झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन 5 फरवरी को विश्वास मत के लिए विधानसभा में होने वाले विशेष सत्र में भाग ले सकेंगे. उन्हें इसके लिए कोर्ट से परमिशन मिल गई है. बता दें कि झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार 5 फरवरी को विश्वास मत हासिल करेगी. मंत्री आलमगीर आलम ने ये बात कैबिनेट बैठक के बाद कही थी. झामुमो विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आलमगीर आलम ने कहा था कि राज्य में झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा बहुमत साबित करने के लिए शक्ति परीक्षण 5 फरवरी को दो दिवसीय विधानसभा सत्र के पहले दिन होगा. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की अध्यक्षता में सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया.
बता दें कि कैबिनेट ने बहुमत हासिल करने के लिए 5 और 6 फरवरी को विधानसभा सत्र बुलाया है. इस सत्र में सरकार विश्वास और बहुमत का प्रदर्शन करेगी. राजीव रंजन एडवोकेट जनरल बने रहेंगे. इसके साथ ही 9 फरवरी से 29 फरवरी तक चलने वाला बजट सत्र रद्द कर दिया गया है. झारखंड सरकार अभी बजट का ऐलान नहीं करने जा रही है.
झारखंड में 2 फरवरी को नई सरकार और नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी हुई थी. कांग्रेस कोटे से आलमगीर आलम और राजद कोटे से सत्यानंद भोक्ता ने कैबिनेट मंत्री की शपथ ली है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सभी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई थी.
झारखंड में नए सीएम की कवायद तब शुरू हुई, जब कथित जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. हेमंत ने पहले राजभवन जाकर सीएम पद से इस्तीफा दिया, उसके बाद ईडी के गिरफ्तार करने वाले मैमो पर साइन किए. हेमंत के ईडी कस्टडी में जाने पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और गठबंधन में शामिल दलों ने चंपई सोरेन को विधायक दल के नेता के रूप में चुना था.
सत्यजीत कुमार