रूस के साथ भारत की इस रक्षा डील से अमेरिका खफा! रिपोर्ट में पाबंदी की चेतावनी

अमेरिकी कांग्रेस से जुड़ी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर, 2018 में भारत ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की चेतावनी के बाद भी चार एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर का सौदा किया था. लेकिन ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी कि ऐसा करने से भारत पर अमेरिकी पाबंदियां लग सकती हैं.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो-AP) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो-AP)

aajtak.in

  • वॉशिंगटन,
  • 05 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 9:34 AM IST
  • एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम डील पर विवाद
  • एक रिपोर्ट में प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी
  • चेतावनी के बावजूद सप्लाई की तैयारी में रूस

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की टैरिफ नीतियों को लेकर भारत और अमेरिका में तनाव बढ़ गया है. हालांकि इस तनाव को कम करने के लिए दोनों पक्षों ने बातचीत भी की है. बिपार्टिसन कांग्रेस रिसर्च सर्विस (CRS) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में सेल फोन और अन्य दूरसंचार वस्तुओं पर टैरिफ में शून्य से लेकर 15-20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है.

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वहीं इस रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई है कि रूस में बने एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने की खातिर अरबों डॉलर के भारत के सौदे को लेकर अमेरिका उस पर प्रतिबंध लगा सकता है.

रूस से डील पर जताई नाराजगी

अमेरिकी कांग्रेस से जुड़ी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर, 2018 में भारत ने डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की चेतावनी के बाद भी चार एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर का सौदा किया था. लेकिन ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी कि ऐसा करने से भारत पर अमेरिकी पाबंदियां लग सकती हैं.

एक समाचार एजेंसी के मुताबिक सीआरएस ने कांग्रेस को सौंपी अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि, 'भारत और अधिक टेक्नोलॉजी साझा करने और सह निर्माण पहल को लेकर इच्छुक है जबकि अमेरिका भारत की रक्षा ऑफसेट नीति में और सुधार व रक्षा के क्षेत्र में उच्च फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट सीमा की अपील करता है.'

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इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि रूस में बने एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम खरीदने के भारत के अरबों डॉलर के सौदे के कारण अमेरिका ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवरसरीज थ्रू सैंक्शन्स एक्ट' के तहत भारत पर पाबंदियां लगा सकता है.' वैसे सीआरएस की रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस की आधिकारिक रिपोर्ट नहीं होती और न ही उसमें सांसदों के विचार की झलक मिलती है. सांसदों के लिए यह रिपोर्ट स्वतंत्र विशेषज्ञ तैयार करते हैं ताकि वे सारी बातें समझने के बाद सोच-समझकर निर्णय लें.

बता दें कि पिछले महीने नई दिल्ली में रूसी राजदूत निकोलाय कुदाशेव ढाई अरब डॉलर सौदे के तहत एस-400 मिसाइल सिस्टम की खरीद को लेकर तुर्की पर अमेरिकी पाबंदियों की आलोचना करते नजर आए थे. उन्होंने कहा था कि रूस ऐसी एकतरफा एक्शन को नहीं मानता है.

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भारत-रूस में डील

असल में, भारत ने इस मिसाइल सिस्टम के लिए रूस को 2019 में 80 करोड़ डॉलर की पहली किश्त का पेमेंट किया था. एस-400 रूस की सबसे उन्नत और लंबी दूरी तक सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल है. पिछले महीने रूस ने कहा था कि अमेरिकी बंदिशों की चेतावनी के बावजूद एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की पहली खेप की सप्लाई समेत मौजूदा रक्षा सौदों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है.

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