हैदराबाद में ASP-DCP गिरफ्तार, सबूत मिटाने और फोन टैपिंग का मामला

हैदराबाद में दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है. वे जेल में बंद एक अधिकारी की मदद करने और अपराध में अपनी संलिप्तता छुपाने की कोशिश कर रहे थे. अधिकारियों ने अपने खिलाफ कुछ सबूतों को डिलीट कर दिया था और कथित रूप से फोन टैपिंग की थी.

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हैदराबाद पुलिस ने दो अधिकारी को अरेस्ट किया हैदराबाद पुलिस ने दो अधिकारी को अरेस्ट किया

aajtak.in

  • हैदराबाद,
  • 24 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

हैदराबाद पुलिस ने अतिरिक्त डीसीपी तिरुपथन्ना और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एन भुजंगा राव को गिरफ्तार किया है. वे विशेष खुफिया ब्यूरो और खुफिया विभाग में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में काम कर रहे थे. उन्हें शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया.

इन अधिकारियों पर निलंबित डीएसपी डी प्रणीत राव के साथ सहयोग करने का आरोप है. प्रणीत राव को पूर्व बीआरएस शासन के दौरान इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स से खुफिया जानकारी मिटाने और कथित तौर पर फोन टैप करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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अपराध में अपनी संलिप्तता छुपाने की कोशिश

दोनों पुलिस अधिकारियों ने कबूल किया है कि "पहले से ही गिरफ्तार डी प्रणीत कुमार उर्फ प्रणीत के साथ मिलीभगत करके अपराध में अपनी संलिप्तता को छुपाने की कोशिश की थी." उन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करके सबूतों को गायब करने, अपने आधिकारिक पदों का दुरुपयोग करने, अवैध रूप से कुछ निजी लोगों पर नजर रखने की साजिश में अपनी संलिप्तता स्वीकार की है.

प्रणीत राव की गिरफ्तारी और निलंबन

प्रणीत राव को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और बाद में तेलंगाना सरकार ने निलंबित कर दिया था.  उनपर अज्ञात लोगों की प्रोफाइल विकसित करने, गुप्त रूप से उनकी निगरानी करने और कंप्यूटर सिस्टम और आधिकारिक डेटा को नष्ट करने का आरोप है. इससे पहले उन पर विपक्षी पार्टी के नेताओं के फोन टैप करने का आरोप लगा था. 

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'आपराधिक विश्वासघात' की शिकायत

मार्च में एसआईबी के एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर, एक अधिकारी द्वारा आपराधिक विश्वासघात, सबूतों को गायब करने और आपराधिक साजिश के आरोप में पंजागुट्टा पुलिस स्टेशन में उनके और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.

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