Gyanvapi Masjid Hearing: 'शिवलिंग' की पूजा, वजूखाने की शिफ्टिंग... 7 मांगें जिनपर वाराणसी कोर्ट में आज होगी सुनवाई

Gyanvapi Masjid Hearing: ज्ञानवापी मस्जिद के मसले पर वाराणसी कोर्ट में आज सुनवाई होनी है. इसमें शिवलिंग कही जा रही वस्तु की पूजा, वजूखाने की शिफ्टिंग की मांग को भी कोर्ट सुनेगा.

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ज्ञानवापी मस्जिद मामला वाराणसी जिला कोर्ट को ट्रांसफर किया गया है ज्ञानवापी मस्जिद मामला वाराणसी जिला कोर्ट को ट्रांसफर किया गया है

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 मई 2022,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST
  • ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर कुल 3 याचिका दायर हुईं
  • जिला जज डॉक्टर अजय कुमार विश्वेश करेंगे सुनवाई

ज्ञानवापी मस्जिद मामले (gyanvapi masjid case) पर वाराणसी कोर्ट में आज सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद होने वाली इस सुनवाई में कोर्ट हिंदू और मुस्लिम पक्ष दोनों की बातें सुनेगा. कोर्ट के सामने कुल तीन याचिकाएं दायर हुई हैं. इसमें दोनों पक्षों की तरफ से अलग-अलग मांगें की गई हैं.

लक्ष्मी देवी, राखी सिंह, सीता साहू, मंजू व्यास, रेखा पाठक ने हिंदू पक्ष की तरफ से याचिकाएं दायर करके अलग-अलग गुजारिश की हैं. वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से मस्जिद कमेटी (Anjuman Intezamia Masjid) ने याचिका दायर की थी.

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हिंदू पक्ष की क्या गुजारिश

1. श्रृंगार गौरी की रोजाना पूजा की मांग
2. वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की मांग
3. नंदी के उत्तर में मौजूद दीवार को तोड़कर मलबा हटाने की मांग
4. शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई जानने के लिए सर्वे की मांग
5. वजूखाने का वैकल्पिक इंतजाम करने की मांग

मुस्लिम पक्ष ने रखी क्या मांग

1. वजूखाने को सील करने का विरोध
2. 1991 एक्ट के तहत ज्ञानवापी सर्वे और केस पर सवाल

8 हफ्ते में पूरी होनी है सुनवाई

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इस सुनवाई के निर्देश दिये थे. सुप्रीम कोर्ट ने अदालत को 8 हफ्ते में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया है.

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जिला जज डॉक्टर अजय कुमार विश्वेश ने निर्देश दिया है कि आज ज्ञानवापी मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में केवल केस से संबंधित वकील ही मौजूद रहेंगे. जिला कोर्ट के बाहर भी सुरक्षा बढ़ाई गई है. इसके साथ-साथ जज ने बेल की सभी याचिकाओं को ट्रांसफर कर दिया है, जिला जज आज सिर्फ ज्ञानवापी के मसले पर सुनवाई करेंगे.

इससे पहले हिंदू पक्ष की तरफ से याचिका दायर करने वालीं पांच महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में भी अपना पक्ष रखा था. इसमें उन्होंने कहा था कि इतिहासकारों ने यह पुख्ता किया है कि मुगल सम्राट औरंगजेब ने 9 अप्रैल 1669 में एक फरमान जारी किया था. इसमें आदि विश्वेश्वर (काशी विश्वनाथ) को नष्ट करने की मांग की थी.

कहा गया है कि मस्जिद वाली जमीन किसी वक्फ की नहीं है बल्कि काशी विश्वनाथ की है. याची महिलाओं ने कहा कि मंदिर की जमीन पर मुस्लिमों द्वारा बनाई गई चीज सिर्फ आकृति कहलाएगी, मस्जिद नहीं.

दूसरी तरफ मस्जिद कमेटी Anjuman Intezamia Masjid अभी भी मस्जिद के सर्वे का विरोध कर रहा है. उनका कहना है कि मस्जिद में वजू और नमाज पिछले करीब 500 सालों से हो रही है. उन्होंने वजूखाने को सील करने का भी विरोध किया है. बता दें कि सर्वे में सामने आया था कि मस्जिद के वजूखाने में एक कुआं है, जिसमें शिवलिंग जैसी दिखने वाली चीज है. अबतक मुस्लिम पक्ष इसको फव्वारा बता रहा है.

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