UN की सतत विकास रैंकिंग में भारत का प्रदर्शन खराब, भूटान-नेपाल से भी नीचे

17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) में भारत का स्थान चार दक्षिण एशियाई देशों (भूटान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश) से भी नीचे है. भारत का कुल एसडीजी स्कोर 100 में से 61.9 है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 जून 2021,
  • अपडेटेड 8:08 AM IST
  • 2015 में UN के 193 सदस्य देशों ने स्वीकार किए 17 SDG
  • 2030 तक इन लक्ष्यों को पूरा करने का एजेंडा तय किया गया
  • SDG के मामले में भारत चार दक्षिण एशियाई देशों से भी पीछे

कोरोना संकट के बीच भारत को एक और झटका लगा है. संयुक्त राष्ट्र (UN) के सदस्य देशों की ओर से स्वीकार किए गए 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) में भारत का प्रदर्शन खराब रहा और नई रैंकिंग में वह 2 स्थान फिसल गया. भारत अब खिसककर 117वें स्थान पर आ गया है.

जारी नई रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों की ओर से अपनाए गए 17 सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) में भारत अपने पिछले प्रदर्शन में सुधार नहीं ला सका और अब वह 117वें स्थान पर आ गया है. जबकि पिछले साल भारत 115वें पायदान पर था.

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यूएन सदस्य देशों ने 2015 में 17 एसडीजी को स्वीकार किया था. 2030 तक इन लक्ष्यों को पूरा करने का एजेंडा तय किया गया था.

भारत की पर्यावरण रिपोर्ट 2021 की स्थिति से पता चलता है कि भारत की रैंक पिछले साल 115 थी और इस बार दो पायदान की गिरावट के कारण मुख्य रूप से भूखमरी को खत्म करने और खाद्य सुरक्षा (एसडीजी 2) हासिल करने, लैंगिक समानता (एसडीजी 5) हासिल करने, लचीला बुनियादी ढांचे के निर्माण और देश में सतत औद्योगीकरण तथा नवाचार को बढ़ावा देने (एसडीजी 9) में नाकामी रही है.

झारखंड और बिहार की स्थिति बेहद खराब

भारत का स्थान चार दक्षिण एशियाई देशों (भूटान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश) से भी नीचे है. भारत का कुल एसडीजी स्कोर 100 में से 61.9 है.

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देश में राज्यों की तैयारियों को लेकर भी रिपोर्ट तैयार की गई है जिसमें कहा गया कि झारखंड और बिहार लक्षित साल 2030 तक एसडीजी को पूरा करने के लिए सबसे निचले स्तर पर हैं और कम तैयार हैं. झारखंड 5 एसडीजी में पीछे है जबकि बिहार 7 में पीछे है.

हालांकि इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केरल, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ सबसे अच्छे समग्र स्कोर वाले राज्य या केंद्र शासित प्रदेश हैं जो एसडीजी हासिल करने की राह पर हैं.

सतत विकास के लिए एजेंडा 2030 (The 2030 Agenda for Sustainable Development) 2015 को संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों द्वारा स्वीकार किया गया था, जो लोगों और धरती के लिए अभी और भविष्य में शांति तथा समृद्धि को लेकर एक साझा खाका प्रदान करता है.

वैश्विक साझेदारी के तहत ये 17 एसडीजी तैयार किए गए जिसमें सभी देश चाहे विकसित और विकासशील देश हों, की ओर से कार्रवाई के लिए एक अर्जेंट कॉल है.

 

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