यासीन मलिक को सजा सुनाने वाले जज की बढ़ेगी सुरक्षा, मिलेगा Y कैटेगरी का सिक्युरिटी कवर

यासीन मलिक को सजा सुनाने वाले जज की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी. बताया जा रहा है कि टेरर फंडिंग के मामले में सजा सुनाने वाले जज प्रवीण सिंह को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी जा सकती है. अभी उनके पास X कैटेगरी की सुरक्षा है.

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यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

कमलजीत संधू

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2022,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST
  • NIA कोर्ट के जज प्रवीण सिंह ने सुनाई यासीन मलिक को सजा
  • टेरर फंडिंग के मामले में दोषी पाया गया यासीन मलिक

यासीन मलिक को सजा सुनाने वाले जज की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी. बताया जा रहा है कि टेरर फंडिंग के मामले में सजा सुनाने वाले जज प्रवीण सिंह को Y कैटेगरी की सुरक्षा दी जा सकती है. अभी उनके पास X कैटेगरी की सुरक्षा है. 

यासीन मलिक को NIA कोर्ट के जज प्रवीण सिंह ने टेरर फंडिंग के मामले में दोषी पाते हुए दो केसों में उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही यासीन मलिक पर 10 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. यासीन मलिक के खिलाफ NIA ने 2017 में मामला दर्ज किया था. इस मामले में सुनवाई के वक्त यासीन मलिक ने अपने गुनाहों को कबूल कर लिया था. इसके बाद जज ने यासीन मलिक को दोषी ठहराया था. 

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UAPA के तहत दोषी पाया गया यासीन

कोर्ट ने माना है कि मलिक ने 'आजादी' के नाम जम्मू कश्मीर में आतंकवादी और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन जुटाने के मकसद से दुनिया भर में एक नेटवर्क स्थापित कर लिया था. 

यासीन मलिक को UAPA की धारा 18, 19, 20, 38 और 39 के तहत दोषी पाया गया. धारा 38 तब लगती है, जब आरोपी के आतंकी संगठन से जुड़े होने की बात पता चलती है. धारा 39 आतंकी संगठनों को मदद पहुंचाने पर लगाई जाती है. गैरकानूनी संगठनों, आतंकवादी गैंग और संगठनों की सदस्यता को लेकर इसमें कड़ी सजा का प्रावधान है. सरकार द्वारा घोषित आतंकी संगठन का सदस्य पाए जाने पर आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है. वहीं, धारा 121 A राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने या युद्ध का प्रयास करने पर लगाई जाती. 

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