लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत हो गई है. इस चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करते हुए सेना के शौर्य की सराहना की. उन्होंने चर्चा के दौरान ये भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ और युद्ध के दौरान सीजफायर कैसे हुआ.
उन्होंने सदन को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने का उद्देश्य, उन आतंकी नर्सरीज को खत्म करना था, जिन्हें पाकिस्तान में सालों से पाला-पोसा गया था. हमारी सेनाओं ने केवल उनको टारगेट किया जो इन आतंकियों को सपोर्ट कर भारत को टारगेट करने में लगातार शामिल थे. इस ऑपरेशन का उद्देश्य युद्ध छेड़ना नहीं था.
पाकिस्तान के DGMO ने किया फोन: राजनाथ
रक्षा मंत्री बताया कि 10 मई की सुबह जब भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान की एयरफील्ड पर पर प्रहार किया तो पाकिस्तान ने हार मान ली. इसके बाद पाकिस्तान ने हमारे डीजीएमओ से बात की और कहा कि महाराज अब रोकिए. इसके बाद 12 मई को दोनों देशों के DGMO के बीच औपचारिक संवाद हुआ और दोनों पक्षों ने सैन्य कार्रवाइयों पर विराम लगाने का निर्णय लिया. हमने इसी आधार पर स्वीकार किया कि ये ऑपरेशन केवल पॉज किया गया है. पाकिस्तान की ओर से अगर कुछ हुआ तो ये ऑपरेशन फिर से शुरू होगा.
'विरोधी को चुकाना था ऑपरेशन का उद्देश्य'
ऑपरेशन सिंदूर का ओवरऑल पॉलिटिको मिलिट्री का उद्देश्य (Overall politico-military objective) ये था कि आतंकवाद के रूप में प्राक्सी वार लड़ रहे पाकिस्तान को सजा दी जाए. इसी वजह से सशस्त्र बलों को पूरी छूट दी गई थी, कि वो अपने टारगेट खुद चुनें और करारा जवाब दें. इस ऑपरेशन का उद्देश्य कभी-भी युद्ध छेड़ना नहीं था, बल्कि फोर्स के प्रदर्शनात्मक इस्तेमाल से विरोधी को झुकने के लिए मजबूर करना था.
इससे पहले उन्होंने कहा, सबसे पहले मैं इस सदन के माध्यम से देश के उन वीर सपूतों को उनकी बहादुर के लिए नमन करता हूं जो इस राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए सदैव तैयार और तत्पर रहते हैं. साथ ही मैं उन सैनिकों की स्मृति को भी नमन करता हूं, जिन्होंने भारत की एकता और अखण्डता सुनिश्चित करने के लिए अपना सर्वस्व बलिदान कर दिया. मैं पूरे देश की तरफ से सेनाओं के सभी जवानों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं.
6-7 मई को दिया गया ऑपरेशन को अंजाम
रक्षा मंत्री ने आगे कहा, 6 और 7 मई 2025 को भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के नाम से एक ऐतिहासिक सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया. वह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, बल्कि ये भारत की संप्रभुता, उसकी अस्मिता, देश के नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और आतंकवाद के खिलाफ हमारी नीति का एक प्रभावशाली और निर्णायक प्रदर्शन था.
ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले हमारी सेनाओं ने हर पहलू का गहराई से अध्ययन किया. हमारे पास कई विकल्प थे, लेकिन हमने उस विकल्प को चुना. जिसमें आतंकवादियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुंचे और जिसमें पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति न हो.
9 आतंकी ठिकानों को बनाया निशाना
राजनाथ सिंह ने आगे कहा, 'हमारी सेनाओं द्वारा की गई, well Co-ordinated strikes ने, 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और ध्वस्त कर दिया. भारतीय सेना की इस कार्रवाई में करीब 100 आतंकी मारे गए हैं. इनमें से ज्यादातर आतंकी जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों से संबंधित थे. ये वही आतंकी संगठन हैं, जिन्हें पाकिस्तान की सेना और ISI का खुला समर्थन प्राप्त है.
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले हमारी सेनाओं ने हर पहलू का गहराई से अध्ययन किया. हमारे पास कई विकल्प थे, लेकिन हमने उस विकल्प को चुना, जिसमें आतंकवादियों और उनके ठिकानों को अधिकतम नुकसान पहुंचे और जिसमें पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति न हो.
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