा से पीछे हटने के लिए भारत-चीन की सेनाओं के बीच 12वें दौर की बातचीत में सहमति बनी. 

दरअसल, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर बीते दिन 12वें राउंड की बातचीत हुई. इस 12वें राउंड की वार्ता के बाद दोनों देशों के सैनिक गोगरा में पीछे हटे हैं. इसके साथ ही गोगरा में निर्मित सभी अस्‍थायी स्‍ट्रक्‍चर को भी हटा दिया है. 

Advertisement

इस बाबत भारतीय सेना ने बयान जारी कहा कि इस हफ्ते की शुरुआत में बताया गया था, भारत और चीन के कोर कमांडरों के बीच 12वें राउंड की बैठक 31 जुलाई को हुई थी. यह बैठक पूर्वी लद्दाख के चुशुल मोल्‍डो मीटिंग प्‍वाइंट पर हुई थी. इसमें दोनों पक्षों के बीच सीमा पर तनाव कम करने को लेकर विचारों का गहन और स्‍पष्‍ट आदान-प्रदान हुआ, जिसमें दोनों पक्ष गोगरा एरिया से पीछे हटने को लेकर सहमत हुए हैं. 

क्लिक करें- मोल्डो वार्ता से निकली सुलह की राह, भारत-चीन गोगरा हाइट्स से सेना हटाने पर हुए राजी

बता दें कि इस क्षेत्र में पिछले साल मई में सैनिक आमने-सामने आ गए थे. जिसके बाद अब दोनों सेनाओं में बातचीत शुरू हुई और दोनों पक्ष इस क्षेत्र से पीछे हटने पर राजी हो गए. समझौते के अनुसार, दोनों पक्षों ने चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित तरीके से इस क्षेत्र में अग्रिम तैनाती बंद कर दी है. 

Advertisement

पीछे हटने की प्रक्रिया दो दिनों में की गई थी यानी कि 4 और 5 अगस्त को. फिलहाल अब दोनों पक्षों के सैनिक अब अपने-अपने स्थायी ठिकानों में हैं. दोनों पक्षों द्वारा क्षेत्र में बनाए गए सभी अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया है.  

सेना के बयान के मुताबिक, यह समझौता सुनिश्चित करता है कि दोनों पक्षों द्वारा इस क्षेत्र में एलएसी का कड़ाई से पालन और सम्मान किया जाएगा. यथास्थिति में कोई एकतरफा बदलाव नहीं है. दोनों पक्षों ने वार्ता को आगे बढ़ाने और पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ शेष मुद्दों को हल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है. 

सेना ने कहा कि इंडियन आर्मी सेना ITBP के साथ पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ राष्ट्र की संप्रभुता सुनिश्चित करने और शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. गौरतलब है कि इसके पहले Pangong Lake एरिया से भी चीन और भारत की सेना पीछे हटी थीं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement